Saathi के बायोडिग्रेडेबल मेंस्ट्रूअल प्रोडक्ट महिलाओं के साथ साथ पर्यावरण का भी करेंगे फायदा
Saathi एक सस्टेनेबल सेनेटरी प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरर है, जो बायोडिग्रेडेबल सेनेटरी प्रोडक्ट्स बनाता है. जिससे महिलाओं के साथ-साथ वातावरण भी सुरक्षित रहता है. कंपनी के सैनिटरी पैड 100% बायोडिग्रेडेबल हैं और ये केले और बाँस के पेड़ के रेशे के कचरे से बनते हैं.
नेशनल फॅमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट बताती है कि हमारे देश में 15-24 ऐज ग्रुप की लगभग 64.4 प्रतिशत महिलाएं सेनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल करती हैं, 49.6 प्रतिशत कपड़े और 15 प्रतिशत स्थानीय रूप से तैयार नैपकिन का उपयोग करती हैं. महज़ 0.3 प्रतिशत महिलाएं ऐसी हैं जो मेंस्ट्रूअल कप का इस्तेमाल करती हैं. ये बात गौर करने वाली है कि ये सेनेटरी पैड्स बायोडिग्रेडेबल नहीं हैं. इनके इस्तेमाल के बाद इन्हें फेक दिया जाता है और अंतः ये प्रदुषण को बढ़ाते हैं.
यहां आपको एक ऐसे स्टार्टअप की कहानी बता रहे हैं जो इस परेशानी को सोल्व कर रहा है.
एक सस्टेनेबल सेनेटरी प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरर है, जो बायोडिग्रेडेबल सेनेटरी प्रोडक्ट्स बनाता है. जिससे महिलाओं के साथ-साथ वातावरण भी सुरक्षित रहता है. कंपनी के सैनिटरी पैड 100% बायोडिग्रेडेबल हैं और ये केले और बाँस के पेड़ के रेशे के कचरे से बनते हैं.
फाउंडर्स बताते हैं कि उन्होंने एक ऐसा तरीका इज़ात किया है जिससे वो प्रोडक्ट्स को बनाने के लिए एग्रीकल्चरल वेस्ट को अब्सोर्बेंत (absorbent) मटेरियल में कन्वर्ट करते हैं. फाउंडर्स इस बात का भी दावा करते हैं कि उनके प्रोडक्ट पूरी से प्राकृतिक हैं और वे किसी भी तरह की ब्लीच या अन्य केमिकल का इस्तेमाल नहीं करते. कंपनी द्वारा निर्मित पैड्स महज 6 महीनों में डीकंपोज़ हो जाते हैं, परंपरागत पैड्स की तुलना में 1200 गुना जल्दी. कस्टमर्स के लिए 2 पैड्स के सेट का प्राइस 90 रुपए हैं और 12 पैड्स के सेट का प्राइस 360 रुपए. कंपनी सैनिटरी के अलावा रियूजेबल मेंस्ट्रूअल कप, पैड होल्डिंग बैग और पैंटी लाइनर भी बनाती है.
स्टार्टअप आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग की महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में भी काम कर रहा है. कंपनी ने #OneMillionPads मुहीम के जरिए कई गैर सरकारी संगठनों (NGO) के साथ मिलकर 1 लाख ग्रामीण महिलाओं को सेनेटरी पैड्स बांटे थे. कंपनी का मुख्य प्रोडक्ट सेनेटरी नैपकिन है जो भारत, कुवैत, साउथ ईस्ट एशिया, यूएई और यूके की मार्केट में उपलब्ध है.
साथी की शुरुआत क्रिस्टिन कागेत्सु और तरुण बोथरा ने की थी. क्रिस्टिन ने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी), यूएस से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढाई की है. साथी को शुरू करने से पहले क्रिस्टिन गोल्डमैन सैक्स, एमआईटी डिजाईन लैब, नासा और ओरेकल के साथ काम कर चुकी हैं. कंपनी के को-फाउंडर तरुण ने अहमदाबाद की निरमा यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढाई की है. कॉलेज खत्म होते ही तरुण ने साथी स्टार्टअप ज्वाइन कर लिया था. तरुण स्टार्टअप में चीफ टेक्निकल ऑफिसर के तौर पर काम कर रहे हैं.
वर्तमान और भविष्य को ध्यान में रखते हुए देखा जाए तो सेनेटरी प्रोडक्ट मार्केट में ये स्टार्टअप एक बड़ा योगदान दे रहा है.
यह स्टार्टअप YourStory की साल 2022 की Tech30 लिस्ट का हिस्सा है.
YourStory हर साल अपने सिग्नेचर इवेंट TechSparks में आपके लिए कई हज़ारों में से चुनकर लाता है Tech30 लिस्ट में ऐसे 30 स्टार्टअप जो देश को बदल देने के साथ साथ अरबों की कंपनियां बनने की ताकत रखते हैं.
Tech30 ने बीते 11 साल में 330 से ज्यादा स्टार्टअप्स को प्रोफाइल कर उनके बारे में दुनिया को बताया है, 35,000 से ज्यादा नौकरियां देने में मदद की है, 300 करोड़ डॉलर से भी ज्यादा की फंडिंग इसकी मदद से आई है और 675 से भी ज्यादा युवा फाउंडर्स को हमने कुछ कर दिखाने की ताकत दी है. Tech30 लिस्ट का हिस्सा रहे 5 ऐसे स्टार्टअप हैं जो यूनिकॉर्न बन चुके हैं. यानी उनका वैल्यूएशन 100 करोड़ डॉलर से ज्यादा है और ये सिलसिला अभी रुका नहीं है.
Edited by Prateeksha Pandey