[स्टार्टअप भारत] भोपाल के इस स्टार्टअप ने पेश की है इंटरैक्टिव योगा ऐप
महामारी के दौरान घर पर कसरत करने को और आगे बढ़ाने के उद्देश्य से Zyoga की कल्पना की गई थी। करीब 5,000 यूजर्स के साथ यह स्टार्टअप अपने प्लेटफॉर्म पर अन्य फिटनेस कार्यक्रमों को शामिल करना चाहता है।
फिटनेस अब महज फैंसी जिम और पार्क में जाने भर के बारे में नहीं है, यह अब हमारे घरों के भीतर ही रहते हुए पाई जा सकती है। जैसा कि हम महामारी के दौर से आगे बढ़ रहे हैं, ऐसे में हम स्वस्थ रहने के तरीके भी खोज रहेते हैं और ऐसे में कई ऐप नेहमारे शारीरिक स्वास्थ्य को नियंत्रण में रखने में हमारी मदद की है।
ऐप एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म App Annie के अनुसार 2020 में करीब 71,000 नए फिटनेस और हेल्थ ऐप लॉन्च किए गए, जो 2019 की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित योग ऐप
इस समय के साथ आगे बढ़ते हुए काम कर रही है। फरवरी 2021 में भोपाल के एक कंप्यूटर साइंस ग्रेजुएट और सीरियल एंटरप्रेन्योर अमितेश मिश्रा और उनके बैचमेट विभु त्रिपाठी द्वारा लॉन्च की गई Zyoga ऐप एक सामान्य ऑनलाइन क्लास की तरह ही योग सेशन प्रदान करती है, हालांकि इसमें कुछ बदलाव भी हैं।अमितेश ने YourStory को एक बातचीत में बताया, “जब आप घर पर योग करते हैं, तो आप एक वीडियो फॉलो करते हैं। हालांकि, ज्यादातर समय कोई मानवीय संपर्क नहीं होता है। Zyoga के साथ आपके पास न केवल वीडियो है, बल्कि यह आपको यह भी बता सकता है कि आप सही मुद्रा कर रहे हैं या नहीं।”
ऐसे काम करती है ऐप
वह बताते हैं कि उन्होंने इसके लिए कैसे काम किया। संस्थापकों ने विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षकों को काम पर रखा और उन्हें योग करते हुए रिकॉर्ड किया। एक बार वीडियो रिकॉर्ड हो जाने के बाद, इसे ऐप की AI तकनीक में फीड कर दिया गया। अब, जब भी कोई यूजर दिनचर्या का पालन करता है, तो ऐप स्मार्टफोन के फ्रंट कैमरे के माध्यम से यूजर की मुद्रा को स्कैन करता है और इसकी तुलना उन वीडियो से करता है जो प्रशिक्षकों ने सिस्टम में फीड किए हैं। अगर दोनों में कोई अंतर होता है तो ऐप यूजर्स को इसकी जानकारी देता है।
वे कहते हैं, "ऐप इसमें विकल्प भी सुझाता है जब आप आपको दिखाए गए तरीके को करने में सक्षम नहीं होते हैं।"
अमितेश और विभु का मानना है कि योग कसरत का सबसे कठिन रूप है। अमितेश कहते हैं, "इतने सारे आसनों और मुद्राओं के साथ इस प्राचीन रूप का अभ्यास कम लोग ही करते हैं और हमने सोचा कि अगर हम व्यायाम के सबसे कठिन रूप को अपने ऐप में शामिल कर सकते हैं तो अन्य वर्कआउट को इसमें जोड़ना आसान होगा।”
299 रुपये और 1,499 रुपये प्रति माह के बीच सदस्यता के साथ यह ऐप मुफ्त और शुल्क के साथ मौजूद हैं।
20-24 लाख रुपये के निवेश के साथ बूटस्ट्रैप Zyoga फंडिंग जुटाने की ओर बढ़ रही है। संस्थापकों ने सटीक राजस्व साझा करने से परहेज किया, लेकिन वे इस साल के अंत से पहले अपने राजस्व के 10 लाख रुपये से ऊपर होने की उम्मीद कर रहे हैं।
संस्थापक योग का भी शुभारंभ करेंगे, जिसका अभ्यास गर्भवती महिलाएं कर सकती हैं। इसमें ध्यान केंद्रित करने और बच्चों के योग वाली श्रृंखला शामिल होगी।
5,000 के करीब यूजरबेस ऐप में भारत, अमेरिका और कनाडा सहित अन्य देशों के यूजर हैं। अपने लॉन्च के बाद से फर्म का दावा है कि उसने किसी भी प्रकार की मार्केटिंग नहीं की है और इसमें लगभग 3,000 ऑर्गेनिक यूजर्स हैं, बाकी कॉर्पोरेट क्लाइंट हैं। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 25,000 यूजर्स को जोड़ने का लक्ष्य है।
अमितेश कहते हैं, “हम अपने ग्राहकों के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए कार्यक्रम भी प्रदान करते हैं। हमारा एक ग्राहक अपने कर्मचारियों के लिए चेयर योगा चाहता था। हमने उनके लिए एक कार्यक्रम तैयार किया है और इसे अन्य यूजर्स के लिए अपनी मौजूदा प्लान में जोड़ने की योजना है।”
अमितेश और उनके सह-संस्थापक भी दुनिया भर में योग के बढ़ते बाजार का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं।
कैसा है बाज़ार
Statista के अनुसार योग पूरे अमेरिका में स्वास्थ्य उद्योग के राजस्व में 9.9 बिलियन का योगदान देता है, जबकि योग और पाइलेट्स क्लास की बाजार हिस्सेदारी 51.3 प्रतिशत है।
अब तक Zyoga ऑर्गैनिक तौर पर बढ़ रहा है, लेकिन अब फर्म भारत और विदेशों में कुछ आक्रामक मार्केटिंग करने की योजना बना रही है।
आज स्टार्टअप भारत के हर इलाके में तैयार हो रहे हैं, अमितेश बताते हैं कि टेक को काम पर रखना सबसे बड़ी चुनौती है।
अमितेश कहते हैं, “भोपाल के इंजीनियरिंग कॉलेजों से स्नातक करने वाले लोग बैंगलोर या दिल्ली में जाकर काम करना चाहते हैं। इससे हमारे लिए उन्हें आकर्षित करना मुश्किल हो जाता है।”
छह महीने में बनी कंपनी ने अकेले अपनी टेक टीम को हायर करने में तीन महीने का समय लिया, लेकिन भले ही भोपाल में तकनीकी पूल छोटा है, प्रतिभा बहुत आकर्षक है, अमितेश कहते हैं, "यदि आप अपने कनेक्शन के माध्यम से यहां किसी को काम पर रखते हैं, तो आप जानते हैं कि वह व्यक्ति काम कर देगा और हमें शायद फिर से काम पर नहीं रखना पड़ेगा।"
Zyoga यूट्यूब पर मुफ्त में उपलब्ध कई वीडियो के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा है और अच्छी तरह से वित्त पोषित प्लेटफॉर्म जिनमें फायरसाइड वेंचर-समर्थित SARVA और Tata Digital-अधिग्रहित
शामिल हैं, स्टार्टअप इनसे भी मुक़ाबला कर रहा है। यह देखा जाना बाकी है कि भारत के भीतरी इलाकों के इस ब्रांड के पास पेश करने के लिए कुछ नया होगा या नहीं।Edited by रविकांत पारीक