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जानें बीते दशक की सबसे खास फिल्में जो दर्शकों को हमेशा याद रहेंगी

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बीते दशक में इन फिल्मों ने अपनी खास जगह बनाई है।


एक दशक बीतने के साथ ही हमें कुछ बेहद खास फिल्में देखने को मिली हैं, इन फिल्मों ने कई आयामों में बेहतर करते हुए दर्शकों के दिल में भी जगह बनाई है। इनमे से कुछ फिल्में ऐसी हैं जिन्होने दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर दिया, तो वहीं कुछ फिल्मों ने कमाई भी की है।


इनमे से कई फिल्में देश की मेनस्ट्रीम सिनेमा से काफी हद जुदा रहीं, लेकिन इन फिल्मों ने दर्शकों को निराश नहीं किया, साथ ही इन फिल्मों को समीक्षकों ने भी जमकर सराहा। हम नीचे इस दशक की ऐसी ही फिल्मों के बारे में बात कर रहे हैं, जो हमें हमेशा याद रहने वाली हैं।

उड़ान (2010), विक्रमादित्य मोटवाने

उड़ान

उड़ान (2010)

साल 2010 में आई फिल्म उड़ान का निर्देशन विक्रमादित्य मोटवाने ने किया था। फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप के जीवन से प्रेरित थी। फिल्म को विशेष श्रेणी के तहत कान फिल्म समारोह के लिए भी चुना गया था। फिल्म एक ऐसे किशोर के बारे में है, जिसका पिता उसका शारीरिक शोषण करता है। फिल्म में किशोरावस्था के दौरान उठने वाली भावनाओं का बड़ी खूबसूरती से चित्रण किया गया है।


उड़ान को बॉक्स ऑफिस पर तो सफलता नहीं मिली, लेकिन फिल्म कुछ समय बाद लोगों के बीच एक कल्ट बनकर उभरी। उड़ान का निर्माण संजय सिंह, अनुराग कश्यप और रॉनी स्क्रूवाला ने किया था।

बैंड बाजा बारात (2010), मनीष शर्मा

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बैंड बाजा बारात (2010)

यशराज फिल्म्स के बैनर तले बनी फिल्म ‘बैंड बाजा बारात’ दो ऐसे युवाओं की कहानी है, जो वेडिंग प्लानिंग में अपने कदम जमाने की कोशिश करते हैं। फिल्म को समीक्षकों और दर्शकों से ख़ासी सराहना मिली थी साथ ही फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर भी अच्छा कारोबार किया था।


फिल्म को इसकी कहानी के लिए काफी सराहना मिली थी, साथ ही फिल्म ने उस साल कई अवार्ड भी अपने नाम किए थे। फिल्म का निर्देशन मनीष शर्मा ने किया था।

डेल्ही बेली (2011), अभिनय देव

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डेल्ही बेली (2011)

2011 में आई फिल्म डेल्ही बेली को दर्शकों से काफी सराहना मिली थी, हालांकि फिल्म के कॉन्टेंट के चलते उसे CBFC से ‘’ सर्टिफ़िकेट मिला था। यह फिल्म तीन ऐसे युवकों के बारे में है जो जाने-अनजाने एक गैंगस्टर के चक्कर में फंस जाते हैं।


फिल्म की कहानी को समीक्षकों और दर्शकों से ख़ासी सराहना मिली थी। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफलता अर्जित करने में सफल रही थी। गौरतलब है कि फिल्म को मूल रूप से अंग्रेजी में रिलीज़ किया गया था, लेकिन इसका हिन्दी डब वर्जन भी दर्शकों के सामने पेश किया गया था। फिल्म का निर्देशन अभिनव देव ने, जबकि फिल्म का निर्माण आमिर खान ने किया था।

गैंग्स ऑफ वासेपुर (2012), अनुराग काश्यप

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गैंग्स ऑफ वासेपुर (2012)

2012 में आई गैंग्स ऑफ वासेपुर का निर्देशन अनुराग कश्यप ने किया था। फिल्म कि अवधि को देखते हुए इसे दो भागों में रिलीज़ किया गया था। इस फिल्म ने दर्शकों और समीक्षकों दोनों से ही वाहवाही लूटी थी।


इस पीरियड ड्रामा फिल्म में धनबाद के कोला माफिया और तीन आपराधिक परिवारों के टकराव को प्रदर्शित किया गया था। फिल्म में खास तरह से उस समय के कई प्रसंग जोड़े गए थे। फिल्म को कान महोत्सव में भी प्रदर्शित किया गया था। बॉक्स ऑफिस पर भी यह फिल्म सफलता अर्जित करने में सफल रही थी।

द लंचबॉक्स (2013), रितेश बत्रा

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द लंचबॉक्स (2013)

साल 2013 में आई फिल्म द लंचबॉक्स को दर्शकों ने खूब सराहा था। मुंबई में डब्बावाला की गलती के चलते जन्मी एक कहानी पर यह फिल्म आधारित थी। फिल्म को समीक्षकों से भी ख़ासी अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी।


फिल्म का निर्देशन रितेश बत्रा और फिल्म का निर्माण अनुराग कश्यप, गुनीत मोंगा, करण जौहर, सिद्धार्थ रॉय कपूर और अरुण रंगाचारी ने किया था। इस फिल्म को 2013 के कान महोत्सव में भी प्रदर्शित किया गया था।

आँखों देखी (2014), रजत कपूर

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आँखों देखी (2014)

फिल्म आँखों देखी ने लोगों के सामने जिंदगी देखने का नया नज़रिया प्रस्तुत किया था। फिल्म में संजय मिश्रा और रजत कपूर ने मुख्य भूमिका निभाई थी, जबकि फिल्म का निर्देशन भी रजत कपूर ने ही किया था।


2014 में आई इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर तो कोई खास कमाल नहीं किया था, लेकिन फिर भी यह फिल्म दर्शकों के दिल में जगह बनाने में सफल रही थी। फिल्म को समीक्षकों से भी काफी सकारात्मक प्रतिक्रियाएँ मिली थीं।

क्वीन (2014), विकास बहल

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क्वीन (2014)

2014 में आई फिल्म क्वीन का निर्देशन विकास बहाल ने किया था। फिल्म की कहानी को महिलाओं के साहस से जोड़कर देखा गया। फिल्म को एक ओर समीक्षकों से अच्छी प्रतिक्रियाएँ मिलीं, वहीं दूसरी ओर फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर भी अच्छी कमाई की थी।


इस फिल्म का निर्माण वायकॉम 18, अनुराग कश्यप, मधु मांटेना और विक्रमादित्य मोटवाने ने किया था। भारत और फ्रांस में फिल्मायी गई इस फिल्म को राष्ट्रिय फिल्म पुरस्कार से भी नवाजा गया गया था।

मसान (2015), नीरज घेयवान

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मसान (2015)

मसान का निर्देशन नीरज घेयवान ने किया था। बनारस की दो कहानियों को इस फिल्म में बड़ी ही संजीदगी और संवेदनशीलता के साथ दिखाया गया था। फिल्म का निर्माण दृश्यम फिल्म्स और फैन्टम फिल्म्स ने किया था।


फिल्म को जहां कान फिल्म समारोह में प्रदर्शित किया गया था, वहीं फिल्म के निर्देशन के लिए नीरज घेयवान को राष्ट्रिय फिल्म पुरस्कार से भी नवाजा गया था।

पीकू (2015), शूजित सरकार

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पीकू (2015)

2015 में आई फिल्म पीकू का निर्देशन शूजित सरकार ने किया था। फिल्म में दीपिका पादुकोण और अमिताभ बच्चन ने मुख्य किरदारों को निभाया था। फिल्म में बाप-बेटी के रिश्तों को बेहद संजीदगी और हास्य को साथ रखते हुए दर्शाया गया था।


फिल्म को एक ओर समीक्षकों से काफी सराहना मिली थी, वहीं फिल्म बॉक्स ऑफिस पर भी अच्छी कमाई करने में सफल रही थी। इस फिल्म को राष्ट्रिय फिल्म समारोह में तीन पुरस्कारों से भी नवाजा गया था।

कपूर एंड संस (2016), शकुन बत्रा

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कपूर एंड संस (2016)

शकुन बत्रा के निर्देशन में बनीं फिल्म ‘कपूर एंड संस’ ने आम पारिवारिक और सामाजिक मुद्दों को बड़ी खूबसूरती से सबके सामने रखा था। फिल्म का निर्माण कारण जौहर ने किया था। फिल्म को एक ओर जहां समीक्षकों ने काफी सराहा था, साथ ही फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर भी ख़ासी कमाई की थी।

चटनी (2016), ज्योति कपूर दास

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चटनी (2016)

चटनी 2016 में आई एक शॉर्ट फिल्म है। फिल्म को अभिनेत्री टिस्का चोपड़ा ने लिखा था, जबकि फिल्म का निर्देशन ज्योति दास कपूर ने किया था। इस शॉर्ट फिल्म को समीक्षकों और दर्शकों से काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी।

न्यूटन (2017), अमित वी मसूरकर

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न्यूटन (2017)

न्यूटन फिल्म को भारत की तरफ से ऑस्कर के लिए आधिकारिक एंट्री के तौर पर भेजा गया था। फिल्म नक्सल इलाकों में चुनाव सम्पन्न कराने पर आधारित थी। फिल्म का निर्देशन अमित वी मसूरकर ने किया था, जबकि फिल्म का निर्माण मनीष मुन्द्रा ने किया था।


अभिनेता राजकुमार राव की मुख्य भूमिका वाली सी फिल्म को नेशनल फिल्म अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर भी अच्छी कमाई की थी।

तुंबाड (2018), राही अनिल बर्वे, आदेश प्रसाद

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तुंबाड (2018)

2018 में आई फिल्म तुंबाड ने अपनी एक अलग कहानी के चलते दर्शकों के बीच खूब चर्चा बटोरी। फिल्म का निर्देशन राही अनिल बर्वे और आदेश प्रसाद ने संयुक्त रूप से किया था। फिल्म का निर्माण सोहम शाह और आनंद एल राय ने किया था।


समीक्षकों की सकारात्मक प्रतिक्रिया के साथ ही फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर भी अच्छा प्रदर्शन किया था। फ़िल्म पहला ड्राफ्ट निर्देशक राही अनिल बर्वे ने 1997 में लिखा था, जब वे 18 साल के थे। यह फिल्म एक मराठी नावेल से प्रेरित है।

अंधाधुन (2018), श्रीराम राघवन

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अंधाधुन (2018)

श्रीराम राघवन ने अंधाधुन के रूप में एक मास्टरपीस का निर्माण किया है। फिल्म में एक बहतेरीन फिल्म होने की सभी खूबियाँ मौजूद हैं। फिल्म में आयुष्मान खुराना और तब्बू ने मुख्य भूमिकाएँ निभाईं थीं।


अंधाधुन फिल्म 2010 में आई एक फ्रेंच शॉर्ट फिल्म ‘द पियानो ट्यूनर’ से प्रेरित है। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर जोरदार कमाई की थी।

गली बॉय (2019), ज़ोया अख्तर

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गली बॉय (2019)

ज़ोया अख़्तर निर्देशित फिल्म गली बॉय मुंबई स्थित रैपर की जिंदगी पर आधारित है। फिल्म में रणवीर सिंह ने मुख्य भूमिका निभाई थी। फिल्म को भारत की तरफ से आधिकारिक एंट्री के तौर पर ऑस्कर के लिए भेजा गया था।


फिल्म का निर्माण फरहान अख़्तर की स्वामित्व वाली कंपनी एक्सेल एंटर्टेंमेंट ने किया था। फिल्म को दर्शकों से काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी, इसी के साथ ही फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर भी अच्छी कमाई की थी।