यौन उत्पीड़न के मामलों में 44 लाख डॉलर का भुगतान करेगी कैब सेवाएं देने वाली कंपनी 'उबर'
अमेरिका की एप आधारित कैब सेवाएं सुलभ कराने वाली कंपनी उबर टेक्नोलॉजीज अपने यहां यौन उत्पीड़न की संस्कृति का बोलबाला होने के आरोपों की जांच का निपटान कराने के लिए सरकार को 44 लाख डॉलर का भुगतान करने पर सहमत हुई है। यह जांच अमेरिका की संघीय व्यवस्था के तहत की जा रही है।
अमेरिका में रोजगार के क्षेत्र में स्त्री-पुरुष समानता का नियमन करने वाले आयोग ने बुधवार को इसकी घोषणा की। आयोग 2017 से मामले की जांच कर रहा है।
आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है,
"उबर में उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को भुगतान के लिये 44 लाख डॉलर का कोष बनाने की कंपनी की सहमति के बाद यह जांच बंद की गयी है।"
कंपनी के खिलाफ इस तरह के दावों का निपटान करने के लिये नियुक्त अधिकारी उबर में एक जनवरी 2014 से 30 जून 2019 के बीच काम करने वाली महिलाओं को नोटिस भेजेगा।
आयोग तय करेगा कि दावा करने वाली महिलाओं में कौन-कौन इस कोष से भुगतान पाने की पात्र हैं।
कंपनी बार-बार इस तरह का अपराध करने वालों की पहचान करने तथा यौन उत्पीड़न के बारे में समय पर जानकारी देने में असफल रहे प्रबंधकों की पहचान करने के लिये एक प्रणाली का गठन करेगी।
एक महिला ने ठोका था 1 करोड़ डॉलर का मुकदमा
आपको बता दें कि उबर के एक ड्राइवर पर बीते साल अप्रैल, 2018 में वाशिंगटन की एक महिला ने 1 करोड़ डॉलर (लगभग 69 करोड़ रुपये) का मुकदमा ठोका था। महिला का आरोप था कि उबर के एक चालक ने उसके साथ यौन उत्पीड़न किया था।
जिसके बाद पुलिस जांच के दौरान जुटाए गए डीएनए नमूनों पर आधारित पीड़िता को सही ठहराया गया और चालक रौल रॉड्रिग्ज वास्क्वेज को दोषी ठहराया गया। वह अभी जेल में सजा काट रहा है।
यौन उत्पीड़न मामले में गूगल ने भी दिए थे 730 करोड़ रुपये
गौरतलब है कि गूगल ने भी यौन उत्पीड़न मामले में फंसे भारतीय मूल के सीनियर एग्जीक्यूटिव अमित सिंघल को 313 करोड़ रुपये और 'फॉदर ऑफ एंड्रॉयड' कहे जाने वाले एंडी रुबीन को कंपनी ने 600 करोड़ रुपये से भी ज्यादा रकम का भुगतान किया था।
जिसके बाद कंपनी के इस निर्णय से नाराज होकर करीब 1500 से अधिक कर्मचारियों ने वॉक आउट कर दिया था।
(Edited by रविकांत पारीक)