बॉयकॉट ट्रेंड से बेअसर इस दिवाली भी बनी हुई है चाइनीज LED की चमक
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक चीन के कई एक्सपोर्टस को अप्रैल से ही LED लाइट्स के ऑर्डर मिलने शुरू हो गए थे जो दिवाली के एक सप्ताह पहले तक बने हुए हैं. सबसे ज्यादा डिमांड परदों पर लगने वाले LED लाइट्स और अलग अलग शेप के LED लैंप्स की आ रही है.
हर साल दिवाली के मौके पर बाजार चाइनीज लड़ियों से सज जाता है. मगर बीते कुछ सालों में देसी सामानों की खरीदारी पर ज्यादा जोर दिया गया है. हर साल तो बॉयकॉट चाइनीज और बाई लोकल का ट्रेंड उभरने लगता है. आइए देखते हैं इस साल यानी 2022 में क्या हाल रहा है चाइनीज वर्सेज इंडियन मार्केट का.
ग्लोबलटाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक चाइनीज सप्लायर्स के पास हर बार की तरह इस बार भी जबरदस्त ऑर्डर आ रहे हैं. इंडस्ट्री के लोगों और एक्सपर्ट्स ने बताया कि महंगाई, महामारी और भारत के सरकारी अधिकारियों और मीडिया में चीन के सप्लाई चेन पर चल रही चर्चा के बावजूद बड़ी तेजी से ऑर्डर आ रहे हैं.
चीन में ही एक एलईडी डेकोर सामान के एक्सपोर्टर ल्यूलिन लाइट डेकोरेशन के एक एंप्लॉयी ने कहा कि वो इंडियन क्लाइंट को अप्रैल से दिवाली के सामानों की सप्लाई कर रहे हैं. त्योहार के एक सप्ताह पहले तक भी उनकी ऑर्डर बुक खचाखच भरी हुई है. उनकी पूरी कंपनी इंडियन क्लाइंट के ऑर्डर को पूरा करने के लिए पूरी कैपेसिटी से काम कर रही है.
उन्होंने कहा, इस साल सबसे ज्यादा डिमांड परदों को सजाने वाले एलईडी लाइट्स की आ रही है. उसमें भी खासकर फ्लेम या लैंप के शेप वाले एलईडी की कुछ ज्यादा डिमांड है. एक अन्य एक्सपोर्टर जो लगभग 5 सालों से इंडियन दुकानदारों को सप्लाई कर रहे हैं वो कहते हैं, इस बार बाकी के सालों के मुकाबले ज्यादा देर तक ऑर्डर मिले हैं. वो अब तक हजारों लाखों के फेस्टिव सामान बेच चुके हैं.
चीन के एक एक्सपोर्टर कहते हैं कि क्वॉलिटी, किफायती और समय से डिलीवरी देने में सक्षम होने की वजह से इंडियन सेलर हमसे सामान मंगाना पसंद करते हैं. साथ ही हम पेमेंट के तरीके को लेकर भी फ्लेक्सिबल रहते हैं, जिसमें उन्हें सहूलियत रहती है पेमेंट उसी मीडियम से लेते हैं. इसलिए इंडियन सेलर्स के साथ हमारा बिजनेस चला आ रहा है.
चीन से भारत को दिवाली से जुड़े सामानों की डिलीवरी से जुड़ा कोई भी आधिकारिक आंकड़ा अभी तक तो मौजूद नहीं है मगर कुछ सर्वे हैं जो भारतीयों के स्पेेंडिंग हैबिट और फेस्टिवल के कनेक्शऩ को बताते हैं. लोकलसर्किल्स के एक सर्वे के मुताबिक भारतीय कंज्यूमर्स ज्यादातर खर्च दिवाली से जुड़े सामान, ग्रोसरी और होम रेनोवेशन पर खर्च करने वाले हैं.
इसके अलावा सर्वे रिपोर्ट कहती है कि हर तीन में एक घर करीबन इस फेस्टिव सीजन 10000 रुपये खर्च करने को तैयार है. एक और अहम बात ये है कि कोविड के बाद ये भारतीयों के लिए पहली प्रतिबंध मुक्त दिवाली होगी. इसलिए इस फेस्टिव सीजन भारी खरीदारी होने के भरपूर आसार दिख रहे हैं. सर्वे कहती है कि 2022 में फेस्टिव सीजन के दौरान खर्च 32 अरब डॉलर तक पहुंच जाने की उम्मीद है.
उधर चाइना चैंबर ऑफ कॉमर्स फॉर इंपोर्ट एंड एक्सपोर्ट ऑफ मशीनरी एंड इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्ट्स के आंकड़ें बताते हैं कि भारतीय बाजारों में चाइनीज एलईडी और उससे बने प्रॉडक्ट्स की पॉपुलैरिटी बढ़ी है.
इस साल की पहली छमाही में चीन के एक्सपोर्टर्स ने 710 मिलिनय डॉलर की एलईडी लाइट और उससे बने सामान इंडिया को एक्सपोर्ट किए हैं. यह 2021 के एक्सपोर्ट से 27.3 फीसदी और 2020 के मुकाबले 135.3 फीसदी ज्यादा है.
दिवाली बीतने के बाद कैट बिक्री के मामले में आंकड़े जारी करेगी. उसके बाद ही अब असल तस्वीर साफ हो पाएगी कि इस दिवाली इंडियन मैन्युफैक्चरर्स ने बाजी मारी है या चाइनीज एलईडी लाइट्स का ही बोलबाला रहा है.
Edited by Upasana