इस इंजीनियर ने नौकरी छोड़ शुरू किया मछ्ली पालन, अब हर सीजन कमा रहे हैं 10 लाख रुपये का मुनाफा
अपने दूसरे साल के दूसरे सीजन में प्रखर ने मछली पालन में सारी लागत को निकालते हुए 10 लाख रुपये का बेहतरीन मुनाफा भी कमाया।
आज युवाओं में कृषि को लेकर लगातार बढ़ती हुई रुचि देखी जा रही है। युवा उन्नत तकनीक के साथ कृषि के जरिये परंपरागत खेती की तुलना में कई गुना अधिक मुनाफा भी कमा रहे हैं। ऐसे ही एक युवा हैं प्रखर प्रताप जिन्होने मछ्ली पालन के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी और आज लाखों रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में जन्मे प्रखर के पिता किसान मूल रूप से किसान हैं। प्रखर की दिलचस्पी यूं तो किसानी में शुरुआत से ही थी लेकिन उनके पिता चाहते थे कि वो सिविल इंजीनियर बनें। शुरुआती शिक्षा अपने गाँव में ही पूरी करने के बाद अपने पिता की इच्छा का सम्मान करते हुए प्रखर ने प्रयागराज आकर सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।
इंजीनियरिंग पूरी करने के साथ ही प्रखर को पश्चिम बंगाल की एक कंपनी में नौकरी मिल गई। अपनी नौकरी के दौरान प्रखर को कई बार यात्रा भी करनी पड़ती थी और इन्ही यात्राओं के दौरान प्रखर के भीतर पश्चिम बंगाल में परंपरागत तौर पर होने वाली मछली की खेती को लेकर रुचि पैदा होना शुरू हो गई।
नौकरी के दौरान सीखा मछ्ली पालन
प्रखर ने मछली पालन को लेकर बेसिक ज्ञान पश्चिम बंगाल में रहते हुए ही जुटाया और इसी के साथ उन्हेे अपने गाँव की परंपरागत खेती के साथ में ही मछली पालन को जोड़ने का विचार आया।
प्रखर के लिए शुरुआत में मछ्ली पालन के लिए अपने परिवार को राजी करने में थोड़ी मुश्किल जरूर हुई लेकिन प्रखर की रुचि को दहते हुए उन्हेे परिवार से रजामंदी जल्द ही मिल गई। प्रखर ने इसके बाद स्थानीय तौर पर काम कर रहे मछली पालन विभाग से भी संपर्क किया लेकिन तब प्रखर ने उन विभागों में विशेषज्ञता के अभाव को महसूस किया। इसी के साथ प्रखर के लिए मछली पालन में पहला साल नाकामी से भरा हुआ रहा, हालांकि प्रखर ने इस दौरान अपनी असफलता से काफी कुछ सीखा भी।
कमाया 10 लाख का मुनाफा
इसके बाद प्रखर ने उत्तर प्रदेश के मेजा में स्थित एक मछली पालन विशेषज्ञ से संपर्क किया और उन्हेे अपने गाँव बुलाया। विशेषज्ञ ने चार दिन गाँव में रुकने के साथ ही प्रखर को उर्वरक और अन्य तकनीकों को लेकर जानकारी मुहैया कराई जिसके बाद प्रखर को मत्स्य पालन में तेजी के साथ आगे बढ़ने में काफी मदद मिली।
विशेषज्ञ से मिली जानकारी को प्रखर ने मत्स्य पालन में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया और जल्द ही उन्हेे इसका फायदा भी मिलना शुरू हो गया। अपने दूसरे साल के दूसरे सीजन में प्रखर ने मछली पालन में सारी लागत को निकालते हुए 10 लाख रुपये का बेहतरीन मुनाफा भी कमाया।
नौकरी छोड़ पूरी तरह जुटे
इस मुनाफे ने प्रखर को एक आत्मविश्वास दिलाया और इसी के साथ मछली पालन में पूरी तरह आगे बढ़ने के उद्देश्य के साथ उन्होंने अपनी सिविल इंजीनियरिंग की नौकरी भी छोड़ दी।
आज प्रखर ने न सिर्फ अपना मछली पालन व्यवसाय पूरी तरह स्थापित किया है, बल्कि अब वह क्षेत्र के अन्य किसानों को परंपरागत खेती के साथ-साथ मछली पालन को भी शुरू करने में मदद कर रहे हैं। मछली पालन की नई तकनीक किसानों को अपने खेत से पहले की तुलना में अधिक कमाई करने में मदद कर रही है, जिससे बड़ी तादाद में क्षेत्र किसान मछ्ली पालन से जुड़ रहे हैं।
मछ्ली पालन के लिए आज केंद्र सरकार भी किसानों को 75 फीसदी तक लोन मुहैया करा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार किसान एक एकड़ तालाब में मछ्ली पालन कर हर साल कम से कम 5 लाख रुपये का मुनाफा कमा सकते हैं।