Double Seven: 1977 में आया वह 'सरकारी कोला' जो चल न सका
सरकार के समर्थन के बावजूद Double Seven, भारतीय सॉफ्ट ड्रिंक बाजार में अपना दबदबा नहीं बना सका.
हाइलाइट्स
- साल 1977 में मोरारजी देसाई सरकार ने एक स्वदेशी कोला ब्रांड लॉन्च किया था
- इसका नाम डबल सेवन, मोरारजी सरकार के सत्ता में आने के सेलिब्रेशन के तौर पर रखा गया
- डबल सेवन के कॉन्सनट्रेट का फॉर्मूले मैसूर के सेंट्रल फूड टेक्नोलॉजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट ने विकसित किया था
साल 1977...वह वर्ष जब भारत के सॉफ्ट ड्रिंक बाजार से अमेरिकी कंपनी कोका-कोला (Coca-Cola) ने अपना कारोबार समेट लिया था. कोका-कोला चली तो गई लेकिन सॉफ्ट ड्रिंक (Soft-Dring/Cold-Dring) का चस्का भारतीयों को लगा गई और अपना टेस्ट उनकी जुबान पर छोड़ गई. कोका-कोला के भारत से जाने के बाद पैदा हुए खालीपन को भरने, इसकी पॉपुलैरिटी को भुनाने, बेरोजगार हुए लोगों के लिए रोजगार का इंतजाम करने और स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए तत्कालीन मोरारजी देसाई सरकार ने एक कोला ब्रांड लॉन्च किया. नाम दिया गया डबल सेवन (77 or Double Seven or SATATTAR), जिसे सरकारी कोला भी कहा गया.
हां, यह बात और है कि यह सरकारी कोला (Sarkari Cola) बहुत ज्यादा चल नहीं सका. लेकिन सॉफ्ट ड्रिंक के मामले में भारत के आत्मनिर्भर बनने की कहानी में इसने अपना नाम जरूर दर्ज करा लिया.
कहानी की शुरुआत Coca-Cola से
साल 1949 में भारत में Coca-Cola ने पहली बार एंट्री की. कोका-कोला ने भारत के मुंबई बेस्ड PURE DRINKS GROUP के साथ मिलकर भारतीय बाजार में प्रॉडक्ट उतारे थे. प्योर ड्रिंक्स ग्रुप, भारत में कोका-कोला का बॉटलिंग प्लांट चलाता था. 1971 आते-आते कोका-कोला की पैठ भारतीय बाजार में काफी मजबूत हो चुकी थी. PURE DRINKS ग्रुप 1970 के दशक तक कोका-कोला का एकमात्र निर्माता और वितरक था. लेकिन कोल्ड ड्रिंक बनाने के लिए जो कॉन्सन्ट्रेटर इस्तेमाल किया जाता था वह कोका कोला के अमेरिकी प्लांट से ही बनकर आता था.
इसके बाद साल 1973 में इंदिरा गांधी सरकार ने The Foreign Exchange Regulation Act यानी FERA पास किया. इसके तहत हर कंपनी को RBI से हर तीन महीने बाद अपना इम्पोर्ट लाइसेंस रिन्यू करवाना था. एक्ट के तहत किसी भी विदेशी कंपनी को भारत में काम करने के लिए 2 शर्तें पूरी करनी जरूरी थीं. पहली, कंपनी के 60% शेयर किसी भारतीय कंपनी के नाम करना और दूसरी, सहयोगी भारतीय कंपनी के साथ अपने प्रॉडक्ट का सीक्रेट फॉर्मूला शेयर करना. इसके चलते कोका-कोला को भी अपना सीक्रेट फॉर्मूला शेयर करना था, जो उसे मंजूर न था. कंपनी ने सीक्रेट फॉर्मूला देने से इनकार कर दिया.
Coca-Cola का भारत से एग्जिट
दिसंबर 1976 में Coca-Cola को अपना आखिरी इम्पोर्ट लाइसेंस मिला और उसके बाद अप्रैल 1977 में सरकार बदल गई. अब देश में जनता पार्टी की मोरारजी देसाई सरकार थी. इस सरकार में जॉर्ज फर्नांडीज (George Fernandes) को केंद्रीय उद्योग मंत्री (Union Minister for Industries) बनाया गया. उन्होंने इंदिरा गांधी सरकार में पारित हुए FERA को लागू कर दिया. कोका-कोला द्वारा सीक्रेट फॉर्मूला शेयर न किए जाने के कारण मोरारजी देसाई सरकार ने कंपनी को लाइसेंस देने से मना कर दिया. लिहाजा कोका-कोला को भारत से अपना बिजनेस समेटना पड़ा.
फिर लॉन्च हुआ Double Seven
जनता पार्टी सरकार, स्वदेशी एंटरप्राइजेस को सपोर्ट करना चाहती थी. कोका-कोला के जाने से उपजे खालीपन को भरने के लिए सरकार ने स्वेदशी कोला ब्रांड लॉन्च करने का फैसला किया. इसका नाम डबल सेवन फाइनल हुआ, जो कि 1977 में मोरारजी देसाई सरकार के सत्ता में आने के सेलिब्रेशन के तौर पर रखा गया था. इसकी मैन्युफैक्चरिंग और मार्केटिंग का जिम्मा, सरकारी कंपनी मॉडर्न फूड इंडस्ट्रीज (Modern Food Industries) का था. डबल सेवन के कॉन्सनट्रेट के फॉर्मूले को मैसूर के सेंट्रल फूड टेक्नोलॉजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट ने विकसित किया था.
उस वक्त डबल सेवन नाम से पुणे की एक कंपनी पहले से सॉफ्ट ड्रिंक बना रही थी. लेकिन वह रजिस्टर नहीं थी. पुणे की कंपनी से निगोशिएशन के बाद मॉडर्न बेकरीज उर्फ मॉडर्न फूड इंडस्ट्रीज ने डबल सेवन ब्रांड नेम के कानूनी अधिकार हासिल कर लिए. सरकार ने डबल सेवन को प्रगति मैदान, नई दिल्ली के सालाना ट्रेड फेयर में लॉन्च किया.
नहीं बना पाया पैठ
सरकार के समर्थन के बावजूद डबल सेवन, भारतीय सॉफ्ट ड्रिंक बाजार में अपना दबदबा नहीं बना सका. उस वक्त डबल सेवन के मुख्य प्रतिद्वंदी Campa Cola, Thums Up, Duke का, McDowell's Crush और Double Cola थे. डबल सेवन कोला के अलावा एक लेमन लाइम सॉफ्ट ड्रिंक वेरिएंट भी आया था, जिसे डबल सेवन टिंगल नाम दिया गया. डबल सेवन के असफल होने की प्रमुख वजह रही कि इसका टेस्ट लोगों की जुबान पर नहीं चढ़ सका. तत्कालीन सरकार का दावा था कि इसका टेस्ट, कोका-कोला जैसा है लेकिन लोगों को कहीं से भी ऐसा नहीं लगा. लोगों को यह देसी कोला पसंद नहीं आने की वजह से डबल सेवन बहुत ज्यादा मुनाफा नहीं कमा सका.
फिर जब सत्ता में लौटी इंदिरा गांधी सरकार...
1980 में इंदिरा गांधी की सरकार सत्ता में वापस आई और डबल सेवन हमेशा के लिए देश से गायब हो गया. यह ब्रांड पहले से मार्केट शेयर खो रहा था, ऊपर से इंदिरा गांधी सरकार इस प्रॉडक्ट को सपोर्ट करने में दिलचस्पी नहीं रखती थी. वजह, यह उन्हें 1977 में मिली हार की याद दिलाता था. लिहाजा 1980 खत्म होते-होते मॉडर्न फूड इंडस्ट्रीज घाटे में चली गई और डबल सेवन का प्रॉडक्शन बंद हो गया. जनवरी 2000 में मॉडर्न फूड इंडस्ट्रीज को हिंदुस्तान लीवर लिमिटेड ने खरीद लिया.