किसी को भूखे पेट नहीं सोने दे रही रोटी बैंक की ये रॉबिनहुड आर्मी
इस समय भोपाल, मुंबई, गोरखपुर, फरीदाबाद, हजारीबाग, राजकोट, दुर्ग आदि में भूखे लोगों को मुफ्त में भोजन कराने का स्वतःस्फूर्त मिशन जोर-शोर से चल पड़ा है। इस पहल के पीछे रॉबिनहुड आर्मी का दोहरा मकसद है। एक तो भोजन बर्बाद न हो दिया जाए, दूसरे किसी को भूखे पेट न सोने दिया जाए।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल शहर में वर्षों से कई संस्थाएं भोजन की बर्बादी रोकने के साथ ही किसी को भूखे पेट नहीं सोने दे रही हैं। भंडारों में खाना बच गया तो रॉबिनहुड आर्मी उसे जरूरतमंदों तक पहुंचा देती है। अल रकीब सोसायटी, अल नईम ट्रस्ट, दाऊदी बोहरा समुदाय आदि इस मिशन में रात-दिन एक किए हुए हैं।
अन्न की बर्बादी रोकने और जरूरतमंदों तक भोजन की पहुंच बनाने के लिए यहां के गुजराती समुदाय की एक कमेटी ने तो थाली में भोजन छोड़ने वालों पर दो सौ रुपए जुर्माना लगाने के लिए भवन परिसर में निगरानी कैमरे लगा रखे हैं। रॉबिनहुड आर्मी से 150 युवा शहर के होटलों, सामूहिक भोज, शादी समारोहों, भंडारों आदि के बचे खाने रेलवे स्टेशन, अस्पताल और सार्वजनिक स्थानों पर बांटते रहते हैं।
अल रकीब सोसायटी इकबाल मैदान के नजदीक रोटी बैंक चला रही है। लोग खुद ही यहां घर में बचा खाना पहुंचा आते हैं। इसे संचालित कर रहे मोहम्मद यावर खान बताते हैं कि हमारे देश में बहुत से लोग ऐसे हैं, जिनको दो वक्त के खाने का कोई ठिकाना नहीं होता लेकिन दूसरी तरफ बड़ी मात्रा में खाना बर्बाद होता है। यावर पहले हमीदिया अस्पताल में मरीजों और तीमारदारों को खाना खिलाया करते थे।
बेसहारा को छत और भूखे को रोटी देना सबसे पुण्य का काम होता है। वह हर समुदाय के लोगों से हर मीटिंग में एक ही बात कहते हैं कि खाना फेंके नहीं, जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए हमें दे दें। इसी अपील का असर है कि रोज औसतन खाने के सौ डेढ़ सौ पैकेट रोटी बैंक काउंटर पर जमा हो जाते हैं। काउंटर से रोजाना सुबह 10 से दोपहर 2.30 बजे और शाम 6 से रात 10 बजे तक लोगों को मुफ्त खाना वितरित किया जाता है।
अल रकीब सोसायटी का ही भोपाल शहर के माता मंदिर चौराहे पर एक और रोटी बैंक है। रोटी बैंक की ओर से सप्ताह में दो दिन अस्पतालों में मरीजों के परिजनों के अलावा बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर भोजन उपलब्ध कराया जाता है। ट्रस्ट का भोपाल शहर के इकबाल मैदान के अलावा और भी कई स्थानों पर रोटी जमा एवं वितरण केंद्र है, जहां लोग बचा हुआ भोजन पहुंचाते हैं। कभी खाना कम मिलता है, तो संस्था खुद भोजन तैयार कर उसे जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाती है।
इसी तरह महाराष्ट्र के रिटायर्ड पुलिस महानिदेशक डी शिवानंदन ने मुंबई में जरूरतमंदों को भोजन कराने की पहल की है। उसका भी नाम 'रोटी बैंक' है, जो महानगर के रेस्त्रां, क्लब और पार्टी से बचा भोजन भूखे लोगों तक पहुंचने का माध्यम बन गया है। इसी तरह गोरखपुर, फरीदाबाद, हजारीबाग, राजकोट, दुर्ग आदि में भी यह स्वतःस्फूर्त मिशन जोर-शोर से चल पड़ा है।