अपने बागवानी स्टार्टअप से मुनाफा कमा रहे हैं दिल्ली के ये 17-वर्षीय उद्यमी
जहां हाई स्कूल में अधिकांश जेनरेशन एंट्रेस इग्जाम पास करने और एक अच्छे कॉलेज में एडमिशन पाने के लिए चिंतित रहती है वहीं, दिल्ली के छह टीनेजर्स स्कूल में पढ़ते उद्यमी बन गए। यह किसी साइंस प्रोजेक्ट के तहत उद्यमी नहीं बने हैं। बागवानी व्यवसाय 'फूलवारी' दिल्ली के रोहिणी स्थित जी डी गोयनका पब्लिक स्कूल में बारहवीं कक्षा के छात्र 17 वर्षीय वंशज छाबड़ा के दिमाग की उपज है। बाद में उन्होंने बागवानी के शौकीन अपने दोस्तों अनुष्का चक्रवर्ती, ईशान गोयल, श्रेयांश जैन, मनवी सिदाना, और स्तुति सरिया को भी अपने साथ जोड़ लिया।
संस्थापकों का कहना है कि फुलवारी केवल बागवानी व्यवसाय नहीं है जो केवल पौधे और उपकरण प्रदान करता है। ये छात्र 24 घंटे के भीतर - आपकी बागवानी संबंधी सभी समस्याओं को हल करने का वादा करते हैं। सवाल ये है कि स्टार्टअप तैयार करने के लिए टीनेजर्स का ये समूह एक साथ कैसे आया? केपीएमजी की रिपोर्ट के अनुसार, किशोरों का उद्यमी होना कोई नया नहीं हैं, खासकर भारत जैसे संपन्न पारिस्थितिकी तंत्र में, जिसमें 50,000 से अधिक स्टार्टअप हैं।
TYE कनेक्शन
रिस्क लेने से लेकर पैसनेट होने तक, अपने आइडियाज पर भरोसा करने और लीडरशिप क्वालिटी जैसी बहुत चीजें हैं जो उद्यमशीलता आपको सिखाती है। इससे बेहतर और क्या हो सकता है कि ये सब चीजें आपको स्कूल में ही सीखने को मिल जाएं? आज, कई मंच हैं जो युवाओं को उनके उद्यमशीलता के सपने और आकांक्षाओं का एहसास करा रहे हैं, भले ही वे अभी भी अपनी किशोरावस्था में क्यों न हों।
द इंडस एंटरप्रेन्योर (TiE) द्वारा संचालित वैश्विक कार्यक्रम टीआईई यंग एंटरप्रेन्योर (TYE), एक ऐसा मंच है, जिसका उद्देश्य उच्च विद्यालय के छात्रों को उद्यमी बनने और उद्यमी बनने की चुनौतियों को सिखाकर अगली पीढ़ी के उद्यमियों को प्रोत्साहित करना है। TYE का टार्गेट कक्षा नौवीं से बारहवीं या उसके समकक्ष के छात्र हैं। एक सफल व्यवसाय उद्यम स्थापित करने और उसे चलाने के विभिन्न पहलुओं के लिए यह इन छात्रों के लिए दो महीनों तक हर रविवार को क्लासरूम सेशन चलाता है। इस दौरान छात्रों को बिजनेस आइडिया पर मंथन करने और एक योजना तैयार करने के लिए टीमों में रखा जाता है। इसके बाद छात्र 'चैप्टर लेवल' पर प्रतिस्पर्धा करते हैं, जहां विजेता टीम को नकद पुरस्कार और पहचान के लिए अमेरिका में TYE ग्लोबल फाइनल्स में प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिलता है।
TYE अवार्ड्स में जूरी सदस्यों में से एक, CL Educate के चीफ कस्टमर ऑफिसर, श्रीनिवासन आर, का कहना है कि ये कार्यक्रम इन छात्रों के लिए वो काम करते हैं जो पारंपरिक शिक्षण संस्थान नहीं कर सकते। वह कहते हैं कि TYE जैसे कार्यक्रमों को स्कूल शिक्षा प्रणाली के साथ एकीकृत किया जाना चाहिए।
फुलवारी की अवधारणा TYE के दिल्ली अध्याय की हालिया पिच प्रतियोगिता में की गई थी। यहां टीनेजर्स के ग्यारह समूहों ने अपने बिजनेस आइडियाज को प्रस्तुत किया, इनमें सेफ्टी वॉच से लेकर एआई-इनैबल्ड फैशन ऐप और यहां तक कि ई-कचरे को मैनेज करने सहित कई आइडियाज शामिल थे। हालांकि, वंशज और टीम फूलवारी का आइडिया एक कदम आगे था जिससे उन्हें व्यापार व्यवहार्यता साबित करने के लिए एक महीने के पायलट का संचालन करने को मिला। ये 17-वर्षीय बच्चे अनियमित और अप्रशिक्षित माली की समस्या को हल करने की कोशिश कर रहे हैं। टीम उन लोगों की भी मदद करना चाहती है जो अपने आसपास पौधे रखना पसंद करते हैं, लेकिन यह नहीं जानते हैं कि उन्हें कैसे स्थापित किया जाए या उनकी देखभाल कैसे की जाए। वे न केवल एक ही दिन में आपके सभी ऑर्डर डिलीवर करते हैं, बल्कि बागवानी की सलाह भी देते हैं।
बीज बोते
वंशज ने अपने परिवार और पड़ोसियों को गार्डन तैयार करने में काफी संघर्ष करते देखा था। बागवानी के प्रति उत्साहित 17 वर्षीय वंशज ने देखा कि माली अक्सर अनियमित या अव्यवसायिक थे। पौधों को भी खरीदना और ट्रांसपोर्ट करना काफी कॉस्टली था। वे कहते हैं, "इस समस्या को हल कैसे किया जाए इसको लेकर मुझे एक साल पहले यह आइडिया आया था, लेकिन पढ़ाई के दबाव के कारण, मैंने कुछ नहीं किया।"
हालांकि वंशज के अंदर उद्यम शुरू करने की भावना हमेशा रही। इसके तुरंत बाद, उन्होंने TiE यंग एंटरप्रेन्योर्स (TYE) पुरस्कार के लिए आवेदन किया, और टीम ने क्वालीफाई किया। एक साथ, सभी (6) ने फैसला किया कि प्रोजेक्ट को कार्यक्रम के साथ नहीं रोकना चाहिए। और इसलिए, उन्होंने एक फुल वेंचर शुरू किया जिसने उन्हें लाभ दिया। शुरुआत करने के लिए, टीम ने शहर के केवल एक हिस्से - पश्चिमी दिल्ली - को सर्विस देने का फैसला किया, ताकि उनकी सर्विस इफेक्टिव हो सके और अपने वादों को पूरा कर सकें।
मई 2019 में शुरू हुआ, फूलवारी स्टार्टअप पौधों और बागवानी से जुड़े सामान की डिलीवरी एक दिन में करने का वादा करती है, और बागवानी से संबंधित सेवाएं जैसे रिमॉडलिंग और लैंडस्केपिंग बैकयार्ड, और सभी बागवानी से संबंधित परामर्श देती है। टीम ने पौधों और बागवानी से संबंधित अपने संदेह को स्पष्ट करने के लिए ग्राहकों के लिए एक कॉल सेंटर भी स्थापित किया है।
अब तक, फूलवारी सोशल मीडिया ऐप जैसे व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और फेसबुक के माध्यम से संचालन का प्रबंधन कर रही है। आगे जाकर, ये अपनी खुद की वेबसाइट और ऐप लॉन्च करने की योजना बना रहे हैं। वंशज ने YourStory को बताया, "हमारा ऑपरेशन साइकिल व्हाट्सएप पर ऑर्डर लेने और ग्राहक की लोकेशन के पड़ोस वाली नर्सरी से पौधे आउटसोर्स करने तक घूमता है।"
चूंकि पेटीएम, गूगल पे या फोनपे जैसी डिजिटल पेमेंट कंपनियां 18 वर्ष से कम उम्र के ग्राहकों को अनुमति नहीं देती हैं, इसलिए टीम फुलवारी सीओडी-ओनली (कैश ऑन डिलीवरी) के ऑर्डर ले रही है। पौधों के लिए स्टार्टअप का प्रमुख स्रोत थोक नर्सरी हैं। इसने कुशल सेवाओं को सुनिश्चित करने के लिए पेशेवर रीमॉडेलर्स और लॉजिस्टिक्स कंपनियों के साथ अनुबंध भी किया है।
प्रतियोगिता के संदर्भ में, वंशज का कहना है कि उन्हें किराए के माली, उगाओ (Ugaoo), नर्सरीलाइव (Nurserylive), मायबगीचा (MyBageecha) और अमेजॉन इंडिया से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है। उदाहरण के लिए संस्थापक कहते हैं कि अमेजॉन क्विक डिलीवरी ऑफर करता है, लेकिन उनके पास एक दिन में डिलीवरी, माली सेवाएं, रियायती दरों पर पौधे, फ्लेक्सिबल रिटर्न पॉलिसी और बगीचे से जुड़े परामर्श देने जैसी कोई अतिरिक्त सेवा नहीं है। फुलवारी पर पौधों की लागत 100 रुपये से 300 रुपये के बीच है, जिसमें पौधे लगाने वाले बर्तन भी शामिल हैं। वंशज का कहना है कि ये कीमतें प्रतिस्पर्धा से कम हैं और टीम बड़े बर्तनों के साथ बड़े और नए पौधों की पेशकश करती है।
शुरुआत छोटी, लक्ष्य बड़ा
वंशज को यकीन है कि फूलवारी 2022 तक अच्छा लाभ कमाने लगेगी। उनके पास विस्तार के बारे में एक स्पष्ट योजना है। टीम पहले पश्चिम दिल्ली में बहुत सारा अच्छा रिस्पॉन्स हासिल करना चाहती है और फिर 2021 तक पूरे एनसीआर में विस्तार करना चाहती है। उनका मानना है कि फूल्वरी 2023 तक इस क्षेत्र के बाजार की अग्रणी होगी। सभी छह संस्थापक सदस्य एक वर्ष के समय में प्रत्येक में 1.2 लाख रुपये का योगदान करके सीड कैपिटल का एक पूल बनाने के लिए पैसे बचा रहे हैं। जब बाजार के आकार की बात आती है, तो वंशज कहते हैं कि दिल्ली में 13 लाख मध्यवर्गीय परिवार हैं जो फूलवारी के टार्गेट मार्केट निर्माण करते हैं। वह कहते हैं कि 45 प्रतिशत भारतीय आबादी मध्यम वर्ग की है, जो अपने आप में एक बहुत बड़ा बाजार है।
इन युवा उद्यमियों को यह भी विश्वास है कि उनका स्टार्टअप पांच साल में 11 करोड़ रुपये की वार्षिक आय अर्जित करेगा। यह आत्मविश्वास उनके अंदर इस महीने के शुरू में दो सप्ताह के सफल पायलट प्रोजेक्ट के बाद आया है। इस दौरान उन्होंने 13 ऑर्डर पूरे किए और 1,150 रुपये का मुनाफा कमाया। टीनेजर्स ने व्यवसाय शुरू करने के लिए अपनी खुद की जेब से 1,000 रुपये से 2,000 रुपये तक जमा किए थे, और टीम का कहना है कि संचालन ने उनकी लागत को कवर कर लिया है।
और हाँ, फुलवारी का कामकाजी व्यवसाय मॉडल टीम को TYE पुरस्कार के रीजनल फाइनल्स में जीत दिलाने में एक महत्वपूर्ण कारक था। वंशज का कहना है कि वह टीम को बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई पूरी करने तक कंपनी को छोटे स्तर पर चलाएंगे। उसके बाद, वे प्लांट डिलीवरी के लिए ई-रिक्शा बेड़े के साथ जुड़कर बड़े पैमाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। फूलवारी भी नियमित और उचित सेवाएं देने के लिए व्यक्तिगत माली को प्रशिक्षित करने की योजना बना रही है।