एक कमरे से शुरू हुई थी ये सोलर कंपनी, आज है 300 मेगावाट से अधिक का पोर्टफोलियो
बचपन में हम सबने गर्मियों की छुट्टियों में एक चीज का जरूर अनुभव किया होगा, और वो है बिजली का लगातार कटना। बिजली इतनी देर तक कटी होती थी कि फ्रीजर में रखी बर्फ तक पिघल जाती थी और लोग गर्मियों से परेशान होकर न्यूजपेपर, दफ्ती और यहां तक कि रूमाल के सहारे हवा कर खुद को राहत देते थे।
डीजल जनरेटर उस समय भी मौजूद थे, लेकिन इनसे इतना धुंआ और शोर निकलता था कि लोग इन्हें लगवाना पसंद नहीं करते थे। साथ ही इसमें लागत भी अधिक आती थी। इसके देखते हुए भारत सरकार ने 2010 में राष्ट्रीय सौर मिशन के शुभारंभ की घोषणा की और यहीं सोलर इंडस्ट्री में इनोवेशन की शुरुआत हुई।
यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स से पढ़ाई करने वाले दो दोस्तों- कुशाग्र नंदन और आदर्श दास ने इसे एक मौके के रूप में देखा।
दोनों दोस्त अमेरिका से वापस भारत आए और उन्होंने 2010 में सनसोर्स एनर्जी नाम से कंपनी की स्थापना की।
सनसोर्स सात देशों में कमर्शियल, इंडस्ट्रियल और संस्थागत क्लाइंट्स को सौर-आधारित ऊर्जा और स्टोरेज से जुड़े सॉल्यूशंस मुहैया कराती है। कंपनी की शुरूआत गुरुग्राम में आदर्श के लिविंग रूम से हुई थी। हालांकि बाद में इसका मुख्यालय नोएडा में खुला।
सफलता की कहानी
सनसोर्स की शुरुआत में इसके फाउंडर्स ने अपनी व्यक्तिगत पूंजी कंपनी में लगाई। आदर्श ने बताया,
“इक्विटी निवेशकों को हमारा कॉन्सेप्ट पसंद आया, लेकिन वे निवेश करने को तैयार नहीं थे। डेट इन्वेस्टर्स भी स्टार्टअप में लॉन्ग-टर्म निवेश लगाने को तैयार नहीं थे, खासतौर एक नई टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में।"
सनसोर्स का पहला क्लाइंट्स नई दिल्ली में वसंत वैली स्कूल था। चूंकि निवेशक रुचि नहीं ले रहे थे और लेंडर्स तैयार नहीं थे, इसलिए दोनों ने अपनी व्यक्तिगत पूंजी इस परियोजना में लगाई।
उन्होंने बताया,
"इस परियोजना के बाद कई संस्थागत निवेशकों के लिए रूफटॉप सोलर यानी छतों पर लगने वाले सोलर पैनल को इंफ्रास्ट्रक्चर के तौर पर देखने लगे और आखिरकार हमें इस प्रोजेक्ट की लागत उठाने के लिए एक और को-डिवेलपर मिल गया"
उन्होंने कहा.
"कई संस्थागत निवेशकों के लिए अवधारणा के प्रमाण के रूप में छत पर सौर के रूप में देखने के लिए काम करती है, और आखिरकार हम परियोजना के मालिक के लिए एक अन्य सह-डेवलपर में लाए।"
उसके बाद से सनसोर्स के लिए फंड जुटाना आसान हो गया है। 2017 के मध्य में कंपनी ने अपने पहले निवेश के दौर को आयोजित किया। 2018 की शुरुआत में, SBI के निवेश वाली प्राइवेट इक्विटी फंड नीवफंड और यूके सरकार के अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग (DFID) ने सनसोर्स में निवेश किया।
कंपनी का दावा है कि आज उसके पास देश भर में 100 से अधिक क्लाइंट्स और छह अन्य देशों में 300 मेगावाट से अधिक के प्रोजेक्ट पोर्टफोलियो हैं। कंपनी के ग्राहकों में इंडियन ऑयल, जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी, आईसीएटी , सेलेबी कार्गो (दिल्ली एयरपोर्ट), जीई, याकुल्ट, बजाज, डॉमिनोज, स्टैंडर्ड चार्टर्ड, और यूनिसेफ जैसे कॉर्पोरेट और संस्थान शामिल हैं।
सनसोर्स ने विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों के लिए कई इनोवोटिव क्लीनटेक प्रोजेक्ट विकसित किए हैं। आदर्श ने बताया,
“ऐसा ही एक प्रोजेक्ट सना फाउंडेशन के लिए थी, जिसने आंध्र प्रदेश के सात आदिवासी गांवों में सालाना 25,000 से अधिक लोगों पर अपनी छाप छोड़ी है। प्रोजेक्ट ने उन्हें स्वच्छ पेयजल, बॉयो-टॉयलेट और स्वच्छ बिजली जैसी सुविधाएं मुहैया कराई हैं।”
इस प्रोजेक्ट ने सना फाउंडेशन के लिए प्रतिष्ठित गूगल इम्पैक्ट चैलेंज अवार्ड जीता था। कंपनी को 2019 में ग्लोबल एनवायरनमेंट अवार्ड से भी सम्मानित किया गया। वित्त वर्ष 2018 में सनसोर्स को 130 करोड़ रुपये की आमदनी हुई थी और यह वित्त वर्ष 2018 के मुकाबले 80 प्रतिशत अधिक था।
इनोवेशन की शुरुआत
44 वर्षीय आदर्श ने आईआईटी खड़गपुर से एनर्जी इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। अक्षय उर्जा के क्षेत्र में उनके पास 20 सालों से अधिक का अनुभव है और इस दौरान उन्होंने बेंगलुरु की सेल्को और मैसाचुसेट्स की सोलेक्ट्रिया जैसी कंपनियों काम किया है। आदर्श के पास मिशिगन यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री भी है।
39 वर्षीय कुशाग्र के पास भी 20 सालों से अधिक का अनुभव हैं और सोलर इंडस्ट्री में उनकी काफी दिलचस्पी है। उन्होंने जीई, सनपावर और कॉन्टिग्रुप जैसी कंपनियों के साथ काम किया है। मनिपाल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन करने वाले कुशाग्र, सोलर एनर्जी सोसायटी ऑफ इंडिया के आजीवन सदस्य भी हैं।
ये दोनों यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स से सोलर इंजीनियरिंग में मास्टर्स की डिग्री लेने के दौरान एक दूसरे से मिले थे।
आदर्श ने बताया,
“हम दोनों टेक्नोलॉजी को लेकर काफी जुनूनी थे। हमारा मानना था कि जैसे सौर ऊर्जा व्यावसायिक सफलता मिली है, उसी तरह सौर और ऊर्जा के दूसरे नवीकरणीय रूपों को लेकर भी ग्लोबल लेवल पर सफलता मिलेगी।"
ये दोनों अलग-अलग कंपनियों में काम करते थे, लेकिन अक्सर विभिन्न प्रोजेक्ट्स पर एक दूसरे की सलाह लेते थे। यही उन्हें एहसास हुआ है कि दोनों भारत में एक सोलर कंपनी शुरू करने का सपना रखते हैं। आदर्श ने बताया,
"हम जानते थे कि यह 'कैसे शुरू' करने का नहीं, बल्कि 'कब शुरू' करने का मामला है। जब हम इस भविष्य की सौर कंपनी के लिए एक बिजनेस प्लान पर काम कर रहे थे, तभी सरकार ने राष्ट्रीय सौर मिशन की घोषणा की। यह लगभग हमारे लिए एक संकेत की तरह था और फिर हम कुछ महीनों के भीतर भारत में सनसोर्स को शुरू करने के लिए आ गए।"
राष्ट्रीय सौर मिशन के तहत देश के लिए समय-आधारित लक्ष्य निर्धारित किए गए थे। इसने निवेशकों और इंडस्ट्री को नीतियों और प्रोत्साहनों के लिए कुछ हद तक स्पष्ट रूपरेखा दे दिया था। इससे दोनों को शुरुआती बाजार स्थितियों का लाभ उठाने में मदद मिली।
वर्तमान में, सनसोर्स के पास लगभग 200 कर्मचारी हैं जो कंपनी के पेरोल पर काम कर रहे हैं और 300 से अधिक लोग कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे हैं।
सोलर मॉडल
सनसोर्स दो मॉडल में कमर्शियल और इंडस्ट्रियल ग्राहकों को अपनी सौर परियोजनाएं मुहैया कराती है । इनमें पहला मॉडल इंडिपेंडेंट पावर प्रोड्यूसर्स (IPP) और दूसरा ओपेक्स मॉडल है। इन मॉडल में सनसोर्स प्रोजेक्ट को विकसित करती है, मालिकाना हक रखती है और इसे ऑपरेट करती है।
आदर्श ने बताया,
"हमारे ग्राहक एक लंबी अवधि के अनुबंध पर हस्ताक्षर करते हैं और सिर्फ खपत हुए यूनिट्स पर पहले से निर्धारित दरों के मुताबिक भुगतान करते हैं।"
आमतौर पर एक कॉन्ट्रैक्ट 15 से 25 वर्ष के बीच का होता है और ग्राहकों के पास अपनी संपत्ति के जीवनकाल में कभी भी पावर प्लांट को वापस खरीदने का विकल्प होता है। IPP प्रोजेक्ट्स बिहाइंड द मीटर (BTM) या ओपन एक्सेस (OA) तरीके में काम करते हैं।
BTM परियोजनाओं में, सनसोर्स सौर परियोजनाओं को स्थापित करने के लिए उपलब्ध मौजूदा छत या जमीन की जगह का उपयोग करती है और क्लाइंट के मीटर तक बिजली ले जाने के लिए ग्रिड का इस्तेमाल करती है, जिसके चलते ग्रिड से बिजली के बिल में कमी आती है।
दूसरे मॉडल में, सनसोर्स परियोजना को विकसित करती है और इसे एक निश्चित मूल्य और एकमुश्त राशि पर ग्राहक को ट्रासंफर कर देती है। इसे इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (EPC) मॉडल कहते हैं। सनसोर्स एक डेवलपर और IPP के तौर पर खुद ही डिजाइन करती है, प्रमुख सप्लायर्स से सीधे संपर्क कर खरीदारी पर नियंत्रण रखती है और यहां तक कि कुछ पार्ट्स को खुद ही बनाती भी है।
सनसोर्स जो प्रोडक्ट ऑफर करती है, उनमें (सोलर प्लस स्टोरेज और सोलर प्लस डीजल), फ्लोटिंग सोलर, ग्राउंड माउंट सोलर (फिक्स्ड टिल्ट, सीजनल टिल्ट, सिंगल-एक्सिस ट्रैकर) और रूफटॉप सोलर प्रोजेक्ट्स (इंडस्ट्रियल शेड, आरसीसी रूफ, कारपोर्ट और बैलस्टेड) शामिल हैं।
बिजली की दरे कई पहलुओं पर निर्भर करती हैं, जिनमें साइट का लोकेशन, छत का प्रकार (अगर रुफटॉप प्रोजेक्ट है तो), कितने क्षेत्र में धूप आती है, कॉन्ट्रकैट की अवधि, ऑफ-टेकर की क्रेडिट प्रोफाइल और प्रचलित ब्याज दरें शामिल हैं।
ईपीसी परियोजना के मामले में, इसका उत्पाद खुद सोलर पावर प्लांट है, जिसे ग्राहकों की जरूरतों और बाधाओं के अनुसार बनाया जाता है।
सनसोर्स उन ग्राहकों के साथ एक एसेट मैनेजमेंट कॉन्ट्रैक्ट पर भी हस्ताक्षर करता है, जो सनसोर्स के iOT आधारित दूरस्थ निगरानी पोर्टल की सुविधा चाहते हैं। यह पोर्टल क्लाइंट्स को वास्तविक समय में प्लांट और उनके एसेट से जुड़े डेटा को ट्रैक करने की सुविधा देता है।
सोलर मार्केट
सौर ऊर्जा उत्पादन में 2018 तक भारत का स्थान था। यहां साल के हर महीने सूर्य की रौशनी मौजूद रहती है। ऐसे मे यहां सौर ऊर्जा की भारी संभावना है। IBEF के अनुसार, भारत सरकार 2030 तक 500 गीगावाट की अक्षय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने की योजना बना रही है ।
देश की सोलर इंडस्ट्री की प्रमुख कंपनियों में एमप्लस सोलर , क्लीनमैक्स, क्लीनटेक सोलर और फोर्थ पार्टनर एनर्जी शामिल हैं । हालांकि, सनसोर्स का मानना है कि वह एक अलग तरह का प्रॉडक्ट ऑफर करती है।। वह खुद को स्थानीय विशेषज्ञता वाली एक ग्लोबल कंपनी मानती है।
आदर्श ने बताया,
"अमेरिका में बड़ी सौर कंपनियों के साथ काम करने के एक दशक के अनुभव के साथ, हमारे पास दुनिया भर में सौर परियोजनाओं को विकसित करने का पर्याप्त अनुभव था। यह एक ऐसा सेक्टर है, जिसे दुनिया हर के देश में सरकारी नीतियों जरिए काफी नियंत्रण में रखा जाता है। ऐसे में नियामकीय पहलुओं की समझ होना अहम हो जाता है।"
आदर्श ने अगले पांच वर्षों में लगभग 1,000 मेगावाट की स्थापना का लक्ष्य बनाया है। हालांकि कंपनी के लिए पूंजी अभी भी सबसे अहम कच्चा माल बनी हुई है और और सनसोर्स ने पूंजी जुटाने की कोशिशों को जारी रखने और एक विविधतापूर्ण वित्तीय प्रोफाइल बनाने की योजना बनाई है।