[द टर्निंग पॉइंट] क्यों टैक्सी फॉर श्योर के संस्थापक और रेडबस के एग्जीक्यूटिव ने लॉन्च किया कंटेंट स्टार्टअप
2018 के एंड से नेक्स्ट बिलियन आबादी पर ध्यान केंद्रित करना स्टार्टअप्स के लिए थीम रहा है। लेकिन टैक्सी फॉर श्योर के संस्थापक अप्रमेय राधाकृष्ण और रेड बस की कोर टीम का हिस्सा रहे व कई अन्य स्टार्टअप को शुरू करने वाले मयंक बिडवाटका का लोकल लैंग्वेज कंटेंट को लेकर एक अलग ही विचार रहा। 2015 में ओला द्वारा टैक्सी फॉर श्योर के अधिग्रहण के बाद, अप्रमेय एक एक्टिव एंजेल इन्वेस्टर और एडवाइजर के रूप में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में उलझ गए, लेकिन उन्होंने कोई दूसरा उद्यम शुरू नहीं किया था।
फिर 2017 में उन्होंने अपने अगले स्टार्टअप की घोषणा की। एक लंबी सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने अपने अगले स्टार्टअप वोकल (Vokal) की घोषणा की जोकि एक पियर टू पियर इंडियन लैंग्वेज कंटेंट ऐप है। बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप एक यूजर-जेनरेटेड कंटेंट प्लेटफॉर्म है जो किसी एक को किसी दूसरे से सीखने की अनुमति देता है।
अप्रमेय के अनुसार, इंडियन लैंग्वेज में हाई क्वालिटी वाले कंटेंट की कमी है। उनका मानना है कि भारत में आर्थिक विषमता मुख्य रूप से एक 'ज्ञान असमानता' के कारण है। और ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आज हमारे पास मौजूद अधिकांश जानकारी अंग्रेजी में है। और भारत मुख्य रूप से एक अंग्रेजी बोलने वाला देश नहीं है।
अप्रमेय कहते हैं,
"आपके और मेरे लिए किसी भी प्रश्न या संदेह का हल खोजना मुश्किल नहीं है। क्योंकि इसके लिए हमें केवल अपना फोन निकालना बोहोता है और हम ऑनलाइन सब कुछ ढूंढ़ लेते हैं। लेकिन, अगर आप इस पर गौर से सोचते हैं तो पाएंगे कि भारतीय आबादी का बहुत छोटा हिस्सा है जो अंग्रेजी के साथ सहज है और अपने हल खुद ढूंढ़ सकता है। ऐसे में उन लोगों का क्या जो अंग्रेजी को लेकर ज्यादा सहज नहीं है, लेकिन अपनी मूल भारतीय भाषा में अच्छे हैं? वोकल को इसी ऑडियंस को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।”
मयंक के साथ एक साल से अधिक समय तक इस आइडिया पर चर्चा करने के बाद, इस जोड़ी ने इस आधार के साथ शुरुआत की कि लोग ये जानते थे कि उन्हें क्या बोलना और एक्सप्रेस करना है तो वे कुछ वास्तव में कंटेंट भी बना सकते हैं। अप्रमेय और मयंक ने महसूस किया कि लोगों को कंटेंट क्रिएट करने की दिशा में आगे आने की जरूरत है, और उस अर्थ में, स्टार्टअप के लिए सवाल-जवाब प्रारूप ने सबसे अच्छा काम किया।
भारतीय भाषा कंटेंट प्लेटफॉर्म तेजी से बढ़ रहे हैं, जैसे कुछ नाम ShareChat, DailyHunt, और TikTok पहले से ही काफी पॉपुलर हैं। हालांकि, वोकल को पीयर-टू-पीयर कंटेंट क्रिएशन पर ज्यादा फोकस किया गया है। RedSeer की रिपोर्ट के अनुसार, क्षेत्रीय मीडिया में डिजिटल विज्ञापन खर्च 2018 में 300 मिलियन डॉलर से बढ़कर 2023 तक $3 बिलियन हो जाएगा।
वोकल ने कुल फंडिंग में $6.5 मिलियन जुटाए हैं। इसका दावा है कि इसके पास 20 मिलियन MAU (मंथली एक्टिव यूजर्स) हैं। प्लेटफॉर्म कोरोनावायरस महामारी के कारण अभूतपूर्व वृद्धि देख रहा है क्योंकि अधिक लोग महामारी के आसपास की जानकारी मांग रहे हैं।
संस्थापकों का दावा है कि स्टार्टअप अब 300 प्रतिशत सप्ताह-दर-सप्ताह वृद्धि देख रहा है।