स्टार्टअप निवेश : यूनिकॉर्न हंटर कंपनियों में सिकोया कैपिटल इंडिया टॉप पर

स्टार्टअप निवेश : यूनिकॉर्न हंटर कंपनियों में सिकोया कैपिटल इंडिया टॉप पर

Thursday August 15, 2019,

3 min Read

भारत में स्टार्टअप सेक्टर के समांतर उनकी मॉर्किट वेल्युएशन करने वाली कई और तरह की आनुसांगिक कंपनियां डेटा बैंकिंग-मार्किंग (मूल्यांकन) कर रही हैं। एक अरब डॉलर से ज्यादा के वेल्युएशन वाली कंपनियों का क्लब 'यूनिकॉर्न' और 'यूनिकॉर्न हंटर्स' दो ऐसे ही नाम हैं। ताज़ा यूनिकॉर्न हंटर्स में सिकोया कैपिटल इंडिया टॉप पर है। 

 


sc

सांकेतिक फोटो (सोशल मीडिया)



यूनिकॉर्न क्लब में वही स्टार्टअप कंपनियां शामिल होती हैं, जिनका मूल्यांकन एक अरब डॉलर से ज्यादा हो जाता है। जब किसी स्टार्टअप की मॉर्केट वेल्युएशन एक अरब डॉलर या सात हजार करोड़ रुपए हो जाती है, वह यूनिकॉर्न स्टार्टअप कहलाती है। ऐसे ही स्टार्टअप को पहचान कर उसके शुरुआती दौर में निवेश करने वाले इंवेस्टर 'यूनिकॉर्न हंटर' कहलाते हैं। पिछले साल जब स्‍टार्टअप्‍स सेक्‍टर में निवेश गतिविधियों में उछाल देखा गया तो उससे पहले दो साल की शिथिलता सुर्खियों में आ चुकी थी, लेकिन बीते साल 2018 में कयास लगाए जाने लगे कि इस साल 2019 में आठ स्टार्टअप्स 'यूनिकॉर्न क्‍लब' में शामिल हो जाएंगे। 


'यूनिकॉर्न क्लब' में शामिल होने के लिए संभावित, वे आठ कंपनियां रही हैं, बिगबॉस्‍केट (80 करोड़ डॉलर), रिवीगो (95 करो़ड़ डॉलर), देल्‍हीवरी (80 करोड़ डॉलर), बुकमाईशो (80 करोड़ डॉलर), प्रैक्‍टो (60 करोड़ डॉलर), ब्‍लैकबक, लेंसकार्ट (50 करोड़ डॉलर), ड्रूम (55 करोड़ डॉलर), अर्बनक्‍लैप (48 करोड़ डॉलर) और शेयरचैट (46 करोड़ डॉलर)। इस बीच छमाही टॉप (2019) की ताजा निवेशगत यूनिकॉर्न हंटर्स की स्थितियों पर नजर डालें तो तीन कंपनियों के नाम सामने आए हैं। इंवेस्टर्स किसी कंपनी में अपना निवेश अपनी खास रणनीति के तहत करते हैं। निवेश्य कंपनी को परखने के लिए हर इंवेस्टर के अपने-अपने मानक होते हैं। 


इस साल के भारतीय यूनिकॉर्न हंटर्स की ताजा तस्वीर सामने आ चुकी है। इस साल 2019 के बीते छमाही में सबसे ज्यादा इन्वेस्टमेंट करने वाली प्राइवेट इक्विटी इन्वेस्टमेंट कंपनी सिकोया इंडिया टॉप पर है। इसके अलावा एस्सेल पार्टनर्स और ब्लूम वेंचर्स ने भी भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को समृद्ध किया है। सिकोया कैपिटल इंडिया की डाउनलिस्ट में दो सौ से ज्यादा कंपनियों और एस्सेल पार्टनर्स सौ से ज्यादा कंपनियों को फंडिंग कर चुकी है। इसके अलावा ब्लूम वेंचर एडवाइजर्स की डाउनलिस्ट में कैशीफाई, डुंजो, प्रिंटो, यूनोकोइन, हेल्दीफाईमी, बीहाइव वर्कस्पेस जैसी बड़ी कंपनियां हैं।


इन तीन कंपनियों को मिलाकर अब तक कुल सात कम्पनियां यूनिकॉर्न स्टार्टअप लिस्ट में आ चुकी हैं। पिछले साल भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए और विश्व में बिज़नेस एस्टेब्लिशमेंट में प्रथम स्थान हासिल कर 10 नए स्टार्टअप्स यूनिकॉर्न स्टार्टअप में शामिल हो गए। उससे पहले ये रिकॉर्ड चार नए यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स का रहा था। अभी तक 2019 में यूनिकॉर्न लिस्ट में शामिल हुए स्टार्टअप्स में कुछ तो बेहद अनपेक्षित रहे, जो अन्य स्टार्टअप्स से आगे निकल गए। सिएटल और पुणे स्थित इकेर्टिस 2009 में शुरू हुई ऐसी ही कम्पनी है।


हाल ही में स्टार्टअप कंपनियों में शुरुआती निवेश करने वाली कंपनी वेंचर कैटेलिस्ट्स ने बेहतर संभावनाओं वाली स्टार्टअप कंपनियों की पहचान करने और उनका तेजी से विकास सुनिश्चित करने के लिए 300 करोड़ रुपये का समर्पित कोष '9 यूनिकॉर्न्स' पेश किया है। यह एक ‘एक्सीलरेटर वेंचर कैपिटल’ कोष है, जो मुख्यतः इलेक्ट्रिक वाहन, वर्चुअल रियलिटी, कृत्रिम मेधा, वित्त प्रौद्योगिकी, उपभोक्ता उत्पाद श्रेणी में निवेश करेगा। '9यूनिकॉर्न्स' के सह-संस्थापक-प्रबंध निदेशक डॉ. अपूर्व रंजन शर्मा के मुताबिक, इस कोष को बनाने का मकसद स्टार्टअप क्षेत्र में रूपांतरण लाने के साथ ही उन्हें एक प्रभावी कारोबारी मॉडल बनाने और उनके विफल होने का जोखिम कम करने में मदद कर रहा है।