Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

ऐतिहासिक! जाते-जाते नया रिवाज शुरू कर गए CJI रमना, पहली बार सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग

सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी एक नोटिस में कहा गया है, “भारत के माननीय प्रधान न्यायाधीश के कार्यकाल के अंतिम दिन, माननीय प्रधान न्यायाधीश की अदालत जो कि मानद पीठ है, की कार्यवाही का 26 अगस्त 2022 को सुबह साढ़े दस बजे से एनआईसी वेबकास्ट पोर्टल के माध्यम से सीधा प्रसारण किया जाएगा.”

ऐतिहासिक! जाते-जाते नया रिवाज शुरू कर गए CJI रमना, पहली बार सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग

Friday August 26, 2022 , 3 min Read

अपने 71 सालों के इतिहास में सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को पहली बार अपनी कार्यवाही का सीधा प्रसारण शुरू कर दिया.

भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ की कार्यवाही का वेबकास्ट पोर्टल के माध्यम से सीधा प्रसारण किया गया. आज सीजेआई रमण के कार्यकाल का अंतिम दिन है.

सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी एक नोटिस में कहा गया है, “भारत के माननीय प्रधान न्यायाधीश के कार्यकाल के अंतिम दिन, माननीय प्रधान न्यायाधीश की अदालत जो कि मानद पीठ है, की कार्यवाही का 26 अगस्त 2022 को सुबह साढ़े दस बजे से एनआईसी वेबकास्ट पोर्टल के माध्यम से सीधा प्रसारण किया जाएगा.”

अभी तक चली आ रही परंपरा के अनुसार, CJI एनवी रमना अपने अंतिम कार्य दिवस पर भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश के साथ पीठ साझा करेंगे. जस्टिस यूयू ललित को हाल ही में सीजेआई रमना की सेवानिवृत्ति के बाद भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया है.

सितंबर, 2018 में दी गई थी लाइव स्ट्रीमिंग की अनुमति

26 सितंबर, 2018 को तत्कालीन सीजेआई दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड़ की तीन जजों की बेंच ने सीजेआई की अदालत में होने वाले संवैधानिक महत्व के मामलों की लाइव स्ट्रीमिंग की अनुमति दी थी. हालांकि, यौन उत्पीड़न और वैवाहिक मामलों की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग नहीं की जाएगी.

सुप्रीम कोर्ट ने अनुमति देते हुए कहा था कि यह “सूरज की उस किरण की तरह है जो सबसे अच्छा संक्रमण नाशक है.” शीर्ष अदालत ने कहा था कि एक पायलट परियोजना के रूप में केवल कुछ विशेष मामलों का सीधा प्रसारण किया जा सकता है जो संवैधानिक या राष्ट्रीय महत्व का दर्जा रखते हों.

सुप्रीम कोर्ट की ई-कमिटी ऐसे लाइव टेलीकास्ट की मेजबानी के लिए एक इंडीपेंडेंट प्लेटफॉर्म विकसित कर रही है, जिसका इस्तेमाल देश के विभिन्न हाईकोर्ट्स और जिला अदालतों के द्वारा भी किया जा सकेगा.

कर्नाटक, गुजरात, ओडिशा जैसे देश के कई हाईकोर्ट अपने संबंधित आधिकारिक यूट्यूब पेजों पर सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग कर रहे हैं.

लाइव स्ट्रीमिंग के तहत सुनवाई वाला पहला मुद्दा रहा फ्रीबीज

लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से सुनवाई वाला पहला मुद्दा फ्रीबीज का रहा. फ़्रीबीज़ का मामला सीजेआई की अदालत या सेरेमोनियल बेंच से

पहली बार स्ट्रीम की गई 20 सुनवाई में से एक था.

सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों द्वारा नि:शुल्क सेवाएं देने का वादा करने का मुद्दा उठाने वाली याचिकाओं को तीन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किए जाने का आदेश दिया है. शीर्ष अदालत ने कहा कि चार सप्ताह बाद इन याचिकाओं को सूचीबद्ध किया जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट ने 2013 के अपने फैसले में कहा था कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 में निर्धारित मापदंडों की समीक्षा करने और उन पर विचार करने के बाद, वह इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादों को भ्रष्ट आचरण घोषित करने के लिए धारा 123 के तहत नहीं पढ़ा जा सकता.


Edited by Vishal Jaiswal