स्टॉक क्रैश में सिर्फ गौतम अडानी की नेटवर्थ ही नहीं गिरी, जानिए आम आदमी को हुआ कितना नुकसान
अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर कभी चढ़ रहे हैं और कभी अचानक से गिर रहे हैं. इस बीच सवाल उठ रहा है कि इस गिरावट से रिटेल निवेशकों यानी आम आदमी को कितना नुकसान हुआ है?
अडानी ग्रुप (Adani Group) की तमाम कंपनियों के शेयरों में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट (Hindenburg Research Report) आने के बाद से ही भारी गिरावट देखने को मिल रही है. हालांकि, पिछले 2-3 दिनों में स्थिति थोड़ा कंट्रोल में लग रही थी, लेकिन आज यानी 9 फरवरी को फिर से कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट देखी जा रही है. गौतम अडानी (Gautam Adani) की कंपनियों के शेयर कभी चढ़ रहे हैं और कभी अचानक से गिर रहे हैं. सवाल ये है कि आखिर इस बढ़त और गिरावट का असर किस पर हो रहा है? सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि इस गिरावट से रिटेल निवेशकों यानी आम आदमी को कितना नुकसान हुआ है, जिसने इन शेयरों में पैसे लगाए थे?
नुकसान का अंदाजा लगाने से पहले तय करने होंगे कुछ मानक
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अब तक अडानी ग्रुप की कंपनियों में भारी गिरावट हुई. हालांकि, पिछले कुछ दिनों में कई बार शेयर चढ़े भी. हम मान लेते हैं कि 24 जनवरी (जब हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई) से लेकर, 8 फरवरी तक शेयरों में जितनी गिरावट है, वही निवेशकों का नुकसान है. यहां ये भी समझना जरूरी है कि जब-जब शेयर चढ़कर दोबारा गिरे हैं तो नुकसान हुआ होगा, लेकिन यहां हम मान रहे हैं कि 24 जनवरी से 8 फरवरी के बीच इसके रिटेल निवेशकों ने अपने शेयर नहीं बेचे होंगे.
अडानी एंटरप्राइजेज
23 जनवरी की शाम को अडानी एंटरप्राइजेज का शेयर 3436 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था. वहीं 24 जनवरी से इसमें गिरावट आने लगी और 8 फरवरी को यह शेयर 2164 रुपये के स्तर पर बंद हुआ. यानी कंपनी की मार्केट कैप (3,91,635-2,46,652) 1,44,982 करोड़ रुपये घटी है. कंपनी में रिटेल शेयरहोल्डिंग करीब 6.53 फीसदी है. यानी करीब 9,467 करोड़ रुपये का नुकसान तो सिर्फ रिटेल निवेशकों को हुआ है.
अडानी टोटल गैस लिमिटेड
अडानी ग्रुप की इस कंपनी का शेयर 23 जनवरी को 3901 रुपये के लेवल पर बंद हुआ था. 8 फरवरी को कंपनी का शेयर 1391 रुपये पर बंद हुआ है. यानी इस दौरान कंपनी की मार्केट कैप (4,29,034- 1,52,982) 2,76,051 करोड़ रुपये गिरी है. अडानी टोटल गैस में रिटेल शेयरहोल्डिंग दिसंबर तिमाही तक करीब 1.85 फीसदी रही. यानी रिटेल निवेशकों को इस दौरान करीब 5,106 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड
यह शेयर पिछले महीने 23 जनवरी को करीब 2784 रुपये के लेवल पर बंद हुआ था. उसके बाद शेयर कई बार गिरा और चढ़ा. 8 फरवरी को कंपनी का शेयर करीब 1315 रुपये के लेवल पर बंद हुआ. देखा जाए तो इस दौरान कंपनी की मार्केट कैप (3,10,552-1,46,675) 1,63,876 करोड़ रुपये घटी है. इस कंपनी में दिसंबर तिमाही तक करीब 2.72 फीसदी शेयर रिटेल निवेशकों के पास थे. यानी इस अवधि में रिटेल निवेशकों को करीब 4,457 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड
अडानी ग्रुप की इस कंपनी का शेयर 23 जनवरी को 1932 रुपये का था, जो 8 फरवरी तक गिरते-गिरते 802 रुपये पर आ गया. यानी इस दौरान कंपनी का मार्केट कैप (3,06,033-1,27,036) 1,78,996 करोड़ रुपये गिरा है. कंपनी के लगभग 22.7 फीसदी शेयर रिटेल निवेशकों के पास है. इस तरह देखा जाए तो रिटेल निवेशकों करीब 40,632 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
अडानी पोर्ट्स
गौतम अडानी की इस कंपनी का शेयर 23 जनवरी को 769 रुपये के लेवल पर बंद हुआ था. 8 फरवरी को यह शेयर 599 रुपये पर बंद हुआ है. इस तरह देखें तो इस अवधि में कंपनी की मार्केट कैप (1,66,129-1,29,401) करीब 36,727 करोड़ रुपये गिरी है. इस कंपनी में करीब 6.62 फीसदी की हिस्सेदारी रिटेल निवेशकों के पास है. यानी कंपनी के शेयरों में गिरावट की वजह से रिटेल निवेशकों को करीब 2,431 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
अडानी पावर लिमिटेड
अगर बात करें अडानी पावर लिमिटेड की तो कंपनी का शेयर 23 जनवरी को 273 रुपये पर बंद हुआ था. 8 फरवरी तक ये शेयर गिरते-गिरते 182 रुपये के करीब पहुंच गया. देखा जाए तो इस दौरान कंपनी का मार्केट कैप (1,05,293-70,193) करीब 35,099 करोड़ रुपये घटा है. इस कंपनी में रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी लगभग 12.15 फीसदी है. इस तरह कंपनी के शेयरों में गिरावट से रिटेल निवेशकों को करीब 4,265 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
अडानी विल्मर लिमिटेड
अडानी ग्रुप की इस कंपनी का शेयर 23 जनवरी को 546 रुपये पर बंद हुआ था. 8 फरवरी को ये शेयर 419 रुपये पर बंद हुआ था. अगर देखा जाए तो इस दौरान कंपनी का मार्केट कैप (70,961-54,453) करीब 16,507 करोड़ रुपये कम हो गया है. इस कंपनी में रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी करीब 10.35 फीसदी है. मतलब रिटेल निवेशकों को शेयर में गिरावट आने की वजह से करीब 1,708 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
अब अगर इन सभी आंकड़ों को मिलाकर देखा जाए तो अडानी ग्रुप की इन सातों कंपनियों का मार्केट कैप करीब 8,52,238 करोड़ रुपये गिरा है. वहीं दूसरी ओर रिटेल निवेशकों (आम आदमी) को करीब 68,066 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. यानी मार्केट कैप में कुल गिरावट का लगभग 8 फीसदी हिस्सा आम आदमी यानी रिटेल निवेशकों का है.