लड़कियों को मार्शल आर्ट सिखा कर सशक्त बना रही हैं तेलंगाना की ये महिला
तेलंगाना की एक महिला इन दिनों मार्शल आर्ट में अपनी निपुणता को लेकर चर्चा में हैं। राज्य के पेद्दापल्ली जिले की रहने वाली संध्या रानी कारा सामू की प्रैक्टिस करती हैं और इससे जुड़ा उनका वीडियो सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल है। कारा सामू दरअसल एक प्राचीन मार्शल आर्ट है जिसे डंडे से किया जाता है।
इतना ही नहीं, संध्या रानी ने हाल ही में एक टूर्नामेंट में हिस्सा लेकर अपनी मार्शल आर्ट का हुनर भी दिखाया था। संध्या रानी आज बड़ी संख्या में महिलाओं और लड़कियों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग देते हुए उन्हें आत्मरक्षा के गुर सिखा रही हैं। मार्शल आर्ट के साथ ही संध्या राजनीति में भी सक्रिय हैं और फिलहाल वे अपने क्षेत्र की जिला परिषद की सदस्य भी हैं।
आत्मरक्षा के लिए सीखी मार्शल आर्ट
संध्या रानी ने खुद भी आत्मरक्षा को ध्यान में रखते हुए मार्शल सीखने की शुरुआत की थी। मीडिया से बात करते हुए संध्या रानी ने बताया है कि ‘यहाँ पर सभी मार्शल आर्ट के जरिये खुद को बचाने के तरीके सीखते हैं और इस हुनर के साथ हम दूसरों को भी बचा सकते हैं।’
संध्या रानी का मानना है कि इसके जरिये महिलाओं को सुरक्षा प्रदान की जा सकती है और इस हुनर के साथ महज एक डंडे के जरिये किसी का भी सामना किया जा सकता है। संध्या रानी के अनुसार मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग के साथ ही महिलाओं और लड़कियों के आत्मविश्वास में भी बढ़ोत्तरी होती है।
सभी को सीखनी चाहिए मार्शल आर्ट
कारा सामू के बारे में बात करते हुए संध्या का कहना है कि यह मार्शल आर्ट सभी को सीखनी चाहिए। संध्या रानी के अनुसार इस मार्शल आर्ट के जरिये शारीरिक और मानसिक ताकत में इजाफा होता है। संध्या रानी के पास मार्शल सीखने वाली कई लड़कियों ने मीडिया से अपने अनुभव को शेयर करते हुए बताया है कि यहाँ आने के बाद उनके आत्मविश्वास में काफी बढ़ोत्तरी हुई है और अब उन्हें आत्मरक्षा के तमाम गुर भी आ गए हैं।
कारा सामू में तमाम तरह की तकनीक होती हैं और इसे सीखने के लिए किसी भी व्यक्ति के अंदर धैर्य का होना बहुत आवश्यक है। कारा सामू सीख रहे लोगों को उनकी यह उनकी आँखों के लिए भी बहुत अच्छा है क्योंकि इससे उन्हें संतुलन के साथ नज़र मिलाने में मदद मिलती है।
यहाँ पर भी सिखाई जा रही है मार्शल आर्ट
हाल ही में केरल की मीनाक्षी अम्मा भी अपने मार्शल आर्ट के हुनर को लेकर चर्चा में आई थीं। 78 साल की मीनाक्षी अम्मा बीते कई सालों से प्राचीन कलारीपयट्टू के हुनर को लोगों के सामने पेश करते हुए अन्य लोगों को इसका प्रशिक्षण भी दे रही हैं। मीनाक्षी अम्मा बच्चों को यह युद्ध कौशल फ्री में सिखाती हैं और भारत सरकार की तरफ से साल 2017 में उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
Edited by Ranjana Tripathi