आपके WhatsApp मैसेज पढ़ रहा है कोई! ESET की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
आज के दौर में सोशल मैसेजिंग प्लेटफॉर्म WhatsApp हमारी ज़िंदगी में क्या अहमियत रखता है; ये हम सभी बखूबी जानते हैं. शायद ही कोई हो जो इसका इस्तेमाल न करता हो. अपने बेहतरीन फीचर्स के चलते यह स्मार्टफोन यूजर्स के लिए एक जरूरत बन चुका है. फिर चाहे किसी से चैट करनी हो, कोई डॉक्यूमेंट भेजना हो, किसी से ऑडियो या वीडियो कॉल करनी हो. परन्तु क्या आप जानते हैं कि WhatsApp पर यूजर्स जो भी मैसेज, चेट या ऑडियो-वीडियो कॉल करते हैं, उनकी पूरी रिकॉर्डिंग की जा सकती है? यही नहीं, यही इसके जरिए आपके Gmail के पासवर्ड, बैंक की लॉग-इन डिटेल्स आदि को भी चुराया जा सकता है और आपके बैंक अकाउंट से पैसे चुराए जा सकते हैं.
साइबर सिक्योरिटी रिसर्च फर्म ESET की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत के लाखों WhatsApp यूजर्स की जासूसी लंबे समय से हो रही है. ऐसा WhatsApp का क्लोन ऐप बनाकर किया जा रहा है. क्लोन ऐप, वे ऐप होते हैं जो हूबहू ओरिजिनल ऐप की तरह ही दिखते हैं, और वैसे ही काम भी करते हैं, लेकिन ये आपकी निजी जानकारियां चुराते हैं. WhatsApp का भी एक क्लोन है, जिसका नाम है - GB WhatsApp. हालांकि यह ऐप गूगल प्ले-स्टोर पर तो नहीं है लेकिन लोग इसे APK फाइल के जरिए इंस्टॉल कर रहे हैं और इस्तेमाल कर रहे हैं. मेटा ने कहा है कि GB WhatsApp के लगातार इस्तेमाल के बाद आपका WhatsApp नंबर हमेशा के लिए बैन हो सकता है.
GB WhatsApp में ऐसे भी फीचर्स मिलते हैं जो असली WhatsApp ऐप में भी नहीं हैं. इस ऐप में कलरफुल चैटिंग का विकल्प मिलता है. इसके अलावा आप भेजे हुए मैसेज को किसी भी वक्त वापस ले सकते हैं और डिलीट हुए मैसेज को भी किसी भी वक्त पढ़ा जा सकता है, लेकिन इस ऐप की सबसे बड़ी समस्या यह है कि यह सिक्योर नहीं है और इसके चैट भी सिक्योर नहीं हैं. तो यदि आप भी GB WhatsApp ऐप इस्तेमाल करते हैं तो तुरंत इसे डिलीट करें और व्हाट्सऐप का असली ऐप इस्तेमाल करें.
ESET ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि 2022 में भारत में एंड्रॉयड थ्रेट डिटेक्शन 9.5 फीसदी तक पहुंच गया है, जबकि स्पाईवेयर में पिछले साल के मुकाबले 109 फीसदी का इजाफा हुआ है. स्पाईवेयर में इजाफे का सबसे बड़ा कारण यह है कि लोकप्रिय ऐप का क्लोन ऐप हिट हो जाता है.
आपकी बता दें कि चीन के बाद भारत Mozi के लिए दूसरा सबसे बड़ा अड्डा है. Mozi एक IoT बोटनेट है. बोटनेट ऐसे वायरस वाले कंप्यूटर का सबसे बड़ा नेटवर्क है जिसे रिमोटली कंट्रोल किया जा सकता है. इस कंप्यूटर के जरिए यूजर की जानकारी के बिना उसकी जासूसी आराम से की जा सकती है. GB WhatsApp भी इस कंप्यूटर से कंट्रोल होता है.
ESET ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आम तौर पर ऐसे ऐप्स एंड्रॉयड प्ले स्टोर और एप्पल स्टोर पर नहीं होते हैं बल्कि थर्ड पार्टी प्लेटफॉर्म्स के जरिए इंस्टॉल किए जाते हैं. इस कारण इनकी जांच और स्क्रूटनी नहीं हो पाती और ये यूजर के फोन में आसानी से इंस्टॉल हो जाते हैं.
आप जब भी कोई ऐप इंस्टॉल करें तो केवल Goole Play Store या Apple Store से ही ऐप डाउनलोड करें. कभी भी किसी थर्ड पार्टी का ऐप अपने स्मार्टफोन में इंस्टॉल न करें. साथ ही अपने मोबाइल में मौजूद सभी ऐप्स को लेटेस्ट ऐप पर अपडेट रखें ताकि किसी तरह की कोई समस्या नहीं आएं.