ये है इंडियन आर्मी की 'सुपर 30' कोचिंग, जम्मू-कश्मीर के युवाओं को करा रही है प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी
भारतीय सेना कश्मीर के युवाओं के भविष्य को सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से ‘सुपर 30’ कोचिंग संचालित कर रही है।
‘सुपर 30’ प्रोग्राम का हिस्सा बनने के लिए छात्र का प्रवेश परीक्षा को पास करना अनिवार्य है। गौरतलब हैं कि इस प्रोग्राम के लिए चयनित होने वाले छात्रों के लिए भारतीय सेना इस प्रोग्राम के दौरान रहने-खाने की भी व्यवस्था करती है।
बिहार की राजधानी पटना में संचालित होने वाली सुपर 30 कोचिंग के बारे में तो आपने जरूर सुन रखा होगा, जहां चर्चित शिक्षक आनंद कुमार गरीब व पिछड़े वर्ग के विद्यार्थियों को मुफ्त में आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराते हैं, लेकिन क्या आपको मालूम है कि जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना खुद मेधावी कश्मीरी युवाओं के लिए ‘सुपर 30’ कोचिंग का संचालन कर रही हैं?
आपको बताते चलें कि भारतीय सेना कश्मीर के युवाओं के भविष्य को सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से ‘सुपर 30’ कोचिंग संचालित कर रही है। इस ‘सुपर 30’ प्रोग्राम के जरिये गरीब और जरूरतमंद छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार किया जा रहा है।
होनी चाहिए ये योग्यता
भारतीय सेना की ‘सुपर 30’ कोचिंग में दाखिला लेने के लिए छात्र का 12वीं की परीक्षा में कम से कम 60 प्रतिशत अंकों के साथ पास होना अनिवार्य है, जबकि छात्र के माता-पिता की सालाना आय 3.5 लाख रुपये से कम होनी चाहिए। इन दोनों शर्तों को पूरा करने वाले छात्र को ‘सुपर 30’ की प्रवेश परीक्षा में भाग लेने का मौका दिया जाता है।
अब ‘सुपर 30’ प्रोग्राम का हिस्सा बनने के लिए छात्र का प्रवेश परीक्षा को पास करना अनिवार्य है। गौरतलब हैं कि इस प्रोग्राम के लिए चयनित होने वाले छात्रों के लिए भारतीय सेना इस प्रोग्राम के दौरान रहने-खाने की भी व्यवस्था करती है। कश्मीरी युवाओं के बेहतर भविष्य को लेकर जारी इस कोशिश में सेना की मदद कानपुर आधारित एक एनजीओ भी कर रहा है।
छात्रों को मिल रही है सहूलियत
इस प्रोग्राम का हिस्सा बन चुके कुछ छात्रों ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए बताया है कि आमतौर पर कोचिंग में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए 2 से 3 लाख रुपये फीस ली जाती है,इसी के साथ आने-जाने और रहने का किराया भी लगता है, लेकिन सेना की इस कोचिंग में सब कुछ फ्री है।
सेना द्वारा ‘सुपर 30’ कोचिंग का संचालन श्रीनगर में किया जा रहा है। आज जम्मू और कश्मीर के तमाम इलाकों के छात्र इस प्रोग्राम के तहत प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। छात्रों का मानना है कि सेना की सुपर 30 कोचिंग की तरह और भी प्रोग्राम कश्मीर के दूर दराज इलाकों में भी शुरू होने चाहिए जिससे उन इलाकों में रह रहे युवाओं को भी आगे बढ़ने का मौका मिला सके।
मिल रही है लगातार सफलता
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार सेना की सुपर 30 कोचिंग में छात्र नीट और एमबीबीएस परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। गौरतलब है कि साल 2018 में शुरू हुए इस प्रोग्राम के पहले ही बैच के 19 छात्रों का चयन एमबीबीएस और बीडीएस आदि कोर्स के लिए हुआ था।
यह प्रोग्राम 12 महीने का कोर्स है, जहां ये युवा रोजाना छह घंटे के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री, जूलॉजी और बॉटनी जैसे विषयों की पढ़ाई करते हैं।
सेना और कश्मीर के मेधावी युवाओं की मेहनत का नतीजा है कि सुपर 30 प्रोग्राम लगातार सफलता की कहानी लिख रहा है। घाटी में आतंकी गतिविधिओं पर लगाम लगाने के साथ ही सेना द्वारा कश्मीरी युवाओं के भविष्य को उज्जवल बनाने की यह कोशिश वाकई तारीफ के काबिल है।
Edited by Ranjana Tripathi