Timeline: जानिए कैसे Grofers बना Blinkit और फिर तय किया Zomato तक का सफर
Blinkit के सीईओ अलबिंदर ढींडसा ने बताया कि यह एक्विजिशन उनके लिए Zomato में वापसी का प्रतीक है. साल 2011 से लेकर 2014 तक वह Zomato में इंटरनेशनल ऑपरेशंस के हेड थे.
रविकांत पारीक
Saturday June 25, 2022 , 4 min Read
फूडटेक यूनिकॉर्न जोमैटो (
) ने ऑनलाइन ग्रोसरी डिलीवर करने वाले क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म को खरीद लिया है. Blinkit को पहले ग्रोफर्स (Grofers) के नाम से जाना जाता था. यह डील 568.16 मिलियन डॉलर (4,447.48 करोड़ रुपये) में हुई है.Blinkit के सीईओ अलबिंदर ढींडसा ने बताया कि यह एक्विजिशन उनके लिए Zomato में वापसी का प्रतीक है. साल 2011 से लेकर 2014 तक वह Zomato में इंटरनेशनल ऑपरेशंस के हेड थे.
आज यहां हम आपको टाइमलाइन के जरिए बता रहें है कि कैसे Grofers India क्विक-कॉमर्स वेंचर Blinkit में तब्दील हुआ, और फिर Zomato ने इसे कैसे एक्वायर किया...
2013
सौरभ कुमार ने ग्राहकों के लिए पड़ोस की दुकानों से ऑन-डिमांड डिलीवरी सर्विस Onenumber की शुरुआत की.
2014
- दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 90 मिनट में डिलीवरी का वादा करते हुए, Onenumber ने खुद को Grofers के रूप में रीब्रांड किया.
- Zomato में इंटरनेशनल ऑपरेशंस के पूर्व प्रमुख अलबिंदर ढींडसा, बतौर को-फाउंडर Grofers में शामिल हुए.
- Grofers ने Sequoia Capital से सीड फंडिंग में 500,000 डॉलर जुटाए.
- Sequoia Capital और Tiger Global से सीरीज ए फंडिंग में 10 मिलियन डॉलर जुटाए; एनसीआर और मुंबई से बाहर विस्तार की योजना.
- करीब 1.6 करोड़ रुपये का कारोबार किया, मुख्य रूप से इसके B2B मॉडल के कारण.
- ग्रॉसरी सेगमेंट में अपनी जड़ें जमाने के लिए स्मार्टफोन-बेस्ड ग्रोसरी डिलीवरी प्लेटफॉर्म My Green Box को एक्वायर किया.
- Tiger Global और Sequoia Capital से सीरीज बी राउंड में 35 मिलियन डॉलर जुटाए; वैल्यूएशन 100 मिलियन डॉलर पार हुई.
- बेंगलुरु, जयपुर, अहमदाबाद, चेन्नई, हैदराबाद, पुणे में कारोबार का विस्तार; टीम बढ़कर 3,300 की हुई.
- फूड-डिलीवरी ऐप और B2B लॉजिस्टिक्स स्टार्टअप Townrush को एक्वायर कर पूरी टीम को हायर किया.
- DST के Apoletto Managers, Tiger Global और Sequoia Capital की भागीदारी के साथ SoftBank के नेतृत्व में सीरीज सी राउंड में 120 मिलियन डॉलर जुटाए.
2016
- भोपाल, कोयंबटूर और नासिक सहित 9 शहरों में कारोबार बंद किया.
- मार्केटप्लेस मॉडल से इन्वेंट्री-बेस्ड मॉडल में तब्दील हुआ; 90 मिनट की डिलीवरी से बनी दूरी.
2018
- जनवरी में मासिक GMV (Gross Merchandise Value) 100 करोड़ रुपये को पार कर गई.
- Tiger Global और Apolette Asia की भागीदारी के साथ SoftBank के नेतृत्व में सीरीज ई राउंड में 61.6 मिलियन डॉलर जुटाए.
- सब्सक्रिप्शन सर्विस लॉन्च करने के साथ ही दो सप्ताह के भीतर सब्सक्राइबर्स की संख्या 50,000 पार.
- सात ब्रांडों के साथ FMCG सेगमेंट में कदम रखा
2019
- SoftBank Vision Fund के नेतृत्व में सीरीज एफ राउंड के हिस्से के रूप में 220 मिलियन डॉलर जुटाए; वैल्यू 800 मिलियन डॉलर पार.
- बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए 5,000 कर्मचारियों को हायर किया; अपने नेटवर्क में 700 किराने की दुकानें जोड़ी.
- Times Group से और 20.2 मिलियन डॉलर जुटाए.
- वित्त वर्ष 2019 में घाटा बढ़कर 448 करोड़ रुपये हो गया, लेकिन Grofers का कहना था कि यह वित्त वर्ष 2020 में GMV को दोगुना कर 5,000 करोड़ रुपये करने की राह पर है.
- 27 शहरों में कारोबार विस्तार किया.
2021
- सौरभ कुमार ने ऑपरेशनल रोल से इस्तीफा दिया.
- Zomato ने Grofers India में 9.3 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए Competition Commission of India (CCI) से संपर्क किया.
- CCI ने सौदे को मंजूरी दी, Zomato ने Grofers में 10 करोड़ डॉलर का निवेश किया; Grofers ने यूनिकॉर्न क्लब में एंट्री मारी.
- Grofers ने 10 शहरों में 10 मिनट के भीतर ग्रॉसरी डिलीवरी सर्विस की शुरुआत की.
- Zomato ने बंद की इन-हाउस ग्रॉसरी डिलीवरी सर्विस; कहा - Grofers में निवेश से बेहतर नतीजे मिलेंगे.
- Grofers ने क्विक-कॉमर्स की ओर रुख करते हुए Blinkit के रूप में खुद को रीब्रांड किया; 300 पार्टनर स्टोर्स का लक्ष्य हासिल किया.
- सीरीज जी राउंड में KTB Asset Management से 24 मिलियन डॉलर जुटाए.
2022
- Zomato के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर दीपिंदर गोयल ने Grofers India में अपनी छोटी हिस्सेदारी बेच दी.
- Zomato, Blinkit ने विलय (merger) के लिए टर्म-शीट पर हस्ताक्षर किए; Zomato ने Blinkit को 150 मिलियन डॉलर का लोन दिया.
- Zomato ने Blink Commerce में 567.78 मिलियन डॉलर (4,447.48 करोड़ रुपये) में शेष हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया.