इस सिंगल-मदर ने अपने दम पर शुरू किया ऑर्गेनिक ब्यूटी स्टार्टअप, 2 सालों में टर्नओवर 8 लाख से पहुंचा 2.4 करोड़
पिछले कुम समय में स्टार्टअप्स का कल्चर देश में तेज़ी के साथ बढ़ा है और ऐसा लगता है मानो देश मे रोज़ एक नया स्टार्टअप शुरू हो रहा हो, लेकिन एक व्यवसाई या ऑन्त्रप्रन्योर की यात्रा बहुत ही कठिन होती है और उसे अपनी तमाम चुनौतियों पर अपने ही बल पर जीत हासिल करनी होती है। एक ऑन्त्रप्रन्योर होने के नाते आपको फ़ंड्स, फ़ाइनैंस और क्लाइंट्स के साथ-साथ अपने मानसिक स्वास्थ्य का भी ख़्याल रखना होता है।
आज हम एक महिला व्यवसाई, उपमा कपूर की कहानी आपके साथ साझा करने जा रहे हैं, जो इन सभी चुनौतियों पर खरी उतरीं और अपनी सफलता की कहानी को अपनी मेहनत से सजाया।
2017 में उपमा ने दिल्ली-गुरुग्राम से टील ऐंड टेरा नाम के ब्यूटी स्टार्टअप की शुरुआत की। उपमा देश में ऑर्गेनिक ब्यूटी इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाना चाहती थीं। उन्होंने अपनी बचत और परिवार-दोस्तों की मदद से 8 लाख रुपए जुटाए और अपनी कंपनी शुरू की। 2018 में कंपनी ने 2.4 करोड़ रुपए का टर्नओवर हासिल किया और उन्होंने किसी भी बाहरी स्रोत से फ़ंडिंग नहीं ली।
उपमा का यहां तक का सफ़र कुछ आसान नहीं रहा है और व्यक्तिगत जीवन में उन्होंने कई बड़े सदमे झेले हैं। बचपन में ही उनके मां-बाप ने ज़िंदगी का साथ छोड़ दिया और फिर निजी समस्याओं की वजह से उन्हें अपने पति से अलग होना पड़ा। उपमा एक सिंगल मदर हैं। दिल्ली की रहने वाली 40 वर्षीय उपमा ने इन सभी आघातों को अपनी ताकत बनाया और अपने जुनून को बरकरार रखा। 'हर स्टोरी' से बात करते हुए उपमा ने अभी तक की अपनी जीवन यात्रा को साझा किया।
शुरुआती दौर
माता-पिता के जाने के बाद उपमा का बचपन फीका पड़ गया और उम्मीद ने उनका दामन छोड़ दिया। 12 साल की उपमा को उनकी बड़ी बहन और उनके बहन के पति ने मिलकर बड़ा किया। उपमा कहती हैं,
"एक समय में मेरे पास सारी ख़ुशियां थीं और अचानक मुझसे सबकुछ छिन गया। मुझे उस उम्र में बिल्कुल भी पता नहीं था कि मैं ऐसे हालात के साथ कैसे पेश आऊं। मैं अपनी उम्र के बच्चों को उनके मां-बाप के साथ देखती थी और सोचती थी कि मेरे साथ ही ऐसा क्यों हुआ?"
वक़्त के साथ उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें अब अपने पैरों पर खड़े होना होगा और अपने सपनों को पूरा करना बोगा। वह कहती हैं कि उनके माता-पिता का उन्हें इतनी कम उम्र में छोड़ के जाना उनके लिए बड़ा सदमा था, लेकिन इस सदमे ने उन्हें जिम्मेदार और आत्मनिर्भर होना सिखाया। उन्होंने फ़ाइनैंस में एमबीए किया और 15 सालों तक कॉर्पोरेट सेक्टर में नौकरी की। उनके बेटे कबीर के जन्म के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी। कबीर 4 साल का ही था, जब उपमा ने शादी तोड़ने और अपने पति को छोड़ने का फ़ैसला लिया। 6 सालों तक उपमा ने बिज़नेस और एचआर कन्सलटेन्ट के तौर पर काम किया और 2017 में टील ऐंड टेरा लॉन्च करने का फ़ैसला लिया। उपमा अपने बेटे को अपना सबसे बड़ा सहारा और प्रेरणा मानती हैं।
ऑर्गेनिक ब्यूटी स्पेस में बिज़नेस की शुरुआत
टील ऐंड टेरा एक ऑर्गेनिक ब्यूटी स्टार्टअप है, जो यह दावा करता है कि उसके प्रोडक्ट्स में सिर्फ़ प्राकृतिक चीज़ों का ही इस्तेमाल होता है और किसी तरह का केमिकल प्रयोग नहीं किया जाता। उपमा ने दो साल पहले कंपनी शुरू करने के बारे में सोचा था, जब उन्हें इस बात का एहसास हुआ था कि भारत में बनने वाले ब्यूटी प्रोडक्ट्स विदेशी उत्पादों से कमतर हैं।
उपमा ने पाया कि इस फ़र्क की असली वजह है ब्यूटी प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल होने वाले मटीरियल और इसलिए उन्होंने तय किया कि वह ऐसे मटीरियल्स का इस्तेमाल अपने प्रोडक्ट्स में करेंगी, जिससे ग्राहकों के अंदर प्रोडक्ट्स के पूरी तरह से ऑर्गेनिक होने का विश्वास पैदा हो सके और अच्छे उत्पादों के नाम पर महंगी क़ीमतों वाले ब्यूटी प्रोडक्ट्स विदेशों से न मंगाने पड़े।
टील ऐंड टेरा पंचकुला, गुरुग्राम और दिल्ली से रॉ-मटीरियल मंगाता है। कंपनी के उत्पाद, आधिकारिक वेबसाइट के अलावा ऐमज़ॉन, फ़्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स प्लैटफ़ॉर्म्स पर भी उपलब्ध हैं। उपमा बताती हैं कि उनका ब्रैंड देश के उन चुनिंदा ब्रैंड्स में से एक है, जो अपने ब्यूटी प्रोडक्ट्स में अनियन ऑयल का इस्तेमाल करता है।
टील ऐंड टेरा की एक और ख़ास बात यह है कि इनके पास 20 लोगों की टीम है, जिसमें सारी महिलाएं हैं और ये महिलाएं अपने घरों से ही काम करती हैं। उपमा भविष्य में और अधिक महिलाओं को हायर करने पर विचार कर रही हैं।
उपमा बताती हैं,
"ये सभी महिलाएं ग्रैजुएट हैं और ये अपने परिवार को भी संभालती हैं। वे घर से बाहर निकलकर काम करना चाहती हैं, लेकिन उनके पास विकल्प भी कम हैं और साथ ही वे अपने परिवारों को भी नहीं छोड़ सकतीं। चूंकि मैंने भी इस तरह का ही सफ़र तय किया है, जब मेरा बेटा बड़ा हो रहा था, इसलिए मैं इस दौर को और इसकी चुनौतियों को अच्छी तरह से समझ सकती हूं।"
स्टार्टअप से जुड़ी चुनौतियां
उपमा ने अपनी दो प्रमुख चुनौतियों के बारे में बात करते हुए बताया कि उन्हें फ़ंड्स जुटाने और पहले से ही कई बड़े ब्रैंड्स से भरी हुई इंडस्ट्री में अपना नाम जमाने की दो सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। शुरुआत में अपने दम पर स्टार्टअप को फ़ंड करने में उपमा को बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सौभाग्य से उनके दोस्तों और परिवार ने उनपर भरोसा जताया और फ़ंड्स इकट्ठा करने में उनकी मदद की।
दूसरी चुनौती थी, इंडस्ट्री में पहले से स्थापित बड़े ब्रैंड्स के बीच अपना पहचान बनाने की। वह बताती हैं कि मार्केट में ऐसे कई बड़े ब्रैंड्स हैं, जो केमिकल-फ़्री प्रोडक्ट्स का दावा करते हैं, लेकिन इस्तेमाल के बाद ग्राहकों का उनपर से भरोसा उठा रहा है। मैंने इस विश्वास के फ़ैक्टर पर ही काम किया। उपमा कहती हैं कि एकबार इस्तेमाल के बाद ग्राहक हमारे उत्पादों की तारीफ़ दूसरे लोगों से करते हैं और उन्हें हमारे ब्रैंड के प्रोडक्ट्स ख़रीदने की सलाह देते हैं।
भविष्य की योजनाएं
हाल में, उपमा अपने ब्रैंड की विंटर केयर और बेबी केयर रेंज लॉन्च करने के बारे में सोच रही हैं। उपमा का लक्ष्य है कि आने वाले कुछ सालों में स्टार्टअप का टर्नओवर 15 करोड़ रुपए तक पहुंचे।