सोलर टेक्नोलॉजी और उसका घरेलू उपयोग और भविष्य
सूर्य पृथ्वी के लिए सबसे विश्वसनीय और प्रचुर ऊर्जा स्रोतों में से एक है. परिणामस्वरूप, सौर ऊर्जा के उपयोग में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है, और निकट भविष्य में इसके ऊर्जा परिदृश्य में और भी वृद्धि होने की उम्मीद है.
सोलर टेक्नोलॉजी सोलर एनर्जी से सम्बंधित है जिसका प्रचलन के हाल के दिनों में बढ़ा है. बड़े संगठनों द्वारा और व्यक्तिगत उपयोग के लिए घरों में सौर ऊर्जा को एकीकृत किया जाता है. आज लोग बड़ी संख्या में सोलर एयर कंडीशनर, सोलर इन्वर्टर, सोलर रेफ्रीजिरेटर और सोलर इंडक्शन चूल्हा का उपयोग अपने घरों पर कर रहे हैं. सौर ऊर्जा का नवीकरणीय ऊर्जा का विकल्प होना और पर्यावरण-अनुकूल ऊर्जा आपूर्ति ही एकमात्र कारक नहीं है जिसके कारण लोगों का झुकाव इस ओर हुआ है अपितु इसके और भी कई फायदे हैं. यथा - ऊर्जा हेतु आत्मनिर्भरता, इलेक्ट्रिक बिल से मुक्ति, कम लागत और लॉन्ग टर्म सेविंग, लो मैनटैनिंग कॉस्ट आदि. कई कम्पनियाँ आपके लिए सौर पैनल स्थापना प्रक्रिया को सरल बनाती हैं, ताकि उपभोक्ता को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े.
कैसे काम करता है सोलर पैनल ?
सौर पैनलों में अर्धचालक सामग्री (जैसे सिलिकॉन) से बनी फोटोवोल्टिक (पीवी) कोशिकाएं होती हैं जो सूर्य से फोटॉन नामक मौलिक कणों को अवशोषित करती हैं. जब पैनल द्वारा इसे अवशोषित किया जाता है, तो फोटॉन अर्धचालक सामग्री के परमाणुओं से इलेक्ट्रॉनों को छोड़ते हैं और सेल के भीतर इन इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह एक विद्युत प्रवाह बनाता है जिसे हम अपने सर्किट में निर्देशित कर सकते हैं. यानी, सोलर पैनल द्वारा सूर्य के प्रकाश से विद्युत ऊर्जा प्राप्त किया जाता है.
सौर पैनलों को कहीं भी सूरज की रोशनी की प्रचुरता के साथ रखा जा सकता है, जैसे खुले मैदान या छत. पैनल जितनी अधिक रोशनी के संपर्क में रहेंगे, बिजली उत्पादन की क्षमता उतनी ही अधिक होगी. औसत सौर पैनल लगभग 25-30 वर्षों तक कारगर होता है. इस समय के बाद भी सौर पैनल बिजली का उत्पादन कर सकता है लेकिन दक्षता और ऊर्जा उत्पादन में गिरावट हो सकता है.
सौर ऊर्जा कितनी टिकाऊ है?
सौर ऊर्जा निश्चित रूप से जीवाश्म ईंधन की तुलना में अधिक टिकाऊ है. जहाँ एक ओर ट्रेडिशन एनर्जी सोर्स की आपूर्ति सीमित है और जलने पर हानिकारक ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन होता है, वहीं दूसरी ओर सोलर एनर्जी असीमित और पर्यावरण के अनुकूल.ग्रिड पावर के बदले में सौर ऊर्जा का उपयोग, अपने उपयोग के चार वर्षों के भीतर उत्पादन के उत्सर्जन और कार्बन पदचिह्न को संतुलित कर देता है. इसके अतिरिक्त, सौर पैनल अंततः पुनर्चक्रण योग्य होते हैं, क्योंकि वे कांच, धातु और सिलिकॉन से बने होते हैं. परन्तु वर्तमान में, हमारे पास इसकेलिए पर्याप्त बुनियादी ढांचे का अभाव है.
क्या है सौर ऊर्जा के लिए भविष्य
सूर्य पृथ्वी के लिए सबसे विश्वसनीय और प्रचुर ऊर्जा स्रोतों में से एक है. परिणामस्वरूप, सौर ऊर्जा के उपयोग में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है, और निकट भविष्य में इसके ऊर्जा परिदृश्य में और भी वृद्धि होने की उम्मीद है.
पिछले कुछ वर्षों में सौर ऊर्जा की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है, जिसके जारी रहने की उम्मीद है. सोलर एनर्जी पर हमारी बढ़ती लोकप्रियता के कई प्रमुख कारण हैं , जिसमें सबसे प्रमुख सौर पैनलों की लागत में कमी है, जिसने सूर्य की ऊर्जा का उपयोग पहले से कहीं अधिक किफायती बना दिया है. इसके अतिरिक्त, सौर प्रौद्योगिकी में प्रगति ने इसकी दक्षता में वृद्धि की है, जिससे सौर ऊर्जा प्रणाली आवासीय और वाणिज्यिक दोनों तरह के उपभोक्ताओं के लिए और भी आकर्षक हो गई है.
(लेखक ‘Exalta India’ के फाउंडर हैं. आलेख में व्यक्त विचार लेखक के हैं. YourStory का उनसे सहमत होना अनिवार्य नहीं है.)
Edited by रविकांत पारीक