सरकारी कर्मचारियों, पेंशनभोगियों को जल्द मिल सकती है खुशखबरी, 4% बढ़ सकता है DA
केन्द्र या राज्य सरकार अपने कर्मचारियों और पेंशनर्स को महंगाई की मार से बचाने के लिए भत्ता देती है.
केंद्र सरकार जल्द ही केंद्र सरकार के कर्मचारियों (Central Government Employees) और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) बढ़ा सकती है. यह वृद्धि 4 प्रतिशत की रह सकती है. अगर बढ़ोतरी इतनी ही रही तो केंद्र सरकार के एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए डीए (Dearness Allowance) मौजूदा 38 प्रतिशत से बढ़कर 42 प्रतिशत हो जाएगा. महंगाई भत्ते में नई वृद्धि 1 जनवरी, 2023 से लागू होगी. केन्द्र या राज्य सरकार अपने कर्मचारियों और पेंशनर्स को महंगाई की मार से बचाने के लिए भत्ता देती है. सरकारी कर्मचारियों में पब्लिक सेक्टर यूनिट इंप्लॉइज भी शामिल हैं क्योंकि उन्हें भी सरकारी कर्मचारियों में ही गिना जाता है.
महंगाई भत्ते का मतलब है कि सरकार, महंगाई के प्रभाव को संतुलित करने के लिए कर्मचारी के मूल वेतन के एक प्रतिशत के रूप में अपने पेंशनभोगियों, कर्मचारियों आदि को भुगतान करती है. साल में इसे दो बार यानी जनवरी और जुलाई में कैलकुलेट किया जाता है. शहरी, अर्द्धशहरी और ग्रामीण इलाकों के हिसाब से डीए अलग-अलग होता है. बढ़ती महंगाई की वजह से इसे बढ़ाना पड़ता है. बढ़ती कीमतें बाजार पर निर्भर हैं और मुद्रास्फीति की दर को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सरकारी उपायों के बावजूद ,उच्च जीवन लागत की भरपाई के लिए डीए समायोजन की जरूरत है.
पेंशनर्स के लिए महंगाई भत्ता
पेंशनर्स के लिए महंगाई भत्ते को डियरनेस रिलीफ (Dearness Relief) भी कहा जाता है. जब भी वेतन आयोग नया वेतन ढांचा बनाता है, उसमें बदलाव का असर रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन पर भी पड़ता है. अगर महंगाई भत्ता बढ़ता है तो पेंशनर्स का डीआर भी बढ़ जाता है. कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते की गणना हर महीने श्रम ब्यूरो द्वारा जारी औद्योगिकी श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्ल्यू) के आधार पर की जाती है. श्रम ब्यूरो श्रम मंत्रालय का अंग है.
टैक्स दायरे में आता है DA
सैलरी पाने वाले कर्मचारियों को डीए पर टैक्स देना पड़ता है. इनकम टैक्स रूल्स के मुताबिक कर्मचारियों को डीए का हिस्सा आईटीआर में अलग से भरना पड़ता है. डीए की दो कैटेगरी हैं- औद्योगिक महंगाई भत्ता (Industrial Dearness Allowance) और वैरिएबल महंगाई भत्ता (VDA). औद्योगिक महंगाई भत्ता, केंद्र सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों पर लागू होता है और कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) के आधार पर हर तिमाही पर इसकी समीक्षा होती है. वीडीए केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर लागू होता है और कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) के आधार पर इसका हर छह महीने पर रिव्यू होता है. वीडीए 3 चीजों पर आधारित होता है- 1. बेस इंडेक्स 2. कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स और 3.सरकार की ओर से तय किया गया वीडीए. सरकार की ओर से इसे संशोधित किए जाने तक यही लागू रहता है.
Edited by Ritika Singh