Tajmahal आज भी भारतीय पर्यटकों की पहली पसंद, केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की रिपोर्ट
सुबह गुलाबी, रात को दूधिया सफेद और चांदनी रात में सुनहरा दिखाई देने वाला ताजमहल (Tajmahal) जितना शाहजहाँ (Shahjahan) को पसंद था उतना ही लोकप्रिय आज भी भारतीयों के बीच है. कहते हैं जब औरंगजेब ने शाहजहाँ को आगरे के किले के जिस मीनार में कैद कर रखा था शाहजहां उस मीनार की खिडकियों से ताजमहल का दीदार करते थे. ताज की दीद की ख्वाहिश हर के दिल में होती है, कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि इतनी अनोखी और विविधतता भरी दुनिया में ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में शुमार है. यमुना के किनारे, 42 एकड़ में फैला हुआ यह मुहब्बत का प्रतीक 21 साल में बना कर तैयार किया गया था.
यादों का यह स्मारक यूनेस्को के विश्व धरोहरों (Unesco World Heitage) में शामिल है जिसके तहत इसकी देख-रेख भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) द्वारा की जाती है. सफ़ेद संगमरमर से बने इस खूबसूरत स्मारक का रंग पीला न पड़ जाए इसलिए सरकार के आदेश अनुसार इसके आसपास डीजल पेट्रोल के वाहन पर रोक लगा दी गई है.
खूबसूरत ताजमहल का दीदार करना अन्य इमारतों के मुकाबले सबसे महंगा है. इसके बावजूद ताज देखने के लिए हर साल करीब 60 लाख देसी-विदेशी पर्यटक आते हैं. तो ताजमहल सिर्फ खूबसूरत नहीं है, यह देश के लिए रेवेन्यु भी जेनेरेट करता है. केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी की एक नयी रिपोर्ट के अनुसार ताज महल इनकम के मामले में देशभर में नंबर एक पर है. ‘इंडिया टूरिज्म स्टैटिस्टिक्स 2022’ शीर्षक वाली 280 पन्नों से अधिक की रिपोर्ट को उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर जारी किया जिसमें बताया गया है कि 2021-22 में केंद्र द्वारा संरक्षित शुल्क वाले स्मारकों में घरेलू पर्यटकों के बीच ताज महल सबसे लोकप्रिय रहा. इस सूची में ताजमहल पहले स्थान पर, दिल्ली स्थित लाल किला और कुतुब मीनार दूसरे और तीसरे क्रम के सबसे अधिक लोकप्रिय स्थान चुने गये हैं. रिपोर्ट में दिये गये आंकड़ों के अनुसार 2021-22 में ताज महल का दीदार 32.9 लाख घरेलू पर्यटकों ने किया. लाल किला देखने 13.2 लाख और कुतुब मीनार के लिए 11.5 लाख सैलानी पहुंचे.वहीं तमिलनाडु में ममल्लापुरम के स्मारकों को इसी अवधि में केंद्र द्वारा संरक्षित तथा शुल्क से प्रवेश वाले स्मारकों में विदेशी पर्यटकों के बीच सबसे लोकप्रिय बताया गया जहां 1.4 लाख विदेशी पहुंचे. इस सूची में ताज महल 38 हजार लोगों के आगमन के साथ दूसरे नंबर पर रहा.
टूरिज्म सेक्टर कोरोना महामारी के दौरान बहुत प्रभावित हुआ था. अगर उस समय को छोड़ दें तो ताज का दीदार करने वालों की संख्या पर कोई असर नहीं पड़ा है. ताजमहल टिकट बिक्री के मामले में भारत में पहले नंबर पर है. साल 2019-20 में 97.11 करोड़ रुपये के टिकट बिके थे. जबकि ताज परिसर के म्यूजियम के करीब 9 करोड़ रुपये के टिकट बिके थे.
एएसआई (ASI) आगरा सर्किल की वेबसाइट के अनुसार, भारतीय पर्यटकों के लिए ताजमहल का प्रवेश शुल्क 50 रुपये हैं, वहीं मुख्य मकबरे पर जाने के लिए 200 रुपये का टिकट अलग से लेना होता है. विदेशी पर्यटकों के लिए प्रवेश शुल्क 1100 रुपये हैं और मुख्य मकबरे के लिए 200 रुपये का टिकट लेना होता है. वहीं, सार्क देशों के पर्यटकों के लिए प्रवेश शुल्क 540 रुपये और मुख्य मकबरे का टिकट 200 रुपये का है.
हालांकि, ताजमहल की टिकट दर एक बार फिर से बढ़ाने की तैयारी की जा रही है. भारतीय पर्यटक के प्रवेश टिकट 10 रुपये और विदेशी पर्यटक के प्रवेश टिकट पर 100 रुपये बढ़ाने का प्रस्ताव पास किया गया है. अब इस प्रस्ताव को शासन को भेजा जाएगा. बता दें कि पिछली बार टिकट बढ़ाने का विरोध हुआ था, जिसके चलते टिकट के रेट बढ़ाने का निर्णय ठंडे बस्ते में चला गया था.
(फीचर इमेज क्रेडिट: www.tajmahal.gov.in)