स्किल इंडिया प्रोग्राम ने झारखंड में आंत्रप्रेन्योरशिप को बढ़ावा दिया
NIESBUD ने शैक्षणिक संस्थानों में आंत्रप्रेन्योरशिप को संयुक्त रूप से बढ़ावा देने के लिए झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (CUJ) रांची के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त प्रतिष्ठान राष्ट्रीय उद्यमशीलता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (NIESBUD) ने भारत में तकनीकी तथा व्यावसायिक शिक्षा में आपसी सहयोग के अवसरों की पहचान करने और उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रांची के झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (CUJ) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस समझौता ज्ञापन का प्रारंभिक उद्देश्य उद्यमिता कौशल, उद्यमिता शिक्षा और प्रशिक्षण के सतत विकास की दिशा में NIESBUD तथा रांची के झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (CUJ) की शक्तियों का सामूहिक दोहन करना है। सहयोग का लक्ष्य पारस्परिक रूप से सहमत, सहयोगी और मूल्य वर्धित कार्यक्रमों, नीतियों व पाठ्यक्रम की एक श्रृंखला के माध्यम से परिसर के भीतर और उसके बाहर उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एक अनुकूल वातावरण तैयार करना है।
NIESBUD और झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय आपसी साझेदारी के तहत झारखंड के उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए मिलकर कार्य करेंगे। इसका परिणाम प्रौद्योगिकी, ज्ञान, प्रबंधन और संसाधनों के मामले में उनकी संबंधित संस्थागत विशेषज्ञता का विस्तार करके हासिल किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, संस्थान उद्यमिता कौशल और शिक्षा के क्षेत्रों में प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण का एक कार्यक्रम आयोजित करेंगे। इसके अलावा, दोनों संस्थान एक साथ काम करके भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (ITEC) देशों के लिए प्रस्तावों तथा प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का सह-निर्माण करेंगे। इसके साथ ही, वे छात्रों को उद्यमिता की बारीकियों को समझने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए सामान्य हित के क्षेत्र में संगोष्ठियों/कार्यशालाओं/आउटरीच कार्यक्रमों जैसी संयुक्त गतिविधियां भी आयोजित करेंगे।
यह साझेदारी उद्यमिता के क्षेत्र में नए कार्यक्रमों व नई नीतियों के बेहतर निर्माण के लिए संस्थागत क्षमता के भीतर सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों के आदान-प्रदान और संसाधनों तथा ज्ञान के भंडार तक पहुंच प्रदान करेगी।
समझौता ज्ञापन पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि उद्यमी देश की अर्थव्यवस्था के चालक हैं, वे विकास को प्रोत्साहित करते हैं और नए रोजगार पैदा करते हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले कल के उदीयमान नवोन्मेषकों के बीच उद्यमशीलता कौशल और उत्साह पैदा करना भारत को नवाचार का केंद्र बनाने की दिशा में राष्ट्रीय प्रयास का ही एक हिस्सा है।
राजेश अग्रवाल ने कहा कि यह साझेदारी उभरते उद्यमियों के लिए एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने का भरोसा देती है, जो देश के अनुसंधान और औद्योगिक विकास को भी आगे बढ़ाएगी। मंत्रालय इस तरह की पहल के साथ भारत में तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा में नवाचार व उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ रहा है और नई नीतियों तथा पाठ्यचर्या कार्यक्रमों को सक्रिय रूप से सह-निर्मित कर रहा है।
राष्ट्रीय उद्यमशीलता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (NIESBUD) की निदेशक डॉ पूनम सिन्हा और झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर क्षिति भूषण दास तथा ऊर्जा इंजीनियरिंग विभाग की प्रमुख डॉ देवदास लता के बीच कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के सचिव राजेश अग्रवाल की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए और इनका आदान-प्रदान किया गया।
समझौता ज्ञापन पांच साल की अवधि के लिए वैध होगा। उचित योजना, समीक्षा तथा कार्यान्वयन पर सहयोग करने के लिए दोनों संस्थान आवश्यकतानुसार और समझौता ज्ञापन की अपेक्षाओं के आधार पर उपयुक्त प्रतिनिधियों की नियुक्ति करेंगे।
Edited by Ranjana Tripathi