इको फ्रैंडली बैग बनाकर पर्यावरण प्रदूषण से लड़ाई लड़ रहा यह स्टार्टअप
Anya George
Sunday June 30, 2019 , 5 min Read
2017 में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत एक दिन में लगभग 25,940 टन प्लास्टिक कचरा पैदा करता है। यह आंकड़ा तब भयावह है जब 2017-18 में 35 में से केवल 14 क्षेत्रीय प्रदूषण बोर्ड ने प्लास्टिक कचरे के उत्पादन के बारे में जानकारी दर्ज की है। अगर देश के सारे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड प्लास्टिक कचरे से जुड़ी जानकारी दे दें तो आंकड़ा और भी भयावह हो जाएगा।
प्लास्टिक इस्तेमाल करने में जितना आसान है इसका निष्पादन करना उतना ही मुश्किल। एक नॉन-बायोडिग्रेडेबल सामग्री होने की वजह से यह पर्यावरण में काफी लंबे समय तक मौजूद रहता है। प्लास्टिक अक्सर टूटकर छोटे-छोटे टुकड़ों में फैल जाता है और यह हमारे खाने पीने की चीजों तक पहुंच जाता है। इस वजह से हमें कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं भी होती हैं। आज प्लास्टिक का उपयोग ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए एक चुनौती बन गया है, इतना ही नहीं, भूजल में भी प्लास्टिक की मौजूदगी देखी गई है।
प्लास्टिक मुक्त भारत के लिए कई संस्थाएं और संगठन काम कर रहे हैं। इनमें से एक है अहमदाबाद स्थित स्टार्टअप इकोराइट, जो कि पर्यावरण के अनुकूल बैग तैयार करता है। इकोराइट के संस्थापक उदित सूद बताते हैं, 'इकोराइट को शुरू करने के पीछे विचार था कि ग्राहकों के लिए पर्यावरण के अनुकूल बैग तैयार किए जाएं। हम चाहते हैं कि लोग पर्यावरण के प्रति सजग हों और ऐसी जीवनशैली अपनाएं जिससे कि पर्यावरण बचा रहे।'
कंपनी का दावा है कि प्रत्येक बैग 50-100 प्लास्टिक की थैलियां बचाएगा। अभी तक एक लाख से अधिक इको-फ्रेंडली बैग बेचे जा चुके हैं। इस तरह से EcoRight ने कम से कम 5,000,000 प्लास्टिक बैग के उपयोग को रोका है।
उदित की परवरिश ऐसे परिवार में हुई है जहां पर्यावरण के लिए काफी सजगता और जागरूकता थी। इस वजह से उन्हें प्लास्टिक का उपयोग कम करने का आइडिया आया। आईआईएम-कलकत्ता से ग्रैजुएट उदित बताते हैं कि आज पर्यावरण अनुकूल सामानों का उपयोग करना पसंद का विषय नहीं है, बल्कि यह आज की जरूरत है।
उनके माता-पिता हमेशा प्लास्टिक के खिलाफ रहे हैं और उनकी बहन एक पर्यावरण वकील हैं। अपनी एमबीए की पढ़ाई पूरी करते हुए उन्होंने अपना ध्यान पर्यावरण केंद्रित व्यापार पर केंद्रित किया। इसलिए आज वे जो कुछ भी कर रहे हैं उसमें उनके परिवार का बड़ा योगदान रहा है।
इकोराइटको 2017 में खुद के पैसों से शुरू किया गया था। शुरू में बड़े झोले बनाए गए। उदित इसका श्रेय अपने पिता को देते हैं जो कि आईआईटी से पढ़े थे औऱ फिर दो से अधिक दशक तक मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस में रहे। उन्होंने उदित को इकोराइट को अलग-अलग कंपनियों के साथ पार्टनरशिप करने की सलाह दी।
इकोराइट को पहले अमेजन ने भारत और अमेरिका में लॉन्च किया बाद में यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में भी इसे लॉन्च किया गया। वर्तमान में फिलहाल 50 लोग इकोराइट में काम कर रहे हैं। स्टार्टअप के दूरगामी दृष्टिकोण के बारे में बात करते हुए उदित ने योरस्टोरी को बताया, 'प्लास्टिक किसी एक देश की बीमारी नहीं है। पूरी दुनिया इससे पीड़ित है।'
अपने पहले वर्ष के संचालन में, 2017-18 में, EcoRight ने 75 लाख रुपये का राजस्व कमाया और 2018-19 में, राजस्व 2.25 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
प्लास्टिक मुक्त मिशन पर
EcoRight की आधी बिक्री भारत में होती है, बाकी आधी बिक्री अमेरिका, यूके और यूरोप में होती है। वैश्विक पहुंच के साथ कंपनी ई-कॉमर्स रिटेलरों के माध्यम से अधिकांश देशों तक पहुंच रही है। ऐसे प्लेटफॉर्म पर जो भी सामान पैक होता है उसमें ज्यादातर प्लास्टिक होती है। यूएनईपी की एक रिपोर्ट के अनुसार 2015 में विश्व स्तर पर लगभग 50 प्रतिशत प्लास्टिक कचरा पैकेजिंग की वजह से होता है। उदित कहते हैं, 'एक पर्यावरण के अनुकूल स्टार्टअप के रूप में, हमारे लिए पर्यावरण के अनुकूल बैग भेजते समय प्लास्टिक का उपयोग करने का कोई मतलब नहीं था। जब हमने कुछ शोध किया और मकई, बीट, और आलू से बने विकल्पों पर काम करने का निर्णय लिया।'
EcoRight ने कपास और जूट के विभिन्न प्रकारों के साथ प्रयोग किया जब तक कि यह एक ऐसा कपड़ा नहीं मिला जो नरम और टिकाऊ दोनों था। उदित बताते हैं, "जूट मजबूत है, लेकिन यह हमेशा बहुत अच्छा नहीं लगता है, जबकि कपास नरम है और अच्छा दिखता है, लेकिन जूट के रूप में मजबूत नहीं है। इसलिए, हमने दोनों को मिश्रित किया और 'जूटन' नामक एक कपड़े का निर्माण किया।
हाल ही में, स्टार्टअप ने पुराने टी-शर्ट और बैग का उपयोग करके पुनर्नवीनीकरण कपास से बने बैग भी लॉन्च किए। इसके अतिरिक्त, EcoRight पुनर्नवीनीकरण प्लास्टिक से बैग का उत्पादन करने की भी योजना बना रही है और अगले तीन से चार महीनों में इसे लॉन्च करने की उम्मीद है। कपड़े को केवल पुनर्नवीनीकरण प्लास्टिक और पॉलिएस्टर से बाहर किया जाएगा जो वैश्विक पुनर्चक्रण मानक (जीआरएस) प्रमाणित संगठनों से आता है। प्रमाणीकरण यह सुनिश्चित करेगा कि कपड़े को 100 प्रतिशत पुनर्नवीनीकरण किया जाए। EcoRight GRS प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए भी काम कर रही है।
सामग्री पर अपने फोकस के अलावा, EcoRight डिजाइन पहलू पर भी जोर देता है। इन-हाउस डिजाइनरों के अलावा, स्टार्टअप विभिन्न देशों के लगभग 20 फ्रीलांस डिजाइनर के साथ काम कर रहा है। डिजाइनरों की यह टीम इको-फ्रेंडली सजा या थैलों पर एक संदेश छापने का काम करती है ताकि उन्हें मज़ेदार और अनोखा बनाया जा सके।
कंपनी का सबसे बड़ा क्षण तब आया जब उसने हाल ही में डिज्नी के साथ समझौता किया। उदित का कहना है कि वे उन पहली इको-फ्रेंडली कंपनियों में से एक हैं, जिनके साथ एंटरटेनमेंट दिग्गज ने करार किया है। वे बताते हैं, 'इससे हमें बड़े पैमाने पर बैग बनाने का मौका मिला। इससे हमने दुनिया के सबसे प्रसिद्ध किरदारों को अपने बैग पर छापने का अधिकार मिला।'
इकोराईट ने डिज्नी के साथ अपने समझौते के तहत इस साल के अंत तक 10 और उत्पादों को लॉन्च करने की उम्मीद की है। यह देखना दिलचस्प होगा कि स्टार्टअप जल्द ही अपने बैग से क्या बाहर निकालता है।