हज़ारों किलोमीटर दूर से मंगवाया खाना खराब नहीं होगा, Indicold के पास है खास समाधान
इंडीकोल्ड के मुख्य ग्राहक दवाओं और फ़ूड प्रोडक्ट की कंपनियां हैं. फ़िलहाल ये अमूल, पेप्सीको और ज़ोमैटो जैसी बड़ी कंपनियों के पार्टनर हैं.
जब इंडिया में कोविड वैक्सीन सबसे पहले आई, ख़बरें आईं कि कोल्ड चेन की दिक्कतों के चलते कई डोज़ खराब हो गईं. इस वक़्त हममें से कई लोगों ने सबसे पहले कोल्ड चेन के बारे में सुना. अब अगर आज हम अपना ज़ोमैटो ऐप खोलकर देखें तो लखनऊ से मलाई गिलौरी और हैदराबाद से बिरयानी ऑर्डर कर सकते हैं और कल शाम तक वो हमारे पास पहुंच जाएगी.
जानते हैं कैसे? कोल्ड चेन से. यानी एक प्रोसेस जिससे रूम टेम्परेचर पर खराब हो जाने वाले आइटम को कम टेम्परेचर पर लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है.
और इसी फील्ड में काम कर रहा है वो स्टार्टअप जिसके बारे में हम आज बताने वाले हैं.
एक बी-2-बी प्लेटफ़ॉर्म है यानी इसके ग्राहक दूसरे व्यापार हैं. ये व्यापारों को कोल्ड चेन, स्टोरेज और अन्य लोजिस्टिक्स मुहैया करवाता है.इंडीकोल्ड के फाउंडर निहारिका और कार्तिक जालान हैं. निहारिका ने आईआईएम लखनऊ से पढ़ाई की है. और यूनिलीवर, आदित्य बिरला ग्रुप और करियर लॉन्चर के साथ काम कर चुकी हैं. वहीं कार्तिक IIFT दिल्ली के पासआउट हैं. दोनों फाउंडर्स का लक्ष्य था कि इंडिया से कोल्ड चेन की कमी को ख़त्म कर दिया जाए.
इंडीकोल्ड प्रोक्योरमेंट, कोल्ड स्टोरेज और ट्रांसपोर्टर, तीनों सर्विस मुहैया करवाता है. इन तीनो वर्टीकल्स में शामिल सर्विसेज हैं- वेयरहाउसिंग, रिटेल कंसोलिडेशन, इन्वेंटरी और ऑर्डर मैनेजमेंट, क्वालिटी टेस्टिंग, सप्लाई चेन, वगैरह. इसके साथ ही ग्राहक को ट्रैकिंग की सुविधा भी देते हैं जिससे उन्हें अपने प्रोडक्ट के मूवमेंट का पता रहता है.
इंडीकोल्ड के मुख्य ग्राहक दवाओं और फ़ूड प्रोडक्ट की कंपनियां हैं. फ़िलहाल ये अमूल, पेप्सीको और ज़ोमैटो जैसी बड़ी कंपनियों के पार्टनर हैं.
YourStory की रिपोर्ट के मुताबिक़, इंडिया में हर साल 1400 करोड़ डॉलर की फसल सिर्फ कोल्ड स्टोरेज की उपलब्धता न होने की वजह से खराब हो जाती हैं. ऐसे में कोल्ड चेन सेक्टर में इनोवेशन की सख्त ज़रुरत है. हमें उम्मीद है कि इंडीकोल्ड और इस फील्ड के अन्य स्टार्टअप्स इस समस्या को हल कर पाएंगे.
यह स्टार्टअप YourStory की साल 2022 की Tech30 लिस्ट का हिस्सा है.
YourStory हर साल अपने सिग्नेचर इवेंट TechSparks में आपके लिए कई हज़ारों में से चुनकर लाता है Tech30 लिस्ट में ऐसे 30 स्टार्टअप जो देश को बदल देने के साथ साथ अरबों की कंपनियां बनने की ताकत रखते हैं.
Tech30 ने बीते 11 साल में 330 से ज्यादा स्टार्टअप्स को प्रोफाइल कर उनके बारे में दुनिया को बताया है, 35,000 से ज्यादा नौकरियां देने में मदद की है, 300 करोड़ डॉलर से भी ज्यादा की फंडिंग इसकी मदद से आई है और 675 से भी ज्यादा युवा फाउंडर्स को हमने कुछ कर दिखाने की ताकत दी है. Tech30 लिस्ट का हिस्सा रहे 5 ऐसे स्टार्टअप हैं जो यूनिकॉर्न बन चुके हैं. यानी उनका वैल्यूएशन 100 करोड़ डॉलर से ज्यादा है और ये सिलसिला अभी रुका नहीं है.
Edited by Prateeksha Pandey