इंटरनेशनल शूटिंग जज तारा शाहदेव की दर्द भरी दास्तान
रांची के चर्चित लव-जिहाद मामले की पीड़िता तारा शाहदेव इंटरनेशनल शूटिंग में जज बन गई हैं। इससे पहले उनको धोखा देकर शादी रचाने वाले ससुरालियों ने मारा-पीटा ही नहीं, कुत्तों से कटवाया था। बमुश्किल उन्हें तलाक नसीब हुआ। अब तो सफलताएं उनके कदम चूम रही हैं।
आज भी भारतीय समाज में महिलाओं को ही जीने की शर्तों पर सबसे ज्यादा जलालत झेलनी पड़ती है लेकिन उनमें से तमाम ऐसी महिलाएं भी होती हैं, जो हर कठिनाई पर पार पाते अपने ख्वाब हकीकत में बदल लेती हैं। ऐसी ही सफल युवती हैं झारखंड की तारा शाहदेव, जिनसे झूठ बोल कर शादी रचा लेने वाले रंजीत सिंह उर्फ रकीबुल हसन बनाम रंजीत कोहली की आततायी हरकतों से गुजरना पड़ा। सीबीआई, कोर्ट में वर्षों लंबी लड़ाई लड़ते हुए पहले उन्हें तलाक मिला, अब सफलताएं उनके कदम चूम रही हैं।
रांची के चर्चित लव-जिहाद मामले की पीड़िता तारा शाहदेव ने हाल ही में शूटिंग जज की परीक्षा पास कर अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में जज और तकनीकी पदाधिकारी बनने की पात्रता हासिल कर ली है। वह अभी जेएसएसपीएस में कोच हैं। तारा शाहदेव की शादी 7 जुलाई 2014 को रांची में जबरन धर्म परिवर्तन, शारीरिक प्रताड़ना के आरोपी रंजीत कोहली उर्फ़ रकीबुल हसन हुई थी। उनकी रंजीत से पहली मुलाकात रांची के होटवार स्टेडियम में हुई थी, जहां वह शूटिंग की प्रैक्टिस के लिए अक्सर जाया करती थीं। तारा के मुताबिक, शादी के बाद से ही उन पर जानवरों की तरह अत्याचार होने लगे। यहां तक उन्हे कुत्तों से कटवाया गया।
जब तारा को पता चला कि उनके पति का नाम रंजीत सिंह नहीं, बल्कि रकीबुल हसन है, तो उस पर जुल्म की इंतेहा होने लगी जबरन धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया गया। पति की हकीकत तब पता चली, जब उनके घर इफ्तार पार्टी का बुलाया आया। कार्ड पर पति का नाम रकीबुल हसन खान लिखा था। तारा चौंक उठीं। भेद खुल जाने पर रकीबुल और उसकी मां सिंदूर लगाने पर हाथ-पैर तोड़ने की धमकी देने लगे। 9 जुलाई को पति ने 20-25 हाजियों को घर बुलाया और उस पर जबरन धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाया। इस दौरान विरोध करने पर बुरी तरह से उन्हे मारा-पीटा गया। सीबीआई ने 2015 में इस केस की जांच शुरू की। चार साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद तारा को पिछले साल पति से तलाक मिल गया।
तारा ने 2017 में डी लाइसेंस कोचिंग कोर्स पूरा किया। अंतरराष्ट्रीय फेडरेशन द्वारा 2007 के बाद भारत में यह परीक्षा हुई, जिसमें 35 प्रतिभागी शामिल हुए थे। 20 इसमें सफल हुए थे। तारा इस परीक्षा में सफल होनेवाली झारखंड की एकमात्र प्रतिभागी रहीं। तारा कहती हैं कि मेरे साथ जो कुछ हुआ था, उसके बाद मेरे पास दो ही रास्ते थे। या तो मैं आत्महत्या कर लूं, या फिर न्याय के लिए लडूं। मैंने लड़ने का फैसला किया। काफी कठिनाई और दबाव का सामना किया, लेकिन कई लोगों का साथ भी रहा। उन्होंने कानूनी लड़ाई लड़ते हुए 2014 में ही शूटिंग का अभ्यास शुरू किया। कुछ दिन बाद ही स्टेट चैंपियनशिप में अच्छा प्रदर्शन किया और पूर्वी क्षेत्र प्रतियोगिता में खेलने का अवसर मिल गया। अब तारा शाहदेव सफलताओं के पायदान चढ़ रही हैं। उन्होंने हिस्ट्री में रांची विश्व विद्यालय से स्नातक की परीक्षा पास कर ली है। उनको 50. 38 प्रतिशत अंक मिले हैं।
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