बायोडिग्रेडेबल और बिना पानी वाले हाईजीन प्रोडक्ट्स को सस्ता बना रहा यह स्टार्टअप
दिल्ली स्थित कोलन, व्यक्तिगत और घरेलू सफाई और स्वच्छता उत्पादों का निर्माण और बिक्री करता है।
भारत में, व्यक्तिगत और सार्वजनिक स्वच्छता को आमतौर पर लक्जरी माना जाता है। हालांकि स्वच्छता के संतोषजनक मानकों को सुनिश्चित करने के लिए अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। जिन लोगों की अच्छी गुणवत्ता वाले सफाई उत्पादों और सुविधाओं तक पहुंच है उन लोगों के लिए, गरीबों की सार्वजनिक और व्यक्तिगत स्वच्छता की परिस्थिति परेशान कर सकती है। हालांकि ये बड़ा सवाल है कि इनमें से कितने ही विशेषाधिकार प्राप्त लोग एक्शन लेते हैं? कितने लोग गरीबों के लिए सफाई उत्पादों को सस्ता और सुलभ बनाने का फैसला लेते हैं?
वैसे आपको बता दें कि कोलन की संस्थापक और निदेशक 44 वर्षीय मनीषा अग्रवाल, उनमें से एक हैं जो ऐसा कर रही हैं। जब उन्होंने अपनी सालों की भारत यात्रा के दौरान लगातार बढ़ते प्रदूषण के उच्च स्तर को देखा तो उन्होंने इसके बारे में कुछ करने का फैसला किया। मनीषा कहती हैं, "एक माँ के रूप में, मुझे चिंता है कि मेरे बच्चे और उसके बाद की पीढ़ियाँ भारत की सुंदरता का आनंद नहीं ले पाएंगी, जैसा कि मेरा सौभाग्य रहा। सदियों से, हमारी संस्कृति इस बात की वकालत करती रही है कि स्वच्छता ईश्वरीयता के समकक्ष है, लेकिन स्वच्छता का मानक संतोषजनक नहीं है।"
मनीषा ने देखा कि स्वच्छता के मानकों का संतोषजनक न होने के पीछे का कारण उत्पादों का महंगा होने के साथ-साथ उनके बारे में जानकारी का आभाव भी था। वह इस खाई को पाटना चाहती थीं। वे चाहती थीं कि लोगों की पहुंच सस्ते और उच्च गुणवत्ता वाले सफाई उत्पादों तक आसानी से हो। मनीषा कहती हैं, "चूंकि व्यक्तिगत स्वच्छता बहुत सारे मुद्दों से घिरी हुई प्रतीत होती है, इसलिए मैंने एक सस्ती, पानी रहित सफाई प्रणाली पर शोध करने का निर्णय लिया, जिसका पर्यावरण पर प्रभाव भी शून्य था।"
पहला कदम
मनीषा एक उद्यमी परिवार से आती हैं। उन्होंने अपने पति राहुल अग्रवाल के सपोर्ट से, 2017 में कोलन लॉन्च करने का फैसला किया। यह उनका पहला पेशेवर कार्यकाल है क्योंकि वह कंपनी के लॉन्च से पहले कहीं भी काम नहीं कर रही थीं। वह कहती हैं, "परिवार के पास वर्षों से नए आइडियाज में निवेश करने का इतिहास रहा है, और हम अपनी बचत के साथ-साथ अपने नेटवर्क से पूंजी जुटाने में भी सक्षम हैं। यह 100 प्रतिशत स्वदेशी निवेश उद्यम है, जिसमें कोई दूसरा तार जुड़ा नहीं है।" दिल्ली स्थित कोलन, व्यक्तिगत और घरेलू सफाई और स्वच्छता उत्पादों का निर्माण और बिक्री करता है। स्थापना के बाद से कम समय में, कोलन ने लगभग 32 लाख रुपये के हजारों उत्पाद बेचे हैं। मनीषा अग्रवाल के मुताबिक, कोलन औसतन हर मिनट में एक उत्पाद बेचता है।
मनीषा आगे कहती हैं, "इसके क्रेडिट का श्रेय हमारी उद्यमी पारिवारिक पृष्ठभूमि और एक ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र की उपस्थिति को भी दिया जा सकता है जो एक शानदार व्यवसाय मॉडल का पोषण करता है।" वह कहती हैं, "सामाजिक जीवन में भागीदार होने के नाते बतौर संस्थापक व्यावसायिक जीवन शुरू करना हमारे लिए आसान रहा। हम सब में बहुत सी समानताएँ हैं। इससे हमें कंपनी के लिए व्यावसायिक विचारों को आकार देने और उन्हें क्रियान्वित करने में बहुत मदद मिली है।” मनीषा का उद्देश्य ऐसे उत्पादों का निर्माण करना है जो पैसे के साथ-साथ पर्यावरण के अनुकूल भी हैं। वह कहती हैं, "मैन्युफैक्चरिंग से लेकर उपयोग और निपटान तक, सभी उत्पाद न्यूनतम लागत पर आते हैं और हम इसे इसी तरह से रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
मनीषा आगे कहती हैं, "पर्यावरणीय गिरावट की स्थिति को देखते हुए, उन उत्पादों में निवेश करने का कोई मतलब नहीं है जो पारिस्थितिकी के लिए भारी लागत पर आते हैं। हमारा प्राथमिक लक्ष्य सस्ता और ईको-फ्रैंडली प्रोडक्ट लाना था। हरे उत्पादों के लिए भारतीय बाजार में एक स्पष्ट अंतर है। हम केवल उस अंतर को भरने के लिए यहां हैं।”
बाजार का परिदृश्य
हालांकि अब ऐसा लगता है कि कोलन के स्नान, पालतू जानवरों और बच्चों के नहाने के प्रोडक्ट्स ने इस खाई को काफी हद तक भर दिया है क्योंकि इन प्रोडक्ट्स की हजारों युनिट्स बहुत कम समय में बिक गईं। डिजिटल मीडिया के माध्यम से बिक्री और मार्केटिंग ने कोलन को अपनी पहुंच बढ़ाने में मदद की है। मनीषा बताती हैं कि पिछले कुछ वर्षों में, स्मार्टफोन और सस्ते डेटा पैक में तेजी के कारण बाजार के अधिकांश दर्शक इंटरनेट पर पहुंच गए हैं। अग्रवाल बताती हैं, ''एक टेक-सेवी टार्गेट ऑडियंस वाली कंपनी होने के नाते, डिजिटल मीडियम हमारी मार्केटिंग में एक अहम भूमिका निभाता है। वह कहती हैं, “हम न केवल इस मीडिया का इस्तेमाल अपने उत्पादों को प्रमोट करने के लिए कर रहे हैं, बल्कि हमारे ग्राहकों को वापस हमारे पास पहुंचने के लिए भी बहुत आसान बना रहे हैं। हमारी 18 महीने लंबी यात्रा में, डिजिटल मीडियम लोगों की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए और उनके अनुसार उत्पादों की मार्केटिंग में अपरिहार्य रहा है।”
अधिकांश एफएमसीजी व्यवसायों के लिए डिजिटल मार्केटिंग एक प्रमुख मील का पत्थर रहा है, लेकिन अग्रवाल का मानना है कि कोलन के पास हासिल करने के लिए बहुत कुछ है। वह कहती हैं, “हम अभी भी बच्चे हैं और हमारे पास देखने के लिए बहुत कुछ है। हालांकि, हमने पहले ही कुछ मील के पत्थर तक पहुंच चुके हैं। बहुत से ग्राहक हमारे ब्रांड लोगो को पहचानने लगे हैं।" व्यक्तिगत और घरेलू स्वच्छता के लिए बाजार बहुत बड़ा है और कोलन उस बाजार में अपना हक लेने के लिए ट्रैक पर है। मनीषा कहती हैं, “बाजार उतना ही बड़ा है जितना कि लोग हैं। हर एक पुरुष और महिला एक संभावित ग्राहक है। कुछ अनुमानों ने बाजार का आकार 1000 करोड़ रुपये आंका है। हमारे पास अपने बंधे हुए ऑडियंस हैं, हम ऐसे उत्पाद बनाते हैं जो सस्ते हों, और यह सुनिश्चित करते हैं कि हम अपने उत्पादन और पर्यावरण मानकों को बनाए रखें।"
एक भीड़ भरे बाजार में, उपभोक्ताओं की मानसिकता में प्रवेश करना कोई आसान काम नहीं है, खासकर एक नए ब्रांड के लिए। वह कहती हैं, “लोग अपनी पसंद के लिए बदल जाते हैं। हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है दर्शकों की पहचान करना, उत्पादों को उनके सामने रखना, रचनात्मक रूप से प्रतिक्रिया लेना और आवश्यक संशोधन करना। मुझे लगता है कि अगर कोई ऐसा कर सकता है, तो वह कोई भी चुनौती दूर कर सकता है।
मनीषा के अनुसार, बाजार की वास्तविकताओं को बदलने के लिए पैसनेट और जागरूक होना चाहिए। वह कहती हैं, “पहले, आपको बाजार में मौजूद अंतर की पहचान करनी होगी, इसके बाद आपको एक उत्पाद बनाना या ढूंढ़ना होगा जो उस खाई को पाट सके, और फिर धैर्य रखना होगा। यदि आपका उत्पाद अपनी दिशा में सही है, तो जल्द या बाद में, आपको सफलता जरूर मिलेगी।”
मनीषा अग्रवाल के नेतृत्व में, कंपनी अब व्यक्तिगत और घरेलू स्वच्छता उत्पादों के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी बाजार हिस्सेदारी को मजबूत करने की योजना बना रही है। इसके बाद यह अन्य क्षेत्रों में भी कदम आगे बढ़ाएगी। अंत में मनीषा कहती हैं, “हम भविष्य के लिए बहुत उत्साहित हैं। संभावनाएं बहुत अच्छी लगती हैं। एंजाइमैटिक ऑर्गेनिक घरेलू क्लीनर की हमारी नई रेंज के साथ, हमें लगता है कि हम 2020 तक 10 करोड़ रुपये का कारोबार कर सकते हैं।”
यह भी पढ़ें: