ईरान पर हमले के बाद कम की गईं ट्रंप की शक्तियाँ, अब हमला करने से पहले इन्हे देनी होगी जानकारी
ईरान और अमेरिका के बीच बढ़े तनाव के बीच अमेरिकी के हाउस ऑफ रिप्रसेंटेटिव ने राष्ट्रपति की शक्तियों में थोड़ी कमी ला दी है। अब राष्ट्रपति ट्रंप को ईरान पर हमला करने से पहले कांग्रेस से अनुमति लेनी होगी।
अमेरिका और ईरान के बीच जारी तनाव के बीच अमेरिकी कांग्रेस ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को शक्तियों पर अल्पविराम लगा दिया है। अब अमेरिकी राष्ट्रपति को ईरान पर कोई कार्रवाई करने से पहले कांग्रेस को सूचित करना होगा।
गौरतलब है कि अमेरिका ने बगदाद हवाई अड्डे के पास ड्रोन हमले में ईरान की अल-कुद्स सेना के मुखिया कासिम सुलेमानी को ड्रोन हमले में मार दिया था। सुलेमानी को ईरानी की सुरक्षा के संदर्भ में काफी महत्वपूर्ण शख्स माना जाता था।
अमेरिकी ड्रोन ने बगदाद एयरपोर्ट के कार्गो टर्मिनल के पास दो कारों को निशाना बनाते हुए दो मिसाइलें दागी थीं, इसी हमले में कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी।
हमले के बाद ईरान ने अमेरिका को सीधी चेतावनी देते हुए पलटवार करने की बात कही थी, जिसके बाद ईरान ने बीते बुधवार की सुबह ईराक स्थिति अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए 22 मिसाइलें दागने का दावा किया था।
इस हमले के बाद ईरानी मीडिया में 80 अमेरिकी सैनिकों के मारे जाने की बात कही थी, हालांकि इस हमले के बाद आमेरकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया था कि ईरान द्वारा किए गए मिसाइल हमले में किसी अमेरिकी सैनिक की जान नहीं गई है, राष्ट्रपति ने इसके लिए प्री वार्निंग सिस्टम की सराहना की थी।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस तनाव के बीच ईरान पर परमाणु हथियार रखने को लेकर भी स्थिति स्पष्ट की थी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि जब तक वे अमेरिका के राष्ट्रपति हैं, ईरान परमाणु हथियार नहीं रख सकेगा।
अपने देश के संबंध में बोलते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट भी किया जिसमें उन्होने देश की रक्षा और इस्लामी कट्टरपंथी आतंकवाद के खात्मे को लेकर बात कही, उन्होने लिखा,
“मेरे प्रशासन में, हम अपने दुश्मनों को कभी बहाना नहीं बनाने देंगे, हम अमेरिकी जानों को बचाने के लियूए कभी संकोच नहीं करेंगे और हम इस्लामी कट्टरपंथी आतंकवाद को हराने के लिए कभी काम करना बंद नहीं करेंगे।”
अब अमेरिकी राष्ट्रपति को ईरान में सैन्य कार्रवाई से पहले संसद से अनुमति लेनी होगी। अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रसेंटेटिव ने बैठक के बाद इस प्रस्ताव को पारित कर दिया। यह प्रस्ताव 194 के सामने 224 मतों से पारित हुआ है।
अमेरिका और ईरान के बीच चरम पर पहुंचे तनाव के बाद अमेरिकी संसद ने फौरन गंभीरता दिखाते हुए यह कदम उठाया है।