इस महिला ने एक जंगली सूअर को अपने बच्चे की तरह पाला, बिछड़ने के बाद जंगल से दोबारा लाई वापस
महिला और इस सूअर के साथ ही कहानी भी काफी संवेदना से भरी हुई है। आज महिला इस जंगली सूअर को अपने परिवार का सदस्य मानती है और उसका पूरा ख्याल रखती है।
मार्च के दौरान एक महिला तब चर्चा में आ गई जब वो जंगल में गुम हुए अपने ‘बेटे’ का इंतज़ार कर रही थी। लोग तब हैरान रह गए जब उन्हे यह पता चला कि महिला अपने जिस ‘बेटे’ का इंतज़ार कर रही है वह दरअसल एक जंगली सूअर है। महिला ने उस सूअर को ‘दूधा’ नाम भी दिया हुआ है।
महिला और इस सूअर के साथ ही कहानी भी काफी संवेदना से भरी हुई है। आज महिला इस जंगली सूअर को अपने परिवार का सदस्य मानती है और उसका पूरा ख्याल रखती है।
कैसे हुई मुलाकात?
यह महिला उड़ीसा के पुरुषोत्तमपुर गाँव की निवासी कुंतला पेंथी हैं। कुंतला जब पहली बार इस सूअर से मिलीं तब वह महज एक बच्चा था। करीब एक साल पहले कुंतला अपनी छोटी लड़की का अंतिम संस्कार कर रही थीं, जिसका देहांत बीमारी के चलते हुआ था, उसी दौरान उन्हे यह सूअर का बच्चा नज़र आया।
उस सूअर के बच्चे को तब कई कुत्ते परेशान कर रहे थे, यह सब देखकर कुंतला काफी बेचैन हो गईं। कुंतला फौरन उस सूअर के बच्चे के पास गईं और उसे उन कुत्तों से बचाया। यहीं से कुंतला और दूधा के इस अनूठे रिश्ते की शुरुआत हो गई।
जब दूर हुआ ‘बच्चा’
कुंतला और दूधा का यह रिश्ता क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ था। कुंतला शुरुआत से ही दूधा का पूरा ख्याल रख रही थीं, वह उनके लिए उनके परिवार का एक खास सदस्य बन चुका था, लेकिन तभी वन विभाग को इस मामले की जानकारी हुई। वन विभाग ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और दूधा को अपनी कस्टडी में लेते हुए उसे कुंतला से अलग कर दिया, इसके बाद ही वन विभाग के कर्मचारियों ने दूधा को जंगल में जाकर छोड़ दिया। गौरतलब है कि उड़ीसा में जंगली सूअर को वन्यजीव सुरक्षा अधिनियम के तहत संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते उन्हे ना तो मारा जा सकता है और ना ही पालतू पशु की तरह घर में रखा जा सकता है।
कुंतला के लिए यह बिलकुल भी आसान नहीं था, उनसे उनका ‘बच्चा’ दूर हो चुका था, लेकिन कुंतला ने हार नहीं मानी और दूधा को वापस लाने का फैसला किया। कुंतला के लिए यह सब काफी कठिन साबित हो रहा था, लेकिन कुंतला ने फैसला कर लिया था कि वो अपने ‘बच्चे’ को अपने पास वापस लाकर ही रहेंगी।
जंगल में ही पूरी हुई तलाश
कुंतला को यह पता था कि दूधा शुरुआत से ही उनके पास है और ऐसे में उसके लिए जंगल में अपने खाने का प्रबंध करना काफी मुश्किल होगा।
कुंतला जानती थीं कि दूधा को जहां छोड़ा गया है उसे वहीं से वापस लाया जा सकता है तो इसके लिए कुंतला ने जंगल में दूधा की तलाश शुरू कर दी। इस दौरान बीच जंगल में जाकर कुंतला ने दूधा का नाम पुकारना शुरु किया। यह कुंतला के दृन विश्वास का नतीजा था कि जंगल में एक दिन दूधा ने उनकी आवाज़ सुन ली और भगाते हुए कुंतला के पास आ गया। इसके बाद कुंतला की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और वो उसे घर वापस ले आईं।
कुंतला अब फिर से दूधा का उतना ही ख्याल रख रही हैं। कुंतला के लिए तो मानों उनका परिवार पूरा हो गया हो।