पानी के संकट से मिलेगी मुक्ति, हवा की नमी से पीने का पानी बनाएगा स्टार्टअप Vayujal
आज हम आपको मिलवाएंगे एक ऐसे स्टार्टअप से, जिसका सपना है कि सभी देशवासियों को साफ़ पानी मिले और हम एक देश के तौर पर पानी के संकट से मुक्त हो सकें.
अगर आप भी इंडिया के किसी बड़े शहर में रहते हैं तो सुबह उठकर मोटर चलाने, टंकी भरने और पानी की विदाई के पहले घर के सारे निपटाने की रवायत से परिचित होंगे. इंडिया में दुनिया के 18 फीसद लोग रहते हैं. लेकिन दुनिया की पानी के रिसोर्सेज का कुल 4 फीसद ही इंडिया के पास है. बढ़ती हुई जनसंख्या और साफ़ पानी को बचाने के लिए टेक्नोलॉजी की कमी आज के दौर में कोई नई कहानी नहीं है.
लेकिन आज हम आपको मिलवाएंगे एक ऐसे स्टार्टअप से, जिसका सपना है कि सभी देशवासियों को साफ़ पानी मिले और हम एक देश के तौर पर पानी के संकट से मुक्त हो सकें.
स्टार्टअप वायुजल टेक्नोलॉजीज (
) दुनियाभर में हो रही पानी की कमी से लड़ने का काम कर रहा है. आज जब बड़े शहरों में लोग पानी के टैंकर और प्लास्टिक की बोतलों में RO प्लांट से डिलीवर होने वाले पानी पर निर्भर हैं, वायुजल 'एटमोस्फियरिक वॉटर जनरेटर' पर काम कर रहा है. यानी हवा में मौजूद नमी को पीने के पानी में बदलने वाली मशीनें बना रहा है.फाउंडर्स के मुताबिक जहां पर्याप्त सोलर एनर्जी मौजूद है, वहां ये बिजली के बिना भी काम कर सकेंगे.
फ़िलहाल 18 शहरों में वायुजल के यूनिट मौजूद हैं जो 45 लाख लीटर से ज्यादा पानी उपलब्ध करवा चुके हैं. जिसके चलते ढाई करोड़ लीटर भूजल यानी ग्राउंड वॉटर की बचत हुई है.
IIT मद्रास में पढ़ते हुए रमेश कुमार सोनी ने इस स्टार्टअप की शुरुआत 2015 में की थी. 2017 में इसने कंपनी का रूप लिया. IIT मद्रास से ही रिसर्च कर रहे अंकित नागर ने इसमें अपना साथ दिया. प्रोफेसर प्रदीप थालाप्पिल कंपनी के को-फाउंडर हैं जिन्होंने दोनों स्टूडेंट्स को वॉटर जनरेटर बनाने के लिए अपनी लैब मुहैया करवाई.
स्टार्टअप वायुजल टेक्नोलॉजीज YourStory की साल 2022 की Tech30 लिस्ट का हिस्सा है.
YourStory हर साल अपने सिग्नेचर इवेंट टेकस्पार्क्स (TechSparks) में आपके लिए कई हज़ारों में से चुनकर लाता है ऐसे 30 स्टार्टअप की लिस्ट, Tech30, जो देश को बदल देने के साथ साथ अरबों की कंपनियां बनने की ताकत रखते हैं.
Tech30 ने बीते 11 साल में 330 से ज्यादा स्टार्टअप्स को प्रोफाइल कर उनके बारे में दुनिया को बताया है, 35,000 से ज्यादा नौकरियां देने में मदद की है, 300 करोड़ डॉलर से भी ज्यादा की फंडिंग इसकी मदद से आई है और 675 से भी ज्यादा युवा फाउंडर्स को हमने कुछ कर दिखाने की ताकत दी है. Tech30 का हिस्सा रहे 5 ऐसे स्टार्टअप हैं जो यूनिकॉर्न बन चुके हैं. यानी उनका वैल्यूएशन 100 करोड़ डॉलर से ज्यादा है और ये सिलसिला अभी रुका नहीं है.
क्या आपको मालूम है कि इंडिया के 656 जिलों में फैले हुए इस वक़्त ऐसे 84,000 से भी ज्यादा स्टार्टअप हैं जिन्हें DPIIT यानी Department for Promotion of Industry and Internal Trade से मान्यता मिली हुई है? देश में हर साल हज़ारों स्टार्टअप शुरू होते हैं जिनके पीछे होती है कई साल की मेहनत, कुछ करने का जज़्बा और कुछ तेज़ दिमाग जो टेक्नोलॉजी और रीसर्च की मदद से इंडिया को एक बेहतर देश बनाने की ओर काम करते हैं.
Edited by Prateeksha Pandey