खुद से प्यार करने की कोशिश ही मेरी सबसे बड़ी यात्रा रही है: श्रद्धा शर्मा


खुद से प्यार करने की कोशिश ही मेरी सबसे बड़ी यात्रा रही है: श्रद्धा शर्मा

Friday March 08, 2019,

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कार्यक्रम में बोलतीं श्रद्धा शर्मा

खुद से प्यार करो। खुद को स्वीकार करो। अपने आप को किसी उत्सव की तरह जीयो। HerStory द्वारा आयोजित वूमन ऑन ए मिशन समिट में 700 से भी ज्यादा महिलाओं से भरे हॉल को संबोधित करते हुए YourStory की फाउंडर और CEO श्रद्धा शर्मा ने कुछ ऐसी ही बातें कीं। श्रद्धा ने बातचीत में श्रोताओं से कहा, 'अब तक के सफर में सबसे बड़ी बात जो मैंने सीखी है वो है, खुद से प्यार करना।' श्रद्धा ने इस बातचीत में अपने निजी संघर्षों और सफर को बयां किया जहां उनकी जिंदगी बाधाओं, पूर्वाग्रहों से जूझती हुई सफलता के शिखर पर आ पहुंची है।


श्रद्धा ने कहा, 'मेरे लिए सबसे मुश्किल काम पैसा कमाना, फंड्स जुटाना या सफल होना नहीं रहा है। मेरे लिए सबसे मुश्किल काम खुद को वैसे ही स्वीकार करना रहा है जैसी मैं हूं।' भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में हर तरह की कहानियों का सबसे विश्वसनीय प्लेटफॉर्फ योरस्टोरी को खड़ा करने वाली श्रद्धा शर्मा आज एक जाना पहचाना नाम हैं। उन्होंने कहा, 'एक औरत होने के तौर पर हम हर किसी को ढेर सारा प्यार देते हैं। लेकिन हमारे लिए खुद से प्यार करना सबसे मुश्किल होता है। आइए हम खुद से प्यार करना सीखते हैं और खुश रहने का प्रण लेते हैं।'


श्रद्धा के लिए उनके सफर का सबसे मुश्किल हिस्सा यहां तक पहुंचना रहा है जहां आकर वह कह सकती हैं, 'मैं जैसी भी हूं ठीक हूं और मुझे किसी से वैलिडेशन की आवश्यकता नहीं है।' हालांकि उन्होंने श्रोताओं को संबोधित करते हुए बताया कि अभी भी वे खुद से प्यार करने, समझने और जश्न मनाने के सफर पर चल ही रही हैं। वे कहती हैं कि फिर भी ये ऐसी बात है जो महिलाओं के लिए सबसे मुश्किल लगती है। श्रद्धा ने अपनी जिंदगी के संघर्षों का बयान करते हुए कहा कि उन्हें खुद दूसरों से वैलिडेशन लेने में संघर्ष करना पड़ा है और अपनी खामियों को स्वीकार कर आगे बढ़ने में भी दिक्कतें आईं।


इन तमाम बातों के बावजूद वे कहती हैं, 'आज मैं खड़ी हूं स्टेज पर और अगर लोग मेरे बारे में कुछ बोलते हैं या मेरा मजाक उड़ाते हैं तो मुझे उससे दिक्कत नहीं होती।' श्रद्धा ने कहा, 'लेकिन आज मैं इस स्थिति में पहुंच पाई हूं जहां मैं सहजता से कह सकती हूं कि तमाम कमियों के बावजूद मैं खुद से प्यार करती हूं।'


सफल महिलाओं को एक करें

श्रद्धा ने अपने हास्य व्ंयग कौशल का प्रदर्शन करते हुए पूरी ईमानदारी से कहा कि उनके जीवन में दो महिलाओं का योगदान रहा है और वो हैं, मेडिसिन और मेडिकेशन। इसके बाद श्रोताओं ने ठहाका लगाया। श्रद्धा ने कुछ दवाइयों के नाम भी लिए। यह कहने के बाद श्रद्धा ने अपनी जिंदगी में कुछ ऐसी सफल महिलाओं का जिक्र किया जिन्होंने हर कदम पर उनका साथ दिया। उन्होंने कहा, 'मेरी जिंदगी में सबसे बड़ी भूमिका महिलाओं की ही रही है। और हम सभी महिलाओं को एक ग्रुप या घेरा बनाने की जरूरत है जो हर मौके पर एक दूसरे के साथ खड़ी रहें और एक दूसरे का सहारा बनी रहें।'


आज महिलाओं को खुद से पूछने की जरूरत है: क्या मेरे पास उन महिलाओं का घेरा है जो मेरे लिए चैंपियन हैं? मेरे साथ कौन खड़ा रहेगा? महिला समर्थक, महिला प्रायोजक और वूमन चैंपियन जो कह सके कि वो एक स्टार है?' श्रद्धा ने महिला श्रोताओं से एक दूसरे का साथ देने के लिए हर वक्त तैयार रहने के लिए प्रेरित करते हुए कहा, 'ये सवाल खुद से पूछिए और अगर आपके पास सफल महिलाओं का घेरा नहीं है तो इसे तैयार कीजिए। अपने चैंपियन्स को बनाइये।'

 

उसी लय में बोलते हुए श्रद्धा ने आगे कहा, 'महिलाओं के प्रति पूर्वाग्रह रखना एक वास्तविकता है जिसे हमें स्वीकार करना चाहिए। लेकिन इससे बड़ा सवाल ये है कि इस पूर्वाग्रह को दूर करने और लैंगिक समानता सुनिश्चित करने के लिए हम अपनी तरफ से क्या कर रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'वूमन ऑन ए मिशन समिट के इस मौके पर हम सभी को यह प्रतिज्ञा करने की जरूरत है कि हम बराबरी का समाज बनाने जा रहे हैं।'


वूमन ऑन ए मिशन समिट HerStory के द्वारा की जाने वाली एक पहल है जिसके तहत सफल महिलाओं को एक मंच पर लाकर उनकी कहानिया साझा किया गया ताकि बाकी महिलाएं उनसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ सकें और अपना नाम स्थापित कर सकें।


वूमन ऑन ए मिशन के 'गर्ल्स क्लब' की शुरुआत

श्रद्धा ने कहा कि अगर मैं स्पष्ट रूप से कहूं तो इस कार्यक्रम को लेकर भी संदेह व्यक्त किया गया। लोगों ने हमसे पूछा कि महिलाओं के लिए अलग से कार्यक्रम करने की क्या जरूरत है। क्या ये भेदभाव नहीं है? श्रद्धा ने व्यंग के लहजे में कहा कि इससे हमें एक बार और संवरने का मौका मिल गया। इसके बाद श्रोताओं ने तालियां बजाईं। हालांकि श्रद्धा ने कहा कि इस कार्यक्रम का मकसद इससे कहीं ज्यादा है।


इस कार्यक्रम में एक तरह का समझौता तैयार हुआ जिसमें हर महिला एक दूसरे के साथ खड़े होने और एक दूसरे की मदद करते हुए उनकी समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिबद्ध होगी। श्रद्धा ने कहा, 'आज हम यहां हैं क्योंकि हम एक गर्ल्स क्लब शुरू करने जा रहे हैं। कई सारे लोग बॉयज क्लब की बात करते हैं, आज हम गर्ल्स क्लब शुरू करने जा रहे हैं।' इसके बाद श्रोताओं की तरफ से तालियां बजाई गईं।


श्रद्धा ने कहा, 'यह इवेंट हम सभी के बारे में है और यह तभी सफल होगा जब हम पूरी एकजुटता के साथ एक दूसरे के साथ खड़े हो सकें और कह सकें कि हम साथ में जीतने जा रहे हैं। अकेले खड़े होने में वो आनंद नहीं मिलता इसलिए चलिए एकजुट होते हैं।'


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