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फंडिंग से सब कुछ हल नहीं होता: BYJU’S मामले पर बोले upGrad के रोनी स्क्रूवाला

upGrad के चेयरपर्सन और को-फाउंडर रोनी स्क्रूवाला ने एडटेक सेक्टर की चुनौतियों के बीच BYJU'S मामले पर अपने विचार साझा किए. उन्होंने फंडिंग और लचीलेपन की सीमाओं पर खुलकर बात की.

फंडिंग से सब कुछ हल नहीं होता: BYJU’S मामले पर बोले upGrad के रोनी स्क्रूवाला

Thursday February 29, 2024 , 2 min Read

अपग्रेड (upGrad) के चेयरपर्सन और को-फाउंडर रोनी स्क्रूवाला (Ronnie Screwvala) ने कहा कि एक सफल एडटेक स्टार्टअप खड़ा करने के लिए फंडिंग कभी भी हल नहीं है और जब चीजें फेल हो जाती हैं तो सेक्टर के फाउंडर्स के लिए इसे स्वीकार करना और आगे बढ़ना अच्छा होगा.

अपग्रेड के चेयरपर्सन ने एडटेक सेक्टर, खासकर BYJU'S, में चल रही उथल-पुथल के बारे में एक सवाल के जवाब में कहा, "यदि आप बिजनेस खड़ा करने के लिए तैयार नहीं हैं तो फंडिंग कभी भी वास्तव में मजबूत बिजनेस नहीं बना सकती है... वह पैसा हर किसी को छोड़ना पड़ता है."

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BYJU'S, जो कभी भारत का सबसे मूल्यवान स्टार्टअप था, मूल्यांकन में कटौती के कारण मार्केट में बने रहने के लिए संघर्ष कर रहा है और प्रमुख निवेशक इसके फाउंडर को बाहर करने की कोशिश कर रहे हैं. BYJU'S की बढ़ती परेशानियों पर स्क्रूवाला ने कहा, "यह एक प्रमुख उदाहरण है कि फंडिंग से हर चीज का समाधान नहीं होता है."

स्क्रूवाला ने कहा कि अगर किसी ने 4 अरब डॉलर से 5 अरब डॉलर जुटाए हैं और बिजनेस खड़ा नहीं कर पा रहा है, तो इसका मतलब है कि फंडिंग इसका जवाब नहीं है, और उन्होंने सभी से इस बारे में सोचने का आग्रह किया.

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स्क्रूवाला ने TechSparks 2024 के मुंबई संस्करण में YourStory की फाउंडर और सीईओ श्रद्धा शर्मा के साथ हुई बातचीत में कहा, "बिजनेस शुरू करना, उसे आगे बढ़ाना, बिजनेस में होने वाली सभी विफलताओं का ध्यान रखना और असफलताओं को सहना और आगे बढ़ना बेहद कठिन है."

उन्होंने कहा कि एडटेक सेक्टर को पैसे की नहीं बल्कि किफायती इनोवेशन की जरूरत है.

अपग्रेड के चेयरपर्सन ने असफलता को स्वीकार करने और आगे बढ़ने की आवश्यकता के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा, "यदि आपके पास स्वीकार्यता या यह स्वीकार करने की क्षमता नहीं है कि आप कहाँ असफल होंगे, तो इस विशेष कहानी (BYJU'S) के साथ आपके सामने दूसरी चुनौती है: जब चीजें गलत हो गई हों तो उन्हें स्वीकार न करने और उन्हें स्वीकार न करके आगे बढ़ने का एक भ्रमपूर्ण दृष्टिकोण."

उन्होंने आगे कहा, “एक बार जब आप स्वीकार कर लेते हैं, तो समाधान आ जाते हैं. यदि आप इसे स्वीकार नहीं करते हैं, तो आप बिजनेस को ख़राब कर रहे हैं."

(Translated by: रविकांत पारीक)

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