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इस स्टार्टअप का उद्देश्य है पूर्वोत्तर भारत की यात्रा को कार्बन न्यूट्रल बनाना

इस स्टार्टअप का उद्देश्य है पूर्वोत्तर भारत की यात्रा को कार्बन न्यूट्रल बनाना

Tuesday November 09, 2021 , 6 min Read

रतन घिमिरे कहते हैं, "भोजन और संस्कृति के मामले में पूर्वोत्तर बहुत सौभाग्यशाली है, लेकिन यात्रियों के लिए बुनियादी ढांचे और [गाइडेंस] की कमी के कारण यह उनके लिए बहुत सुलभ नहीं है।"


उस मुद्दे को स्थायी रूप से हल करने को उत्सुक, रतन और उनकी टीम ने अगस्त 2018 में एक ट्रैवल टेक प्लेटफॉर्म, एनकैंप एडवेंचर्स की स्थापना की। हालांकि उनके माता-पिता चाहते थे कि वह एक इंजीनियर बनें, लेकिन वह एक अलग रास्ता अपनाने के इच्छुक थे। उन्होंने बीबीए और एमबीए किया और अपनी उद्यमशीलता की यात्रा शुरू करने से पहले मार्केट रिसर्च में काम किया। असम में पंजीकृत, स्टार्टअप की पहली पहल जिरो म्यूजिक फेस्टिवल (Ziro Music Festival) थी, जो अरुणाचल प्रदेश की जिरो घाटी में आयोजित एक आउटडोर ईवेंट था।


वे कहते हैं, "हमने पहले वर्ष में केवल 50 लोगों की मेजबानी की और हमारे इस अनुभव ने हमें और हमारे विजन को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।"


पहले कदमों में अल्टरनेटिव अकोमोडेशन यानी 'वैकल्पिक आवास' का निर्माण करना शामिल था, जिसमें स्टार्टअप ने कैंप की जगहों पर टेंट लगाए गए, जिससे विजिटर्स को अधिक समग्र तरीके से डेस्टिनेशन का अनुभव करने की अनुमति मिली।


इन एडवेंचर्स को और अधिक टिकाऊ बनाने के लिए, Encamp लोगों को बेस्ट प्रैक्टिसेस पर शिक्षित भी करता है। अन्य रेकमेंडेशन्स के अलावा, यात्रियों को अपने स्वयं के कटलरी लाने और अपने ठहरने के दौरान सिंगल-यूज वाले प्लास्टिक बैग नहीं ले जाने के लिए कहा जाता है। आज, एनकैंप के पास जिरो, कोहिमा और मेघालय जैसे अद्वितीय स्थानों में कैंप हैं। लोकेशन और सुविधाओं के आधार पर, ठहरने की लागत लगभग 1,200 रुपये प्रति व्यक्ति से शुरू होती है।


2019 में, Encamp ने कस्टमाइज ट्रैवल आइटनरी (यात्रा कार्यक्रम) बनाने का काम शुरू किया। स्टार्टअप के लिए व्हाट्सएप लोगों से जुड़ने का प्राथमिक माध्यम रहा है जिसके माध्यम से यह अब तक 6,000 से अधिक लोगों की सेवा करने में सक्षम है। दो साल के संचालन के भीतर, Encamp ने राजस्व में 1 करोड़ रुपये को पार करने में कामयाबी हासिल की है। जब COVID-19 ने देश में एंट्री मारी तो ट्रैवल इंडस्ट्री में ठहराव आ गया। रतन के लिए, लॉकडाउन एक "दुःख के भेस में सुख" की तरह था। Encamp टीम ने समय का इस्तेमाल एक डिजिटल यात्रा सहायक बनाने में किया।


वे कहते हैं, "यह लोगों को उस तरह से यात्रा करने में सक्षम बनाता है जैसा वे चाहते हैं।" यह एआई-संचालित बातचीत करने वाला प्लेटफॉर्म लोगों को उन आइटनरीज को विकसित करने की अनुमति देता है जो कार्बन-तटस्थ होने की ओर होते हैं।

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सस्टेनेबिलिटी एज ए सर्विस

अपने ग्राहकों को तलाशने के दोरान, रतन और उनकी बारह लोगों की टीम ने सीखा है कि स्थिरता यानी सस्टेनेबिलिटी की परवाह करने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने नोट किया कि लोग अपने कामों को लेकर 'अच्छा दिखने या महसूस करने' के बारे में अधिक चिंतित हैं।


Encamp एक कार्बन फुटप्रिंट कैलकुलेटर बनाने की प्रक्रिया में भी है, जो यात्रियों को उनकी यात्रा के पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में अधिक जागरूक होने में मदद करेगा। यह लोगों को सजेशन भी देता है कि यात्री पर्यावरण की मदद कैसे कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति थ्री-स्टॉप फ्लाइट बुक कर रहा है, तो टूल दिखाएगा कि कम स्टॉप वाली फ्लाइट पर्यावरण के दृष्टिकोण से बेहतर है।


रतन बताते हैं, "हमने एक रिडक्शन उपाय, एक जागरूकता उपाय शुरू किया है और हम प्रभाव को ऑफसेट करने के लिए विकल्प भी प्रदान कर रहे हैं।"


एनकैंप कैलकुलेटर के साथ विकसित होने वाला टूल संपूर्ण यात्रा अवधि के कुल कार्बन फुटप्रिंट को मापता है और यूजर्स को उस चीज की वैल्यू दिखाता है। फिर उन्हें क्लाइमेट एक्शन प्रोजेक्ट्स के लिए कई विकल्प दिखाए जाते हैं जैसे कि वनीकरण पहल जिसमें वे योगदान कर सकते हैं। यह अनिवार्य योगदान 500 रुपये से शुरू होता है और यात्री पर उत्सर्जन को ऑफसेट करने के लिए लगाया जाता है जिससे कार्बन तटस्थता एक संभावना बन जाती है। Encamp एक डैशबोर्ड भी बना रहा है जो इन क्लाइमेट एक्शन प्रोजेक्ट्स में से प्रत्येक की प्रगति को दिखाता है ताकि लोगों को यह दिखाया जा सके कि उनके योगदान ने कैसे मदद की है। वे साल के अंत तक इसे लाइव करना चाहते हैं।


स्टार्टअप को अब तक स्टार्टअप असम, अटल इनक्यूबेशन सेंटर और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप सहित कई पहलों से समर्थन मिला है।

समुदाय को जोड़ना

प्राकृतिक सुंदरता और प्राचीन परिदृश्य से भरपूर, भारत का पूर्वोत्तर एक बड़े पैमाने पर बिना एक्सप्लोर किया गया क्षेत्र है। Encamp इसे बदलने की उम्मीद करता है।


स्थानीय समुदाय को सशक्त बनाने के दृष्टिकोण के साथ, Encamp के लगभग 500 स्थानीय भागीदार हैं। अत्यंत दुर्गम स्थानों में स्थित, वे कंपनी के संचालन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।


वे कहते हैं, "हम इन स्थानों को विकसित करते हैं, बुनियादी ढांचे का निर्माण करते हैं और उन्हें बढ़ावा देते हैं।" मार्केटिंग से लेकर गेस्ट हैंडलिंग और रेवेन्यू मैनेजमेंट कंपनी द्वारा रेवेन्यू-शेयरिंग बिजनेस मॉडल के साथ किया जाता है।


वे कहते हैं, "हमारा रेवेन्यू हमें प्राप्त होने वाले कमीशन, रेवेन्यू मैनेजमेंट सेवाएं जो हम अपने भागीदारों को प्रदान करते हैं, से आता है।" वे कहते हैं कि कंपनी कुछ कैंपसाइटों की मालिक भी है और उनका संचालन भी करती है।

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ट्रैवल में उछाल

हालांकि जैसे-जैसे राज्यों ने COVID-19-संबंधित लॉकडाउन को समाप्त कर दिया है वैसे वैसे ट्रैवलिंग भी अब बढ़ रही है, लेकिन फिर भी संभावित तीसरी लहर के बारे में चिंताएं हैं। वर्तमान में, अधिकांश राज्य सरकारें इस बात पर जोर दे रही हैं कि यात्री उनके यहां प्रवेश से पहले निगेटिव आरटी-पीसीआर टेस्ट या फुल वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दिखाएं। COVID-19 सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए Encamp के अपने खुद के उपाय भी बनाए हैं।


रतन बताते हैं कि अधिकांश होमस्टे एंट्री से पहले टीकाकरण प्रमाण पत्र या निगेटिव आरटीपीसीआर टेस्ट चेक करते हैं, कम भीड़ सुनिश्चित करने के लिए 50 प्रतिशत अधिभोग (occupancy) नियम का भी पालन किया जा रहा है। पर्यटन स्थलों पर, जो यात्री समूहों का हिस्सा हैं, उनसे अनुरोध किया जाता है कि वे अन्य आगंतुकों से सामाजिक दूरी बनाए रखें।


रतन कहते हैं, "एक आउटडोर अनुभव प्रदाता होने के नाते हम खुले में हैं और इस तरह होटल जैसे ठोस आवास स्थानों की तुलना में जोखिम को कम करने में सक्षम हैं।"


उनका मानना है कि यह एक कारण है कि पिछले कुछ महीनों में बुकिंग रिक्वेस्ट में कई गुना वृद्धि देखी गई है।


एक वृहद दृष्टिकोण से भी, रतन को लगता है कि पर्यटन न केवल व्यक्तिगत दृष्टिकोण में बदलाव देख रहा है, बल्कि स्थायी विकल्पों की ओर बढ़ने में कॉर्पोरेट्स और सरकारों की रुचि भी देख रहा है। संयुक्त राष्ट्र से लेकर, जिसने जलवायु कार्रवाई को सुविधाजनक बनाने के लिए 2030 के लिए सतत विकास लक्ष्य निर्धारित किए हैं, धीरे-धीरे नकारात्मक पर्यावरणीय प्रभाव के लिए नीतियां बनाई जा रही हैं।


एनकैंप का मानना है कि जब ये नीतियां सच में लागू होने लगेंगी, तो वे इस मूर्त परिवर्तन को लागू करने वालों में सबसे आगे चलने वाले होंगे।


Edited by Ranjana Tripathi