TikTok बैन: चाइनीज ऐप ने किया मद्रास हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत
इंटरनेट की दुनिया में लोगों का मनोरंजन करने के साथ-साथ तेजी से वायरल होने वाले ऐप टिकटॉक को हाल ही में मद्रास हाई कोर्ट ने बैन कर दिया। कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करने के लिए अरविंद दातार को एमिकस क्यूरी यानी स्वतंत्र वकील के रूप में नियुक्त किया है। इस फैसले का टिकटॉक ने स्वागत किया है। मद्रास कोर्ट ने अपने एक आदेश में केंद्र सरकार से इस पर पूरे देश में पाबंदी लगाने को कहा था। मंगलवार को हाई कोर्ट ने इसकी सुनवाई 24 अप्रैल तक के लिए टाल दी है।
TikTok ने एक बयान जारी कर कहा, 'हम अरविंद दातार को अदालत में स्वतंत्र वकील के रूप में नियुक्त करने के मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं। हमें भारतीय न्यायिक प्रणाली में विश्वास है और हम बेहतर परिणाम की उम्मीद है। यह ऐप भारत में 12 करोड़ से अधिक मासिक सक्रिय उपभोक्ताओं द्वारा इस्तेमाल किया जाता है जहां पर लोगों को अपनी रचनात्मकता दिखाने के अवसर मिलते हैं।'
हाई कोर्ट के आदेश के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने Google और Apple जैसे वैश्विक तकनीकी दिग्गजों से अपने ऐप स्टोर से वीडियो-साझाकरण एप्लिकेशन को हटाने का आग्रह किया। टिकटॉक ने मद्रास हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था जिसे सर्वोच्च अदालत ने अस्वीकृत कर दिया।
YourStory ने इस निर्देश के बारे में TikTok की राय जाननी चाही तो कंपनी ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। 15 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ इस मामले पर 22 अप्रैल को सुनवाई करेगी। मद्रास हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि इस तरह के मोबाइल एप के जरिए अश्लील और अनुचित सामग्री तैयार की जा रही है। टिकटॉक ऐप की पैरेंट कंपनी चीन की बाइटडांस है।
भारत में सबसे ज्यादा टिकटॉक यूजर्स की संख्या बढ़ रही है। पिछले तीन महीने में 8.8 करोड़ यूजर्स ने इस प्लेटफॉर्म पर अकाउंट बनाया है। गूगल ऐप स्टोर पर टिकटॉक को 1.1 बिलियन से भी ज्यादा लोगों ने इंस्टॉल किया है। ऐपस्टोर के माध्यम से टिकटॉक ने 8 करोड़ डॉलर की कमाई की।
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