गुड़ को नए फ्लेवर के साथ पेश कर रहा है यह युवा उद्यमी, जापान से वापस आकर देश में शुरू की कंपनी
जैगिक ब्रांड आज गुड़ को कई फ्लेवर्स के साथ कैंडी के रूप में लोगों के सामने पेश कर रहा है। जापान से वापस आकर अपने वतन में काम शुरू करने वाले भूपेश सैनी के साथ आज बड़ी संख्या में देश भर से गन्ना किसान जुड़ना चाह रहे हैं।
जैगिक ब्रांड आज गुड़ से बनी कैंडी व अन्य उत्पादों को लोगों तक पहुंच रहा है। महज कुछ सालों में ही लोगों के बीच गुड़ का यह नया अवतार अपनी खास जगह बना रहा है। जैगिक ब्रांड 'हाउस ऑफ फार्मर्स' कंपनी के अंतर्गत आता है, जिसके संस्थापक भूपेश सैनी हैं।
चंडीगढ़ के निवासी भूपेश सैनी ने दिल्ली से एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद एक मार्केटिंग रिसर्च कंपनी में नौकरी की। भूपेश ने इस कंपनी में रहते हुए देश और विदेश के कई बड़े ब्रैंड्स के साथ काम किया। कुछ नया करने की ललक अपने साथ लेकर भारत वापस आने से पहले भूपेश जापान में काम कर रहे थे।
इस नई शुरुआत को लेकर भूपेश बताते हैं,
“मैंने सोचा कि अब तक जो सीखा है उसका बेहतर इस्तेमाल किया जाए, जिससे हम समाज को भी कुछ वापस दे सकें।”
2016 में भारत वापस आने के बाद भूपेश ने गुड़ से बना कुछ उत्पाद बनाने का विचार बनाया। इस बारे में भूपेश कहते हैं,
“हमारे देश में घरों में गुड़ का सेवन काफी आम है। गुड़ स्वास्थ के लिए काफी बेहतर होता है, तो हमने गुड़ के साथ ही कुछ नया करने का मन बनाया। हम गुड़ को नया फेलवर देने के साथ ही उसे छोटे साइज़ में लोगों के सामने पेश करना चाहते थे।”
भूपेश अपनी इस शुरुआत से पहले कई बार भारत आकर किसानों से मिले, जिसके बाद यह पता चला कि ऐसी पहल अभी देश में किसी ने नहीं की है। इस तरह भूपेश ने साल 2016 में 'हाउस ऑफ फार्मर्स' नाम की कंपनी की शुरुआत की। इसी कंपनी के तहत जैगिक ब्रांड को लोगों के सामने पेश किया गया। इस ब्रांड के तहत कंपनी गुड़ से बनी फ्लेवर्ड कैंडी व अन्य उत्पादों का निर्माण कर रही है।
शुरुआती संघर्ष
शुरुआती दिनों की बात करते हुए भूपेश बताते हैं कि
“पहला साल हमें चीज़ें समझने में ही लग गया कि हम गुड़ को छोटे आकार में कैसे लोगों तक ले जा सकते हैं और दूसरे साल भी हमने सिर्फ 90 किलो गुड़ का ही उत्पादन किया।"
भूपेश कहते हैं कि,
“शुरुआती सालों में मेरे घर के सदस्य माल की पैकेजिंग में हाथ बटाते थे और मैं उत्पाद को दूकानदारों के पास लेकर जाता था कि वो इसे अपनी दुकानों पर बेंचें। कई बार हमें निराशा हाथ लगती थी, तो कई दुकानदार इसपर दिलचस्पी भी दिखाते थे।”
भूपेश ने अपनी यात्रा में अपने दोस्त नवदीप खेड़ा को भी साथ लिया, जो अब उन्हे बिजनेस पार्टनर भी हैं। शुरुआती चरण में भूपेश के साथ दो किसान जुड़े थे। अब भूपेश अधिक से अधिक किसानों को अपने साथ जोड़ने की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।
जैगिक अभी अदरख, आंवला और सौंफ समेत पाँच तरह के उत्पादों का निर्माण कर रही है। कंपनी निकट भविष्य में चीनी के विकल्प पर भी फोकस कर रही है।
फिलहाल भूपेश एक कोऑपरेटिव के साथ भी काम कर रहे हैं, जिनके साथ मिलकर वह इस व्यवसाय को बड़े स्केल पर ले जाना चाहते हैं। कंपनी निकट भविष्य में विदेशों में भी जैगिक से जुड़े उत्पाद को पहुंचाना चाह रही है।
भविष्य की योजना
भूपेश के अनुसार अभी वो साथ जुड़े किसानों के खेत पर ही प्रोसेसिंग और पैकेजिंग यूनिट की स्थापना कर रहे थे, यहाँ से तैयार हुआ माल भूपेश तक पहुंचता था, जिसके बाद इसे बिक्री के लिए आगे भेजा जा रहा था, लेकिन इस तरह से उत्पादन में कोई खास बढ़ोत्तरी नहीं हो रही थी।
अब ये किसान कोऑपरेटिव को अपना कच्चा माल भेजते हैं, जो जैगिक के नियम और शर्तों पर कैंडी का निर्माण करती है।
किसानों के साथ काम को लेकर भूपेश कहते हैं कि,
" आज बड़ी संख्या में किसान हमारे साथ जुड़ना चाहते हैं, क्योंकि चीनी मिलों के साथ काम करते हुए किसानों को ख़ासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।"
भूपेश बताते हैं कि
“हमारी कंपनी ‘हाउस ऑफ फार्मर्स’ अपने नाम के अनुसार ही किसानों के साथ काम करना चाहती है, हम चाहते हैं किसान हमसे जुड़कर काम करें, लेकिन उससे पहले हम जैगिक को एक उत्पाद के रूप में स्थापित करना चाहते हैं, ताकि हम सबके सामने एक उदाहरण पेश सकें।"
भूपेश बताते हैं कि अभी तक उन्होने सिर्फ निवेश किया है, लेकिन इस साल कंपनी ने 5-6 करोड़ रुपये का कारोबार करने का लक्ष्य रखा है।
'हाउस ऑफ फार्मर्स' को आगे ले जाने के लिए भूपेश कड़ी मेहनत कर रहे हैं। भविष्य में कई आयामों में आगे बढ़ने के अपने उद्देश्य के बारे में बात करते हुए भूपेश कहते हैं,
“हम एक अच्छे निवेशक की तलाश में हैं, जो हमारी मेहनत और लगन पर भरोसा कर सकें, जो हमें इस क्षेत्र में दौड़ने के लिए आज़ादी दे सके।”
जैगिक के उत्पाद अमेज़न और फ्लिपकार्ट के साथ ही कंपनी की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है, लेकिन अब भूपेश अपने उत्पाद के लिए डिस्ट्रीब्यूटर्स से भी संपर्क साध रहे हैं।