हर साल 2 करोड़ उपभोक्ताओं को सर्विस प्रोवाइडर्स से जोड़ रहा 'सुलेखा'
एक समय था, जब लोग स्थानीय स्तर पर तरह-तरह की सुविधाएं जैसे कि इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर और रिपेयरिंग सर्विस आदि मुहैया कराने वाली कंपनियों या लोगों के नाम और संपर्क आदि अपनी डायरियों में लिखा करते थे या फिर इसके लिए पीने पन्नों वाली डायरेक्टरी का इस्तेमाल किया करते थे। 2017 में आई 'द गार्डियन' की एक रिपोर्ट ने कहा था कि जनवरी, 2019 यह पूरा सिस्टम डिजिटल हो जाएगा। चेन्नई के ऑन्त्रप्रन्योर सत्या प्रभाकर ने इस बात अंदाज़ा एक दशक से पहले ही लगा लिया था और उन्होंने 2007 में सुलेखा नाम से अपनी कंपनी की शुरुआत की, जो एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए लोकल सर्विस प्रोवाइडर्स के बारे में उपभोक्ताओं को जानकारी उपलब्ध कराता है।
कंपनी के सीईओ सत्या बताते हैं कि वह कंपनी का टर्नओवर तो नहीं बता सकते, लेकिन इतनी जानकारी ज़रूर दे सकते हैं कि हर साल उनका टर्नओवर कई मिलियन डॉलर्स का आंकड़ा छूता है। साथ ही उन्होंने जानकारी दी, "सुलेखा भारत के उन चुनिंदा बिज़नेस वेंचर्स में से एक है, जो ईबीआईटीडीए प्रॉफ़िटिबिलिटी (ब्याज़ से पहले कमाई, टैक्स, मूल्यह्रास और ऋण से छूट) का दावा कर सकता है। "
सत्या बताते हैं कि भारत में सुलेखा का मुख्यालय चेन्नई में है और यूएस और कनाडा के ऑपरेशन्स के लिए सुलेखा ऑस्टिन और टेक्सस स्थित अपने ऑफ़िसों से प्रबंधन करता है।
सुलेखा के डिजिटल सर्विस प्लेटफ़ॉर्म को हर साल 20 मिलियन यूज़र्स मिलते हैं और इस प्लेटफ़ॉर्म के साथ 70 हज़ार से भी अधिक भुगतान आधारित सर्विस मुहैया कराने वाले वेंचर्स जुड़े हुए हैं। सुलेखा के निवेशकों में नॉर्वेस्ट वेंचर पार्टनर्स (सिलिकन वैली), मितसुई कॉर्पोरेशन (टोक्यो) और जीआईसी (सिंगापुर) शामिल हैं।
एसएमबी स्टोरी के साथ हुई एक ख़ास बातचीत में सुलेका के फ़ाउंडर और सीईओ सत्या प्रभाकर ने बताया कि सुलेखा किस तरह से काम करता है और साथ ही उन्होंने सुलेखा की सफलता की कहानी भी साझा की। सत्या के साथ हुई बातचीत के कुछ अंशः
एसएमबी स्टोरीः हम सुलेखा डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर कौन सी सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं?
सत्या प्रभाकरः सुलेखा ने हर शहर में हज़ारों सर्विस प्रोवाइडर्स को बड़े ग्राहक वर्ग तक पहुंचने में मदद की है। वे अपने बिज़नेस के 50 प्रतिशत ऑपरेशन्स के लिए सुलेखा पर निर्भर हो चुके हैं। इन सर्विस प्रोवाइडर्स में पैकर्स ऐंड मूवर्स, पेस्ट कंट्रोल, एसएपी ट्रेनिंग, बिग डेटा ट्रेनिंग, सिक्यॉरिटी गार्ड सर्विस प्रोवाइडर्स, सीसीटीवी इन्सटॉलेशन, होम अप्लायंस सर्विस आदि शामिल हैं।
एसएमबी स्टोरीः डिजिटल दौर में सुलेखा ने अपनी प्रासंगिकता को कैसे बनाए रखा?
सत्या प्रभाकरः 2015 से पहले तक सुलेखा एक ऑनलाइन लिस्टिंग सर्विस देता था, जो एक ऑनलाइन डायरेक्टरी की तरह थी। इसकी बदलौत भारत और यूएसए में कई लोकल बिज़नेस वेंचर्स को ग्राहकों तक अच्छी पहुंच बनाने का मौक़ा मिला। 2015 के बाद सुलेखा को और बेहतर किया गया और अब यह एक ऐसा डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है, जहां पर उपभोक्ता और सर्विस प्रोवाइडर एक-दूसरे से अपनी ज़रूरतों के अनुसार संपर्क कर सकते हैं।
एसएमबी स्टोरीः आपके प्रतिद्वंद्वी कौन हैं?
सत्या प्रभाकरः इस बाज़ार में मिस्टर राइट या अर्बन क्लैप जैसी कंपनियां हैं, जो सहायक कॉन्ट्रैक्टरों की मदद से छोटी सर्विसेज़ उपलब्ध कराते हैं। सुलेखा इनके साथ एक्सपर्ट सर्विसेज़ के संबंध में किसी तरह की प्रतिद्वंद्विता नहीं रखता। ऑनलाइन लिस्टिंग सुविधाएं जैसे कि गूगल लोकल सर्च या जस्ट डायल भी उपभोक्ताओं को सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ जोड़ते हैं , लेकिन उनके पास ऐसे सर्विस पार्टनरों या एक्सपर्टस की कमी है, जो ग्राहकों या उपभोक्ताओं को अपने साथ जोड़कर रखें। सुलेखा की कोशिश रहती है कि मैच-मेकिंग, रिव्यू और रेटिंग्स के आधार पर अच्छी से अच्छी एक्सपर्ट सर्विसेज़ उपभोक्ताओं तक पहुंचाई जा सकें।
एसएमबी स्टोरीः सुलेखा डिजिटल मार्केटिंग का इस्तेमाल कैसे करता है?
सत्या प्रभाकरः सुलेखा की नई टैगलाइन है, 'द फ़ास्ट, फ़्री वे टू गेट एक्सपर्ट्स'। हम बड़े बजट के साथ इसकी मदद से डिजिटल मार्केटिंग कर रहे हैं। हम फ़ेसबुक, इंस्टाग्राम, गूगल और अन्य प्लेटफ़ॉर्म की मदद से लगातार उपभोक्ताओं और सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
एसएमबी स्टोरीः एक डिजिटल सर्विस प्लेटफ़ॉर्म चलाने से जुड़ी मुख्य चुनौतियां क्या होती हैं?
सत्या प्रभाकरः यूएस की अपेक्षा भारत में सुलेखा को काफ़ी ज़्यादा चुनौतियों का सामना करना पड़ा। हमने यह सुनिश्चित करना होता था कि ऐसे सर्विस प्रोवाइडर्स को ही प्लेटफ़ॉर्म पर लिस्ट किया जाए, जो विश्वसनीय हों। उदाहरण के तौर पर अगर कोई ग्राहक प्लेटफ़ॉर्म पर अपनी ज़रूरत बताता है तो ज़्यादा से ज़्यादा सर्विस प्रोवाइडर्स ऐसे हों, जो ग्राहकों को वापस कॉल करें और वह भी दो घंटों के भीतर।
एसएमबी स्टोरीः भविष्य के लिए कंपनी की क्या योजनाएं हैं?
सत्या प्रभाकरः हाल में, सुलेखा का 85 प्रतिशत रेवेन्यू ऐसे सर्विस पार्टनर्स या एक्सपर्ट्स से आ रहा है, जो लगातार ग्राहकों द्वारा चुने जा रहे हैं। लेकिन हम लगातार आगे बढ़ना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि ग्राहकों को मिलने वाली सुविधाओं के स्तर को और भी बेहतर बनाया जाए और ब्रैंड बिल्डिंग की जाए। हम टियर II और टियर III शहरों में अपनी मौजूदगी और प्रभावी बनाना चाहते हैं।
सुलेखा का बिज़नेस यूके, मलयेशिया, सिंगापुर, यूएई, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ़्रीका और न्यूज़ीलैंड में भी अपने बिज़नेस को लगातार फैला रहे हैं। हम फ़ाइनैंस और इन्श्योरेन्स जैसी सर्विसेज़ देने वाले प्रोवाइडर्स को भी अपने साथ जोड़ने की योजना बना रहे हैं।
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