ये 7 बैंक भारत में बंद कर चुके हैं अपना बिजनेस, जानिए किन वजहों के चलते कहा 'अलविदा'
पिछले कई दिनों से लगातार सुनने को मिल रहा है कि दुनिया के कई बैंक डूब रहे हैं. पिछले कुछ सालों में देखें तो 2011 से अब तक करीब 7 बैंक बंद हो चुके हैं.
इन दिनों दुनिया के कई बड़े बैंक बंद (Bank Shut Down) होने के कगार पर हैं. इसकी शुरुआत हुई अमेरिका के सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Vally Bank) से और अब ये किस्सा क्रेडिट सुइस (Credit Suisse) तक पहुंच गया है. ऐसे में अगर पिछले कुछ सालों में देखें तो भारत में कई विदेशी बैंकों ने अपना बिजनेस बंद किया है. 2011 से लेकर अब तक 12 विदेशी बैंक भारत में बंद हो चुके हैं. इनकी सबसे बड़ी वजहें रहीं रेगुलेटरी और टैक्सेशन से जुड़े मुद्दे. साथ ही लोकल बैंकों से मिलने वाला कॉम्पटीशन और तेजी से बढ़ते नए प्लेयर्स ने विदेशी बैंकों को बंद होने पर मजबूर कर दिया. एक दौर में जब भारत की GDP ग्रोथ रेट 8 से 9 प्रतिशत थी. कई विदेशी बैंकों ने यहां अपनी शाखाएं खोली थीं. हालांकि, अब उनमें से ज्यादातर बैकों को मुनाफा कमाने में दिक्कत हो रही है.
1- Deutsche Bank
ये बात है साल 2011 की, जब डायशे बैंक ने भारत में अपना क्रेडिट कार्ड का बिजनेस बंद कर दिया था. ये पूरा बिजनेस इंडसइंड बैंक को बेच दिया गया.
2- UBS
अभी जो यूबीएस बैंक क्रेडिट सुइस का बिजनेस खरीदने जा रहा है, वह 2013 से पहले भारत में भी था. 2013 में इस कंपनी ने भारत से अपना बोरिया-बिस्तर समेट लिया था.
3- Morgan Stanley
मॉर्गन स्टेनली ने भी साल 2013 में भारत से एग्जिट लिया और अपना बैंकिंग लाइसेंस भी सरेंडर कर दिया था.
4- Commonwealth Bank of Australia
ऑस्ट्रेलिया के कॉमनवेल्थ बैंक ने साल 2016 में भारत में अपना बिजनेस बंद कर दिया और यहां से बाहर निकल गया.
5- Royal Bank of Scotland
स्कॉटलैंड का रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड भी 2016 से पहले तक भारत में था, लेकिन उसके बाद इसने भारत में अपना बिजनेस बंद किया और वापस चला गया.इस बैंक ने अपना कॉरपोरेट, रिटेल और इंस्टीट्यूशनल बिजनेस बंद किया था.
6- BNP Paribas
साल 2020 में बीएनपी परिबास बैंक ने भारत में अपना वेल्थ मैनेजमेंट का बिजनेस बंद कर दिया.
7- Citi Bank
इसी साल यानी 2023 में ही सिटी बैंक ने भारत में अपना रिटेल बिजनेस बंद किया है. सिटी बैंक का सारा रिटेल बिजनेस एक्सिस बैंक ने खरीद लिया है. भारत में सिटी बैंक के रिटेल बिजनेस में क्रेडिट कार्ड, गृह और व्यक्तिगत ऋण, खुदरा बैंकिंग और बीमा वितरण शामिल हैं. 2021 में सिटीग्रुप ने घोषणा की थी कि वह भारत समेत 13 देशों के रिटेल बैंकिंग ऑपरेशन से बाहर निकल जाएगा.