सड़क पर कुत्तों को गाड़ी की टक्कर से बचाने के लिए इस शख्स ने खोजा अनोखा तरीका
सड़क पर विभिन्न प्रकार के लोग देखते हैं - वे जो गाड़ी चलाते समय सड़क पर केंद्रित होते हैं ताकि वे सुरक्षित रूप से अपने गंतव्य तक पहुंच सकें, और अन्य जो परवाह नहीं करते कि वे कैसे गाड़ी चला रहे हैं। अक्सर, इस लापरवाह रवैये के कारण, पिल्ले और अन्य जानवर वाहनों की चपेट में आ जाते हैं और कभी-कभी मर जाते हैं।
जानवरों के साथ होने वाले हादसे पर अंकुश लगाने और आवारा कुत्तों को सड़क पर कारों की चपेट में आने से बचाने के लिए, मंगलुरु के एक शख्स ने एक नया तरीका खोज निकाला है। तौसीफ अहमद बीते कुछ दिनों से अब कुत्तों की गर्दन पर एक टैग बांध रहे हैं जिससे कि रात में गाड़ी चलाने वाले आसानी से कुत्तों को देख सकें। तौसीफ ने एएनआई से बात करते हुए कहा, 'लगभग डेढ़ महीने हो रहे हैं और एक भी कुत्ता घायल नहीं हुआ है। यब संभव हो पाया है गर्दन पर बंधने वाले कॉलर टैग से।'
सोशल मीडिया पर लोगों ने तौसीफ के इस काम की दिल खोलकर तारीफ की। भारत में सड़क दुर्घटनाएं बेहद आम हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के आंकड़े दिल दहलाने वाले हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक हर घंटे 16 लोगों की मौत सड़क हादसों में हो जाती है। इनमें से अधिकतर मौतें दोपहिया की दुर्घटना में हुई हैं और तेज और लापरवाह ड्राइविंग उनका कारण रही हैं।
मंगलूरू के तौसीफ ने कुत्तों के गले में कॉलर टैग बांधने की जो पहल शुरू की है उससे रात में गाड़ी चलाने वालों को दूर से ही जानवर दिख जाएंगे और दुर्घटना कम होंगी। भारत में सड़क पर घूमते हुए जानवर कई बार ट्रेफिक और दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। कई ड्राइवरों और जानवरों को इसमें चोट लग जाती थी। इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जल्द कुछ करने की जरूरत है। उम्मीद है बाकी जगहों पर भी ऐसे ही पहल शुरू की जाएंगी।
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