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करदाता अब विवाद से विश्वास योजना के तहत जमा कर सकते हैं फार्म

करदाता अब विवाद से विश्वास योजना के तहत जमा कर सकते हैं फार्म

Monday March 23, 2020 , 3 min Read

नयी दिल्ली, प्रत्यक्ष कर विवाद समाधान योजना- ‘‘विवाद से विश्वास’’ योजना का लाभ लेने को इच्छुक करदाता अपना घोषणापत्र आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर भर सकते हैं।


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फोटो क्रेडिट: thefinancialexpress



आयकर निदेशालय (प्रणाली) ने बृहस्पिवार को विवाद से विश्वास योजना के तहत घोषणा के लिये ऑनलाइन प्रक्रिया को अधिसूचित किया है।


इस योजना की सुविधा उठाने के इच्छुक करदाता 31 मार्च तक विवादित कर की राशि का पूरा भुगतान कर देते हैं तो उन्हें उस पर ब्याज और जुर्माने से पूरी छूट मिलेगी।


लेकिन मामले के समाधान के लिए 31 मार्च के बाद भुगतान करने पर विवादित देय कर से 10 प्रतिशत अधिक राशि जमा करानी होगी।


हलांकि संपत्ति कर, जिंस सौदा कर और कंपनियों के बीच होने वाले सौदे पर लगने वाला कर (एक्विलाइजेशन शुल्क) से संबंधित विवाद के मामले इसके दायरे में नहीं आते।


योजना 30 जून तक खुली रहेगी।


फार्म ई-फाइलिंग पोर्टल-इंकमटैक्सइंडियाफाइलिंग डाट जीओवी डाट इन (incometaxindiaefiling.gov.in) पर भरे जा सकते हैं।


इससे पहले, सरकार ने योजना से जुड़े नियों और पांच ऑनलाइन फार्म अधिसूचित किये थे। ये फार्म उन करदाताओं को भरने हैं जो विवाद से विश्वास योजना का लाभ उठाना चाहते हैं।


आयकर विभाग ने कहा,

“फार्म 1 में घोषण, फार्म 2 में हलफनामा और फाम्र 4 में भुगतान का ब्योरा का सत्यापन डिजिटल हस्ताक्षर या इलेक्ट्रानिक सत्यापन कोड (ईवीसी) के जरिये होगा।”



राजस्व विभाग ने योजना के तहत पांच फार्म अधिसूचित किया है। इसे ऑनलाइन भरने की जरूरत होगी।


पात्र करतदाता को नामित प्राधिकरण के पास फार्म 1 में अपनी घोषणा करनी होगी। साथ ही संबंधित करदाता को कर बकाया के संबंध में किसी भी कानून के तहत कोई दावा करने की अनुमति नहीं होगी और उसे इस बारे में फार्म 2 में हलफनामा देना होगा।


घोषणा फार्म (फार्म 1) में कर बकाया की प्रकृति, आकलन वर्ष, आदेश का ब्योरा, बकाया कर राशि में पहले ही किये जा चुके भुगतान आदि के बारे में विस्तार से ब्योरा देना होगा।


पुन: योजना के तहत विभिन्न परिस्थितियों में फार्म में देय कर के आकलन के तरीके को दिया गया है। यानी इसमें विवादित कर/टीडीएस/टीसीएस/विवादित ब्याज/ विवादित जुर्माना या शुल्क के लिये कर देनदारी के बारे में पूरा ब्योरा होगा।


घोषणा फार्म और हलफनामा प्राप्त होने के बाद नामित प्राधिकरण 15 दिन के भीतर आदेश (फार्म 3) जारी करेगा। इसमें करदाता को पहले से भुगतान की गयी राशि के समायोजन के बाद कुल राशि के भुगतान के लिये कहा जाएगा।


फार्म 3 के तहत करदाता को भुगतान और मनोनीत प्राधिकरण को उसकी सूचना देने के लिये 30 दिन का समय दिया जाएगा।


भुगतान के बारे में सूचना फार्म 4 में देना होगा। इसमें चलान की संख्या, भुगतान तारीख और राशि का ब्योरा देना होगा।


अगर निर्धारित राशि नियत अवधि में नहीं दी जाती है, घोषणा करने के आवेदन को निरस्त कर दिया जाएगा।


अंत में नामित प्राधिकरण प्रमाणपत्र (फार्म 5) जारी करेगा। इसमें विवादित राशि के बारे में पूरा ब्योरा और दी गयी छूट की जानकारी होगी।


इस बारे में नांगिया एंडर्सन कंस्टलिंग के चेयरमैन राकेश नांगिया ने कहा कि फार्म और नियम निर्धारित तारीख से केवल 10 दिन पहले अधिसूचित किये गये हैं।


इसके अलावा सभी फार्म को ऑनलाइन भरने की जरूरत है और ई-फार्म को अभी जारी किया जाना है। इसमें एक-दो दिन का और समय लग सकता है।


उन्होंने कहा कि व्यवहारिक रूप से करदाताओं के पास 31 मार्च या उससे पहले इस योजना का लाभ उठाने के लिये के लिये कामकाजी दिवस केवल 7-9 दिन बचा है।


नांगिया ने कहा कि इसीलिए व्यवहारिक रूप से करदाताओं के साथ-साथ नामित प्राधिकरणों के लिये सभी मामलों की जांच करना और 31 मार्च मार्च 2020 या उससे पहले भुगतान करना मुश्किल होगा।