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ITR filing: आखिरी तारीख गुजरने के बाद रिटर्न भरने पर किन टैक्सपेयर्स पर नहीं लगती पेनल्टी

टैक्सपेयर की एक कैटेगरी ऐसी भी है, जिसके पास डेडलाइन के गुजरने के बाद भी बिना किसी पेनल्टी या लेट फीस के ITR फाइल करने का मौका रहता है.

ITR filing: आखिरी तारीख गुजरने के बाद रिटर्न भरने पर किन टैक्सपेयर्स पर नहीं लगती पेनल्टी

Friday July 22, 2022 , 3 min Read

वित्त वर्ष 2021-22 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2022 है. इस डेडलाइन को आगे बढ़ाने की मांग की जा रही है लेकिन अभी तक सरकार ने ऐसा किया नहीं है और न ही इस बारे में कोई संकेत दिया है. अगर डेडलाइन को आगे नहीं बढ़ाया जाता है तो इनकम टैक्स रिटर्न भरने से चूक गए लोगों के पास 31 मार्च 2022 तक बिलेटेड ITR फाइल करने का मौका रहेगा लेकिन 5000 रुपये तक की पेनल्टी भी लगेगी.

हालांकि टैक्सपेयर की एक कैटेगरी ऐसी भी है, जिसके पास डेडलाइन के गुजरने के बाद भी बिना किसी पेनल्टी या लेट फीस के ITR फाइल करने का मौका रहता है.

कौन से हैं वे टैक्सपेयर

ड्यू डेट गुजरने के बाद भी बिना किसी लेट फीस के वे लोग ITR फाइल कर सकते हैं, जो जीरो रिटर्न फाइल कर रहे हैं. यानी ​जिनकी कुल आय, बिना किसी डिडक्शन को क्लेम किए बेसिक एग्जेंप्शन लिमिट के अंदर आती है. इस वक्त देश में इनकम टैक्स के दो तरह के स्लैब हैं. नए स्लैब यानी नई टैक्स व्यवस्था में बेसिक एग्जेंप्शन लिमिट हर आयु के व्यक्ति के लिए 2.5 लाख रुपये है. वहीं पुरानी टैक्स व्यवस्था में बेसिक एग्जेंप्शन लिमिट 60 वर्ष से कम आयु के लोगों के लिए 2.5 लाख रुपये, 60—80 वर्ष के लिए 3 लाख रुपये और 80 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए 5 लाख रुपये है.

बिलेटेड रिटर्न फाइल करने वालों को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 234F के तहत लेट फीस या पेनल्टी का भुगतान करना होता है. लेकिन अगर किसी व्यक्ति की कुल आय उसके द्वारा चुनी गई टैक्स व्यवस्था के तहत, बेसिक एग्जेंप्शन लिमिट को पार नहीं कर रही है तो उसे बिलेटेड ITR फाइल करते हुए कोई पेनल्टी नहीं भरनी होगी. लेकिन इसमें भी कुछ शर्तें लागू हैं.

क्या हैं वे शर्तें

कुछ ऐसी भी परिस्थितियां होती हैं, जब कुल कमाई बेसिक एग्जेंप्शन लिमिट से कम होने पर भी आपको ITR भरना होता है. इन परिस्थितियों में अगर आप ड्यू डेट चूके तो फिर आपको भी अन्य टैक्सपेयर की तरह बिलेटेड ITR पर पेनल्टी का भुगतान करना होता है. ये परिस्थितियां हैं...

1. किसी बैंक/सहकारी बैंक में एक या एक से ज्यादा खातों में 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक की रकम जमा की हो.

2. अपनी या किसी और की विदेशी यात्रा पर 2 लाख रुपये या उससे अधिक खर्च किए हों.

3. किसी साल में 1 लाख रुपये या उससे अधिक के बिजली बिल का भुगतान किया हो.

4. किसी गैर भारतीय कंपनी में स्टॉक्स जैसे विदेशी एसेट्स का स्वामित्व रखते हों.

पहले 10000 रुपये तक हुआ करती थी पेनल्टी

पहले बिलेटेड ITR फाइल करने पर पेनल्टी 10000 रुपये तक थी. लेकिन अब यह घटकर मैक्सिमम 5000 रुपये हो चुकी है. आयकर अधिनियम की धारा 139 (1) के तहत किसी आकलन वर्ष के लिए निर्धारित समय के भीतर रिटर्न दाखिल नहीं करने पर धारा 234F के तहत लेट फीस देनी होती है. हालांकि यदि टैक्सपेयर की कुल आमदनी 5 लाख रुपये से अधिक नहीं है तो उस पर केवल 1000 रुपये की ही पेनल्टी लगेगी.

रिवाइज नहीं होता लेट भरा गया रिटर्न

31 जुलाई की डेडलाइन गुजरने के बाद रिटर्न भरने पर ‘Return File under 139(4)’ का विकल्प चुनना होता है. देरी से फाइल किया गया रिटर्न रिवाइज नहीं किया जा सकता है. याद रहे कि किसी भी केस में रिटर्न फाइल करने के बाद 120 दिन में उसे वेरिफाई करना होता है. वेरिफिकेशन न होने पर समय पर भरा गया रिटर्न भी अमान्य हो जाता है.