AI की बढ़ती लोकप्रियता के बीच दिल्ली का यह स्टार्टअप ह्यूमन ट्रांसलेटर्स पर दांव लगा रहा है
सहज कोहली द्वारा 2021 में शुरू किया गया Kalakrit ट्रांसलेशन, ट्रांसक्रिप्शन, वॉइस-ओवर, डबिंग, सबटाइटल्ल और इंटरप्रिटेशन (व्याख्या) जैसी सेवाएं मुहैया करता है. अब तक इसने 150 भाषाओं में 350 से अधिक प्रोजेक्ट्स पर काम किया है.
चैटजीपीटी (ChatGPT) जैसे जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) टूल्स ने ट्रांसलेशन इंडस्ट्री पर अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. वहीं, दिल्ली स्थित स्टार्टअप
अपनी ट्रांसलेशन और वॉइस-ओवर सर्विसेज के "100% ह्यूमन-बेस्ड सॉल्यूशन" के साथ आगे बढ़ रहा है.Kalakrit के फाउंडर और सीईओ सहज कोहली YourStory से बात करते हुए बताते हैं, “चैटजीपीटी और दूसरे AI टूल सामान्य वाक्यों या शब्दों के अनुवाद के लिए बहुत अच्छे हैं. लेकिन जब जनसांख्यिकी (demographics), कई क्षेत्रों, डोमेन (मार्केटिंग, लीगल, सब्जेक्ट मैटर), लंबाई (किताबें, पैसेज, वर्कशीट, वेबसाइट आदि) के अनुसार कंटेंट के ट्रांसलेशन की बात आती है, तो AI सही संदर्भ में इसका अनुवाद नहीं कर सकता है."
कोहली द्वारा 20,000 रुपये के शुरुआती निवेश के साथ 2021 में शुरू किया गया Kalakrit मल्टीलिंग्वल कम्यूनिकेशन प्रोवाइडर है जो ट्रांसलेशन, ट्रांसक्रिप्शन, वॉयस-ओवर, डबिंग, सबटाइटल्स और इंटरप्रिटेशन (व्याख्या) जैसी सेवाएं मुहैया करता है.
फाउंडर के मुताबिक, यह देशी भाषाविदों (linguists) को अपनी सेवाओं के मुख्य संचालकों के रूप में रखने का सचेत प्रयास था.
कोहली बताते हैं, "हमने शुरु से ही तय कर रखा था कि केवल देशी भाषाविद् और कलाकार ही हमारे प्रोजेक्ट्स पर काम करें. इसके लिए हमने कई अलग-अलग मैथड और सिस्टम तैयार किए. Kalakrit अपने ट्रांसलेशन या वॉइस ओवर के लिए किसी भी प्रकार की मशीनों या AI टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नहीं करता है.”
कैसे हुई शुरुआत
कोहली के अनुसार, स्टैंडर्ड ट्रांसलेशन अप्रोच वाली ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए इंडस्ट्री फ्लैक्सीबल नहीं है. यही वह समस्या थी जिसने उन्हें अपना वेंचर शुरू करने के लिए प्रेरित किया.
उदाहरण के लिए, उनके एक प्रोजेक्ट पर, कस्टमर स्क्रिप्ट को रोमन में रखते हुए कंटेंट को 12 भारतीय भाषाओं में ट्रांसलेट करना चाहते थे. हालाँकि, यह पारंपरिक अनुवाद विधियों के माध्यम से संभव नहीं था. कोहली को क्लाइंट के लक्षित दर्शकों को आकर्षित करने वाले कंटेंट को ट्रांसलेट और ट्रांसक्रिएट करने के लिए फ्रीलांसरों की एक टीम को प्रशिक्षित करना पड़ा.
कोहली कहते हैं, "इसने मुझे एक ऐसी कंपनी बनाने के लिए प्रेरित किया जो सीमाओं से मुक्त हो और ग्राहक की जरूरतों के अनुसार इसे ढाल सके, जिसे हम 'मॉडर्न ट्रांसलेशन' कहते हैं."
दिल्ली स्थित B2B स्टार्टअप मार्केटिंग लोकलाइजेशन, BFSI (बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस), और शपथ अनुवाद (आधिकारिक तौर पर स्वीकृत अनुवाद, एक कानूनी दस्तावेज़ का अनुवाद), साथ ही साथ विभिन्न भारतीय भाषाओं में वॉयसओवर में माहिर है.
यह काम कैसे करता है?
Kalakrit, जिसने अब तक 150 भाषाओं में 350 से अधिक प्रोजेक्ट्स पर काम किया है, ग्राहकों को प्री-डिलीवरी और पोस्ट-डिलीवरी सहायता देता है.
कोहली कहते हैं, "भारतीय भाषाओं के लिए, हमने पहले से ही सभी डोमेन और अलग-अलग ट्रांसलेशन स्टाइल्स को पूरा करने वाली भाषाविदों की टीम बनाई है."
यह फाइनेंस, लीगल, मेडिकल, टेक्नोलॉजी और कई अन्य जैसे 15 भाषाई विषय डोमेन में विशेषज्ञता रखता है. कोहली दावा करते हैं कि Kalakrit के काम में 98-99% सटीकता है.
वे आगे बताते हैं,"क्वालिटी कंट्रोल एक ऐसा मुद्दा है जिसका सामना पूरी इंडस्ट्री कर रही है, और जो कोई भी इसे सॉल्व करने में सक्षम है, वह मार्केट का राजा बन जाएगा. भाषा संस्कृति, डोमेन और क्षेत्रों के अधीन है, यही वजह है कि क्वालिटी को कंट्रोल करने और आउटपुट की गणना करने के लिए कोई मात्रात्मक उपाय लागू नहीं किया जा सकता है."
वोकल फॉर लोकल
स्थानीयकरण (Localisation) किसी विशेष क्षेत्र या देश में विशिष्ट लक्षित दर्शकों की सांस्कृतिक और भाषाई प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए कंटेंट, प्रोडक्ट्स या सर्विसेज को अपनाने की प्रक्रिया को संदर्भित करता है.
कोहली कहते हैं, "इसमें केवल अनुवाद के अलावा और भी बहुत कुछ शामिल है क्योंकि यह लक्षित दर्शकों के स्थानीय सांस्कृतिक मानदंडों, रीति-रिवाजों और भाषाई अंतरों को ध्यान में रखता है."
Kalakrit की लोकलाइजेशन सर्विसेज में टेक्स्ट, ऑडियो, वीडियो, या मल्टीमीडिया कंटेंट का लक्षित भाषा(ओं) में अनुवाद शामिल है; लक्षित दर्शकों की सांस्कृतिक प्राथमिकताओं के अनुरूप तस्वीरों, ग्राफिक्स और दूसरे विजुअल एलिमेंट्स का अनुकूलन; लोकलाइज्ड टेस्टिंग और क्वालिटी एश्योरेंस के साथ-साथ सांस्कृतिक परामर्श और मार्गदर्शन आदि.
कोहली कहते हैं, "लोकलाइजेशन सॉल्यूशन प्रोवाइडर बिजनेसेज को सफलतापूर्वक नए बाजारों में प्रवेश करने, उनकी पहुंच का विस्तार करने और दुनिया भर के दर्शकों के साथ जुड़ने में मदद कर सकते हैं जो उनके साथ सांस्कृतिक और भाषाई स्तर पर प्रतिध्वनित होता है."
बिजनेस मॉडल
Kalakrit प्रोजेक्ट के हिसाब से फीस लेता है. एक खास प्रोजेक्ट के लिए एक बार फीस, या सर्विस के लिए फीस, जो शब्दों के हिसाब से होती है.
यह 50 से अधिक ब्रांडों के साथ काम करता है, जिनमें Glance, Magicbricks, BYJU'S, MX Player, Apna, और Amazon शामिल हैं. प्लेटफॉर्म यह दावा करता है कि इसके परिणाम 99% सटीक हैं.
वर्तमान में, स्टार्टअप प्रति माह 5-7 नए ब्रांड ऑनबोर्ड करता है और इस साल के अंत तक लगभग 120 ब्रांड जोड़ने की योजना बना रहा है.
फाउंडर सहज कोहली बताते हैं, "एक रेगुलर कंज्यूमर कभी भी ह्यूमन-बेस्ड ट्रांसलेशन के लिए खर्च करने को तैयार नहीं होगा क्योंकि उनके पास तेज़ और सस्ते विकल्प उपलब्ध है. लेकिन बिजनेस, मार्केटिंग एजेंसियां, पीआर एजेंसियां, प्रोडक्शन हाउस और पब्लिकेशन हाउस हमेशा अपने कंटेंट पर काम करने के लिए नेटिव, डोमेन-विशिष्ट भाषाविद् पर भरोसा करेंगे. वे हमारे लक्षित बाजार हैं."
Kalakrit ने वित्त वर्ष 21 में लगभग 11 लाख रुपये, वित्त वर्ष 22 में 34 लाख रुपये और पिछले महीने में 7.5 लाख रुपये का रेवेन्यू हासिल किया. इसके 2023 के अंत तक 1.5 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल करने की उम्मीद है.
Kalakrit की टीम में फिलहाल 10-15 लोग हैं. स्टार्टअप ने 7,000 भाषाविदों के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है. सहज बताते हैं,"अब तक हमारे पास स्थायी कर्मचारियों के रूप में काम करने वाला कोई भाषाविद् नहीं है. हमारे पास दो साल के कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले फ्रीलांसर हैं."
स्टार्टअप Devnagri, Lingual Consultancy, Somya Translation Pvt. Limited., और Words Lead जैसे खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करता है.
कोहली कहते हैं, "इंडस्ट्री काफी बदल रहा है. AI ने अधिकांश काम ले लिया है. सबटाइटल्स और ट्रांसक्रिप्शन सर्विसेज का 60% AI ने छीन लिया है. लोकलाइजेशन मार्केटिंग रणनीतियों का एक अभिन्न अंग बनने के साथ इंडस्ट्री और भी अधिक विकसित होगी. LSPs जो सही दिशा खोजने में सक्षम हैं, फलेंगे और बाकी AI के सामने नहीं टिक पाएंगे."
भविष्य की योजनाएं
कॉमन सेंस एडवाइजरी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबल लैंग्वेज सर्विसेज का मार्केट साइज 2020 में 53.45 बिलियन डॉलर था और 2024 तक इसके 70.32 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. इस दौरान यह 6.02% की CAGR (compound annual growth rate) से बढ़ रहा है.
स्टार्टअप अपनी टीम का विस्तार करने के लिए लोन लेने की योजना बना रहा है. इसका लक्ष्य 200 भाषाओं को पार करना है और प्रत्येक भाषा में लगभग 50 भाषाविद और प्रत्येक डोमेन में 10 भाषाविद रखने की योजना है.
जबकि Kalakrit आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) ट्रांसलेशन टूल्स से दूर रह रहा है, यह प्रोजेक्ट मैनेजमेंट AI सॉल्यूशंस का इस्तेमाल करने की योजना बना रहा है.
यह AI पर चलने वाले रिसॉर्स मैनेजमेंट सॉल्यूशन पर काम कर रहा है. टूल एंड यूजर और रिसॉर्स के बीच मध्यस्थ का काम करेगा.
टूल क्लाइंट की जरूरतों के मुताबिक रिसॉर्सेज का मूल्यांकन करेगा और फिर कार्य सौंपेगा. प्रोजेक्ट्स को अभी भी ट्रांसलेटर्स और VO आर्टिस्ट द्वारा पूरा किया जाएगा लेकिन असाइनमेंट और अन्य प्रक्रियाओं को इस AI टूल के माध्यम से निपटाया जाएगा.
अंत में कोहली बताते हैं, “हमने पहले ही बिजनेसेज और उनके कस्टमर्स के बीच की खाई को पाट दिया है. अब लक्ष्य एक ऐसी टेक्नोलॉजी बनाना है जो AI की गति और ह्यूमन लोकलाइजेशन सॉल्यूशंस की सटीकता को एक साथ लाए.”
(Translated by: रविकांत पारीक)