ताड़ के पत्तों से प्लेट-चम्मच बना पर्यावरण बचा रहे ये दंपती
आज हमारे आधुनिक रहन सहन में प्लास्टिक का इस्तेमाल इतन ज्यादा बढ़ गया है कि ये हमारे जीवन के लिए खतरनाक साबित हो गया है। छोटे से गांव से लेकर कस्बों और बड़े शहरों तक हर जगह प्लास्टिक के उत्पादों का अंधाधुंध प्रयोग हो रहा है। खासतौर पर किसी समारोह में। एक अनुमान के मुताबिक भारत में हर साल 56 लाख टन प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है। आपको पता होगा कि प्लास्टिक का क्षरण होने में हजारों वर्ष लग जाते हैं। इस तरह से देखें तो प्लास्टिक हमारे जीवन को आसान करने के बजाय हमारे अस्तित्व हो की संकट में डाल रहा है।
हाल ही में कई सेलेब्रिटीज जैसे आकाश अंबानी-श्लोका मेहता, दीपिका-रणवीर की शादियों में एक चीज कॉमन थी वो ये कि इनकी शादियों में पर्यावरण के लिए अनुकूल सामानों का इस्तेमाल किया। हालांकि अब सिर्फ अमीर ही नहीं बल्कि आम आदमी भी शादी-विवाह जैसे आयोजन में प्लास्टिक के सामानों का इस्तेमाल करने से परहेज करने लगे हैं। हालांकि अभी मार्केट में ऐसे इको फ्रेंडली उत्पादों की कमी है, लेकिन इस कमी को पूरा कर रहे हैं रोली और हर्ष जैसे लोग।
चेन्नई के रहने वाले रोली भट और टी हर्ष ने पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों को बनाने के लिए एक कंपनी शुरू की है जिसका नाम है- आद्या फार्म। उनकी कंपनी में ताड़ के पत्तों से खाने की मेज पर उपयुक्त होने वाले बर्तन बनाती है। इन प्रॉडक्ट्स के बारे में बात करते हुए रोली कहती हैं, 'हमारे प्रॉडक्ट बायोडिग्रेडेबल हैं यानी इन्हें इस्तेमाल करने के बाद आसानी से खाद में बदला जा सकता है। इस खाद का इस्तेमाल खेतों या बागवानी जैसे काम में किया जा सकता है।'
हर्ष और रोली ने मिलकर 300 किसानों का एक नेटवर्क तैयार किया है जो ताड़ के पेड़ से गिरे पत्तों को इकट्ठा करते हैं और उनकी फैक्ट्री तक भेजते हैं। उनकी फैक्ट्री कर्नाटक के भद्रावती में है। पत्तियों को इकट्ठा करने के बाद उसे पानी से धुला जाता है और फिर मशीन में डालकर उनसे सामान बनाया जाता है। रोली बताती हैं कि इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का केमिकल नहीं यूज किया जाता है।
रोली कहती हैं, 'आप एक सामान्य पत्ती को जमीन पर फेंक दें तो एक सप्ताह के अंदर यह गायब हो जाती है। ऐसे ही हमारे प्रॉडक्ट्स हैं। इन्हें आप एक सप्ताह के भीतर खाद बना सकते हैं। इसे हम वापस से किसानों को दे देते हैं जिनका इस्तेमाल वे खाद के रूप में करते हैं।' उनके उत्पादों में कटोरी, चम्मच, ट्रे से लेकर 30 से 35 तरह के सामान हैं। इनकी कीमत 3 रुपये से लेकर 12 रुपये तक है और ये कम से कम 25 ऑर्डर लेते हैं। कोई भी व्यक्ति इनकी साइट से जाकर उनका सामान खरीद सकता है। ये पूरे भारत में कहीं भी सामान भेज सकते हैं।
हमारे पर्यावरण पर हो रहे प्लास्टिक से नुकसान और इस आदत को बदलने के तरीके के बारे में बात करते हुए रोली कहती हैं, 'प्लास्टिक वाकई में हर जगह मौजूद है। खाने के एक ऑर्डर के साथ बहुत सारा प्लास्टिक आ जाता है। न केवल फूड डिलिवरी बल्कि विभिन्न स्थानीय दुकानों पर आपको सिंगल यूज प्लास्टिक प्लेट मिल जाएंगी। हम प्लास्टिक जितना उत्पादन तो नहीं कर सकते हैं, लेकिन हम सिंगल-यूज़ प्लास्टिक, टेबलवेयर और कटलरी का इस्तेमाल कम कर सकते हैं। हम इस दिशा में बस एक छोटा सा प्रयास कर रहे हैं।'
यह भी पढ़ें: भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति अजीम प्रेमजी ने परोपकार में दान किए 52 हजार करोड़