भारतीय मूल की निला विखे पाटिल बनीं स्वीडिश पीएम की सलाहकार
दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में भारतीय अपनी पहचान स्थापित कर देश का गौरव बढ़ा रहे हैं। इस लिस्ट में नया नाम जुड़ा है निला विखे पाटिल का, जिन्हें स्वीडन के प्रधानमंत्री कार्यालाय में दोबारा बतौर सलाहकार नियुक्त किया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री बालासाहब विखे पाटिल की पोती और जाने माने शिक्षाविद अशोक विखे पाटिल की बेटी निला (33) सोशल डेमोक्रेट नेता स्टीफन लोफवेन के साथ काम करेंगी जिन्हें पिछले महीने स्वीडन का प्रधानमंत्री चुना गया था।
नीला के पिता ने बताया कि नीला को स्टॉकहोम नगर निगम की नगर परिषद में भी चुना गया है। निला का जन्म स्वीडन में ही हुआ लेकिन जीवन के शुरुआती कुछ वर्ष उन्होंने महाराष्ट्र के अहमदनगर में बिताए थे जिसके बाद वे वापस स्वीडन चली गईं। वहां उन्होंने मेड्रिड के गोथनबर्ग स्कूल ऑफ बिजनेस से लॉ और इकोनॉमिक्स की पढ़ाई की। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ कॉम्पलुटेंस से एमबीए भी किया है।
निला ने काफी कम उम्र से ही सक्रिय राजनीति में भाग लेना शुरू कर दिया था। वे ग्रीन पार्टी गोथेनबर्ग से जुड़ी रही हैं। ग्रीन स्टूडेंट्स से शुरुआत करने के बाद वे ग्रीन पार्टी के शीर्ष पदों तक पहुंचीं और अब स्वीडन की राजनीति में शिखर पर जा पहुंचीं। स्वीडन में ही बस जाने के बाद भी उनका भारत से जुड़ाव खत्म नहीं हुआ है। वे अक्सर अपने मूल देश भारत का दौरा करती रहती हैं। बीते साल ही वह भारत आई थीं।
निला कहती हैं, 'पर्यावरण मुद्दों को देखते हुए मैंने 2001 में राजनीति में उतरने का कदम रखा था।' निला स्टॉकहॉम के सोडरोर्ट इलाके में रहती हैं और खाली समय में वे दोस्तों के साथ मिलना और किताबें पढ़ना पसंद करती हैं। उन्हें खाना बनाना भी पसंद है। उन्होंने भारत और स्पेन में भी कुछ समय गुजारा है। वे मुख्य तौर पर टैक्स, बजट, फाइनैंशियल मार्केट और कंज्यूमर पॉलिसी के क्षेत्र पर काम करती हैं।
निला महाराष्ट्र में नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्णा विखे पाटिल की भतीजी भी हैं। निला के पिता अशोक ने बताया कि स्वीडन का आकर्षण भारत की तरफ रहा है। उन्होंने कहा कि स्वीडन के प्रधानमंत्री पीएम मोदी के मेक इन इंडिया कार्यक्रम के समर्थक रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत भी स्वीडन के लिए तेजी से उभरता हुआ बाजार है। अशोक विखे पाटिल ने कहा कि इस समय देश में 160 से अधिक कंपनियां हैं।
यह भी पढ़ें: एयरफोर्स के युवा पायलटों ने अपनी जान की कुर्बानी देकर बचाई हजारों जिंदगियां