फ्रीलान्सर्स और कंपनियों के बीच की खाईं पाट रहा है जयपुर का यह स्टार्टअप
फ्रीलान्सिंग में धोखा मिलने के बाद हुई शुरुआत का नतीजा आज एक्सपर्टराइट के रूप में सबके सामने है। यह स्टार्ट अप फ्रीलान्सरों और ग्राहकों के बीच की खाईं पाटने का काम कर रहा है।
जयपुर के एमिटी विश्वविद्यालय से बीटेक कंप्यूटर साइंस स्नातक आयुष गोयल ने अपने कॉलेज के पहले वर्ष में फ्रीलांसिंग शुरू की। उन्होने डेटा एंट्री से शुरुआत की जिसके लिए उन्हे प्रति पेज 70 रुपये देने का वादा किया गया था। सिक्योरिटी के तौर पर उनसे शुरुआत में उनसे 4,000 रुपये लिए गए। लगभग एक महीने बाद उन्हे पता चला कि उन्हे ठगा गया था। न तो उन्हें उनके काम के लिए भुगतान किया गया था, न ही उन्हें सुरक्षा राशि वापस मिली थी।
निराश होने साथ ही उन्होने स्थिति के बारे में कुछ करने का मन बनाया। आयुष ने भारत में फ्रीलान्स अर्थव्यवस्था पर शोध करना शुरू किया। कॉलेज के अपने तीसरे वर्ष में उन्होने अपनी जेब से 20,000 रुपये के साथ लगाते हुए 24 वर्षीय MissionKya.com शुरू किया।
2019 में, उन्होंने अपने स्टार्टअप को ExpertRight नाम से रिब्रांड किया।
“MissionKya.com एक कोचिंग सेंटर के नाम के रूप में आया था। मैं गिग अर्थव्यवस्था के लिए एक वैश्विक मंच बनाना चाहता था, जिसमें एक सामान्य भारतीय नाम काम नहीं करता।"
दो की टीम के रूप में शुरू हुए इस स्टार्टअप में अब 10 सदस्यीय टीम है। स्टार्टअप का मुख्यालय जयपुर में है। पहले महीने में एक्सपर्ट की आय लगभग शून्य थी, वहीं स्टार्टअप अब सालाना 2.2 करोड़ रुपये के राजस्व का दावा करता है। स्टार्टअप अब तक 500 ग्राहकों को सेवा दे चुका है और स्थापना के बाद से 18,500 से अधिक फ्रीलांसरों के साथ काम कर चुका है।
आयुष कहते हैं,
"महानगरों की तुलना में जयपुर कार्यालय का किराया और यात्रा सस्ता होने के बाद से हमारे खर्च बेहतर ढंग से प्रबंधित होते हैं।"
बाज़ार का स्ट्रक्चर
कंपनियां, ग्राहक और फ्रीलांसर मुफ्त में एक्सपर्टराइट के प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण कर सकते हैं। एक बार पंजीकृत होने के बाद, कंपनियां (आमतौर पर छोटे से मध्यम आकार वाली) वेबसाइट पर विस्तृत आवश्यकताओं को पोस्ट करती हैं, जिसके बाद फ्रीलांसरों को सूचित किया जाता है। इच्छुक फ्रीलांसर अपने प्रस्ताव कंपनियों या क्लाइंट्स को भेजते हैं, जो अपनी आवश्यकताओं के अनुसार सही फ्रीलांसर का चयन करते हैं।
कागजी कार्रवाई और दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के बाद, ग्राहक एक्सपर्टराइट के एस्क्रो खाते में अग्रिम भुगतान जमा करते हैं। फ्रीलांसर अपने प्रोजेक्ट को निर्धारित समय सीमा में पूरा करते हैं, फिर क्लाइंट की तरफ से सत्यापन और पुष्टि के बाद, एक्सपर्टराइट 10 प्रतिशत कमीशन काटकर फ्रीलांसर के खाते में अग्रिम भुगतान जमा कर देता है।
एक्सपर्ट राइट के कोर मेंबरों में मेटलाइफ और आईबीएम पूर्व कर्मचारी जितेंद्र सिंह और राजस्थान यूनिवर्सिटी से एमसीओएम की स्नातक एकता माहेश्वरी भी हैं। जितेंद्र पार्टनरशिप और गठजोड़ का प्रबंधन देखते हैं और एकता इनसाइड सेल्स के प्रभारी हैं।
यूएसपी के अनुसार सेवा
मास्टरकार्ड और कैसर एसोसिएट्स के अनुसार द ग्लोबल गिग इकोनॉमी अभी 240 बिलियन डॉलर पर है, जो 2023 तक 455 बिलियन डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है।
मार्केट में गुरु, अपवर्क, फ्रीलांसर और विशप जैसे विभिन्न प्लेटफॉर्म और मार्केटप्लेस मौजूद हैं, जो फ्रीलांसरों और ग्राहकों के बीच की खाई पाट रहे हैं, लेकिन एक्सपर्टराइट खुद को अलग मानता है।
आयुष कहते हैं,
"एक्सपर्ट का समर्पित प्रोजेक्ट मॉडरेटर हमारी यूएसपी है।"
प्रोजेक्ट मॉडरेटर्स फ्रीलांसरों को प्रोजेक्ट डील करते समय क्लाइंट्स से बातचीत करने में मदद करते हैं। काम पर रखने के बाद, प्रबंधक यह सुनिश्चित करता है कि दस्तावेजों पर दोनों पक्षों द्वारा विधिवत हस्ताक्षर और मुहर लगाई गई हो। आयुष कहते हैं, "यह सुनिश्चित करता है कि दस्तावेज़ में कोई एकतरफा नियम और शर्तें नहीं हैं।"
इसके अलावा, परियोजना की लाइफ-साइकल के दौरान, परियोजना मध्यस्थ फ्रीलांसर द्वारा वितरित किए जा रहे काम की गुणवत्ता को देखता है, क्लाइंट के साथ संचार बनाए रखता है और रिपोर्टिंग का एक बिंदु प्रदान करता है।
आयुष के अनुसार, ExpertRight के अधिकांश डेवलपर्स बेंगलुरु और दिल्ली जैसे शहरों से हैं। इसके डिजाइनर और लेखक जयपुर और अहमदाबाद से हैं, जबकि सभी एनिमेटर कोलकाता से हैं।
आगे बढ़ते हुए
ExpertRight ने लिंक्डइन और फेसबुक ग्रुपों के माध्यम से अपने ग्राहकों के शुरुआती सेट का अधिग्रहण किया है। आयुष कहते हैं, "अब रेफरल और माउथ पब्लिसिटी हमारे अधिकांश ग्राहकों को साथ लाती है।"
एक स्टार्टअप जिसके शुरू होने के पहले वर्ष में केवल 60 ग्राहक थे, अब उसके पास एक विशाल ग्राहक सूची है, जिसमें OYO रूम्स, हिंदुस्तान टाइम्स, वेत्रो पावर, ट्रैवल ट्राइएंगल, होलिसोल लॉजिस्टिक्स, सिस्तेमा बायो, कोव्स और एनआईआईटी टेक्नोलॉजी जैसे दिग्गज शामिल हैं।
भविष्य के प्लान
एक्सपर्ट की सबसे बड़ी चुनौती फ्रीलांसरों की छवि के प्रति बना विरोधाभास है।
आयुष कहते हैं,
"कंपनियों को प्रदर्शन और समय पर डिलीवरी के बारे में बहुत संदेह रहा है। दूसरी तरफ, फ्रीलांसरों को समय पर भुगतान के लिए ग्राहकों पर भरोसा करने में असुविधा होती है"
टीम ने प्रत्येक प्रोजेक्ट की देखभाल के लिए समर्पित प्रोजेक्ट मध्यस्थों को सौंपकर, डिलीवरी और भुगतान के लिए व्यक्तिगत गारंटी लेते हुए इस समस्या पर काबू पा लिया।
एक्सपर्ट राइट मई 2020 तक एक प्रोजेक्ट मैनेजमेंट ऑटोमेशन टूल लॉन्च करने की योजना बना रहा है। आगे जाकर, यह जल्द ही कम से कम तीन अन्य देशों में अपनी सेवाओं को लॉन्च करने के लिए फंडिंग के पहला दौर की ओर बढ़ेगा।
आयुष कहते हैं,
'' हम अगले तीन वर्षों में एक मिलियन फ्रीलांसरों के साथ जुड़ना चाहते हैं।“