छात्रों को गणित से प्यार करने में सक्षम बना रहा है चेन्नई का यह स्टार्टअप मैथ लव, जानिए कैसे
हमने कितनी बार छात्रों को यह कहते हुए सुना है - 'मैं गणित में अच्छा नहीं हूँ', 'इक्वेशन सॉल्व करना किसी बुरे सपने जैसा है', 'मुझे नंबर्स से डर लगता है' इत्यादि। यह अजीब नहीं है। इसके पीछे मुख्य कारणों में से एक विषय की वैचारिक समझ की कमी है, साथ ही साथ रचनात्मक देखरेख की अनुपस्थिति भी है। दो युवा और उत्साही महिलाओं, अलामेलु कथिरेसन (28) और शालिनी इलानाहाई (31) ने अपने इंटरवनेंशन 'मैथ लव' के माध्यम से इस अंतर को पाटने का फैसला किया।
2017 में स्थापित, चेन्नई स्थित स्टार्टअप फोकल न्यूमेरिकल लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए प्रॉप्स, गेम्स, और लर्निंग मटेरियल के समावेशी इनोवेटिव करिकुलम को स्कूलों को प्रदान करने पर केंद्रित है। ये दोनों न केवल टीचर्स को शिक्षण की अनुभवात्मक तकनीकों का सहारा लेने के लिए प्रशिक्षित करती हैं, बल्कि वे गणितीय अवधारणाओं पर समझ हासिल करने के लिए छात्रों के लिए बेहतर सीखने के माहौल को भी बढ़ावा देती हैं।
मैथ लव की सह-संस्थापक अलामेलु कथिरेसन कहती हैं,
“शिक्षकों के रूप में हमारे कार्यकाल के दौरान, शालिनी और मैंने देखा कि कई छात्रों ने या तो गणित के विषय को नापसंद किया था या वे इससे डरे हुए थे। इसलिए हम इस पर काम करना चाहते थे। मैथ लव का गठन यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि हर बच्चा एक मजेदार और उपयोगी तरीके से नंबर्स के साथ एंगेज हो।”
पिछले दो वर्षों में, स्टार्टअप ने चेन्नई के तीन स्कूलों में 460 से अधिक छात्रों की मदद की है। हालांकि शुरुआत में बूटस्ट्रैप, मैथ लव को वर्तमान में टीच फॉर इंडिया की इनोवेटेड पहल के हिस्से के रूप में इनक्यूबेट और मेंटॉर किया जा जा रहा है।
शुरूआत
सह-संस्थापक, अलामेलु और शालिनी, शुरू में अकादमिक फील्ड से जुड़ी नहीं थीं और एक दूसरे को नहीं जानती थीं। अलमेलु ने श्री कृष्णा कॉलेज, कोयंबटूर से अपना कंप्यूटर इंजीनियरिंग पूरा किया और कई कंपनियों में एक तकनीकी विशेषज्ञ के रूप में काम किया। शालिनी ने बायो-टेक्नोलॉजी में डिग्री हासिल की और फिर पत्रकारिता में कदम रखा।
ज्ञान के प्रसार के लिए दोनों के जुनून ने उन्हें टीच फॉर इंडिया फेलोशिप लेने के लिए प्रेरित किया। वे तब एक दूसरे से परिचित हुईं जब उन्होंने चेन्नई के निगम गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल, नुंगमबक्कम में एक साथ पढ़ाना शुरू किया। 80 ऑड प्राइमरी क्लासेस के छात्रों के एक सेट को पढ़ाने के दौरान, अलामेलु और शालिनी ने महसूस किया कि उनमें से बहुतों का गणित के प्रति डर था, और वे इसे रॉकेट साइंस मानते थे।
अलामेलु याद करती हैं,
“हम दोनों ने इस मुद्दे पर चर्चा की और यहां तक कि इसे हल करने के लिए विभिन्न समाधानों के साथ आए। उनमें से एक गेमिंग और स्टोरी-टेलिंग जैसी गतिविधियों के माध्यम से छात्रों को विषय के बारे में समझाना था। हमारे आश्चर्य के लिए, तीन महीनों में, हमने देखा कि उनके कई कॉन्सेप्ट्स में सुधार हुआ है। इस सुखद और समग्र मॉडल को आगे ले जाने के लिए, हमने अपना स्टार्टअप - मैथ लव, लॉन्च किया।"
गणित को फिर से लिखना और डिकोड करना
मैथ लव प्राइमरी स्कूल स्तर फेस की जाने वाली तीन प्रमुख चुनौतियों से निपटने का प्रयास कर रहा है - नंबर्स के साथ लगाव न होना, मूलभूत गणितीय कौशल में गैप और विषय की व्यावहारिक समझ की कमी। स्टार्टअप ने एक सीखने का मॉडल पेश किया है जिसमें छात्रों की मदद करने के लिए इंटरैक्टिव लर्निंग मटैरियल, न्यूमेरिकल बोर्ड गेम और वर्कबुक्स शामिल हैं।
मैथ लव की सह-संस्थापक शालिनी इलानाहाई कहती हैं,
“एक और छह के ग्रेड के बीच अधिकांश बच्चे खेल और कक्षा की गतिविधियों में भाग लेते हैं। इसलिए, एक शिक्षण मॉडल जो इसे इंटीग्रेट कर सकता है, एंगेजमेंट और कोलैबोरेशन की एक उच्च संभावना को शामिल करता है। सात से आठ पार्ट-टाइम कर्मचारियों की मदद से, हमने कस्टमाइज्ड बोर्ड गेम और टूल किट बनाए हैं जिनका उपयोग शिक्षक मैथमैटिकल कॉन्सेप्ट्स को सिखाने और बच्चों के बीच महत्वपूर्ण सोच को बढ़ावा देने के लिए कर सकते हैं।”
लर्निंग टूल किट का डिजाइन और डेवलपमेंट घर में किया जाता है, मैथ लव ने अपने प्रोडक्शन को थर्ड पार्टी के लिए आउटसोर्स किया है।
यह जोड़ी स्टार्टअप के मॉडल को इंटीग्रेट करने के लिए विभिन्न सरकारी और सार्वजनिक स्कूलों से संपर्क में है, और बदले में यह 35,000 रुपये का वन-टाइम चार्ज लेती है। मैथ लव की प्रत्येक किट में 20 बोर्ड गेम होते हैं जो कम से कम 10 बेसिक न्यूमेरिकल कॉन्सेप्ट्स, वर्कबुक्स के चार सेट और टीचिंग मटेरियल को कवर करते हैं।
वर्तमान में, स्टेला मैरी नर्सरी और प्राइमरी मैट्रिकुलेशन स्कूल, टोंडियारपेट, सेंट एंटनी मैट्रिकुलेशन हायर सेकेंडरी स्कूल, तिरुवोटियूर और कॉरपोरेशन गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल, नुंगमबक्कम सहित तीन स्कूलों ने इसे अपनाया है।
शालिनी कहती हैं,
“हम अपने मॉडल को एडॉप्ट किए जाने के बाद शिक्षकों को दो-दिवसीय ट्रेनिंग वर्कशॉप देते हैं। पाठ्यक्रम के दौरान, अलामेलु और मैं उन्हें विभिन्न तकनीकों से परिचित करने का प्रयास करते हैं, जिनका उपयोग वे मैथ लव के गेम और स्टोरीटेलिंग एक्टिविटीज को अपनी टीचिंग में जोड़ने के लिए कर सकते हैं। हम हर महीने इसका फीडबैक और आकलन करते हैं।"
स्टार्टअप 2020 तक 10 से अधिक स्कूलों में अपने पंख फैलाने की योजना बना रहा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए इस जोड़ी ने प्रथम और विद्या विद्या जैसे गैर-लाभकारी संगठनों के साथ भी सहयोग किया है।
नंबरों के डर को खत्म करना
2018 की वार्षिक स्थिति शिक्षा रिपोर्ट (एएसईआर) ने कक्षा तीन के छात्रों के बीच विभिन्न लर्निंग गैप को उजागर किया है। यह कहा गया है कि उनमें से लगभग 70 प्रतिशत के पास बुनियादी अंकगणितीय कौशल नहीं थे।
ऐसे ही छात्रों में बारह वर्षीय पी निवेधा भी हुआ करती थीं। शालिनी याद करते हुए कहती हैं निवेधा को भी पहलेमैथ से डर लगता था लेकिन उन्होंने उस पर विजय पा ली। वह पल हमारे लिए अनमोल था। हम अधिक से अधिक छात्रों को यह अनुभव देना चाहते हैं।
पुदुमनाईकुप्पम में कॉरपोरेशन हायर सेकेंडरी स्कूल की कक्षा 6 की टीचर रश्मि पिछले एक साल से मैथ लव किट का इस्तेमाल कर रही हैं और वे इसकी खूब तारीफ करती हैं। वे कहती हैं,
“स्टार्टअप द्वारा प्रदान किए गए हेम्स की सहजता और सरलता ने मेरे छात्रों को विभिन्न गणितीय अवधारणाओं के पीछे की बारीकियों और औचित्य को समझने में सक्षम बनाया है। मैं वास्तव में अपने शिक्षण में इसे शामिल करके बहुत खुश हूं।”