Budget 2023: स्टार्टअप्स, आम जनता के लिए क्या हैं नेशनल डेटा गवर्नेंस पॉलिसी के मायने?
बजट 2023 भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि KYC प्रॉसेस को आसान बनाने के लिए रिस्क बेस्ड अप्रोच अपनाई जाएगी. उन्होंने बताया कि सरकार की इस पॉलिसी से स्टार्टअप्स, इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही अनजान डेटा को एक्सेस किया जा सकेगा.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने बुधवार को संसद में आम बजट 2023-24 (UNION BUDGET 2023-24) पेश किया. यह आम बजट निर्मला सीतारमण के कार्यकाल का पांचवा बजट और नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) का 11वां बजट था.
इस बजट में कई बड़े ऐलान किए गए हैं. वित्त मंत्री ने नेशनल डेटा गवर्नेंस पॉलिसी (National Data Governance Policy) का ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि सरकार नेशनल डेटा गवर्नेंस पॉलिसी लेकर आ रही है. इस पॉलिसी में KYC को आसान बनाया जाएगा.
बजट 2023 भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि KYC प्रॉसेस को आसान बनाने के लिए रिस्क बेस्ड अप्रोच अपनाई जाएगी. उन्होंने बताया कि सरकार की इस पॉलिसी से स्टार्टअप्स, इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही अनजान डेटा को एक्सेस किया जा सकेगा.
इस वक्त डेटा किसी भी देश के लिए एक बड़ा ऐसेट बन चुका है. ऐसे में दुनियाभर की तमाम कंपनियां और दूसरी एजेंसियां यूजर्स का डेटा हासिल करने की कोशिश करती हैं. इसे कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है. यूजर्स के डेटा की सुरक्षा के लिए सरकार नेशनल डेटा गवर्नेंस पॉलिसी लाएगी. इस पॉलिसी का काम डेटा के यूज को मैनेज करना होगा. इस तरह की पॉलिसी में डेटा क्वालिटी, एक्सेस, सिक्योरिटी, प्राइवेसी और यूज को लेकर इंडीविजुअल पॉलिसी हो सकती हैं.
इससे पहले, बीते साल 2022 में, आईटी मंत्रालय ने भारत-विशिष्ट डेटासेट के एक बड़े भंडार के निर्माण के लिए और शोधकर्ताओं और स्टार्टअप्स द्वारा उपयोग के लिए नॉन-पर्सनल डेटा शेयर करने पर जोर देने के साथ नेशनल डेटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क पॉलिसी (National Data Governance Framework Policy - NDGFP) का एक नया ड्राफ्ट जारी किया.
मंत्रालय ने बताया कि इस फ्रेमवर्क के तहत एक प्लेटफॉर्म तैयार किया जाएगा जो अनुरोधों को संसाधित करेगा और भारतीय शोधकर्ताओं और स्टार्टअप्स को नॉन-पर्सनल और/या अनजान डेटासेट तक पहुंच प्रदान करेगा.
इससे पहले, MeitY ने उसी पर एक ड्राफ्ट पॉलिसी जारी की थी, लेकिन मंत्रालय द्वारा डेटा शेयर करने की योजना को लेकर व्यापक आलोचना का सामना करने के बाद इसे वापस ले लिया था. नए (वर्तमान) ड्राफ्ट में डेटा मॉनेटाइजेशन के प्रावधान नहीं हैं.
यह भी बताया गया कि भारत सरकार भारत डेटासेट प्रोग्राम भी बनाएगी, जिसमें सरकारी संस्थाओं से नॉन-पर्सनल और अनजान डेटासेट शामिल होंगे, जिन्होंने भारतीय नागरिकों या भारत में मौजूद लोगों से डेटा एकत्र किया है. पॉलिसी में कहा गया है कि निजी संस्थाओं को इस तरह के डेटा को शेयर करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
कैसे काम करेगी नेशनल डेटा गवर्नेंस पॉलिसी?
1 फरवरी को आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय में राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने स्पष्ट किया कि यह डेटा विदेशी या बड़ी टेक कंपनियों को उपलब्ध नहीं कराया जाएगा.
चंद्रशेखर ने एक ट्वीट में कहा, "नेशनल डेटा गवर्नेंस पॉलिसी एनोनिमाइजेशन मानकों सहित सरकारी डेटा को मैनेज करने और स्टोर करने के लिए मानक निर्धारित किए गए हैं. NDGFP के तहत, भारत डेटासेट प्रोग्राम रिसर्च और गवर्नेंस ऐप्लीकेशंस के लिए बनाया जाएगा."
अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI), मशीन लर्निंग (ML) हर एक इंडस्ट्री का एक बड़ा सेक्टर और भविष्य है. AI-ML के साथ बड़ी चुनौती हालांकि डेटा तक पहुंच है, आपके लिए एल्गोरिदम चलाने और परिणामों को मान्य करने में सक्षम होने के लिए, आपको भारी मात्रा में डेटा की आवश्यकता है, चाहे वह हेल्थकेयर सेक्टर हो, साइबर सिक्योरिटी या बैंकिंग में हो.
डेटा फ्रेमवर्क के लिए जिम्मेदार होगा IDMO
ड्राफ्ट में कहा गया है कि डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन के तहत MeitY में एक इंडिया डेटा मैनेजमेंट ऑफिस (IDMO) की स्थापना की जाएगी, जो पॉलिसी के तहत नियमों, मानकों और दिशानिर्देशों तैयार करेगा और डेटा फ्रेमवर्क के लिए जिम्मेदार होगा.
ड्राफ्ट पॉलिसी में कहा गया है कि यह उस प्लेटफॉर्म को डिजाइन करने के लिए भी जिम्मेदार होगा जो शोधकर्ताओं और स्टार्टअप्स द्वारा उपयोग के लिए नॉन-पर्सनल और/या अनजान डेटासेट तक पहुंच के अनुरोध को संसाधित करता है.
इसके अलावा, पॉलिसी में कहा गया है कि विभागों और मंत्रालयों में एक नामित अधिकारी की अध्यक्षता में डेटा मैनेजमेंट यूनिट्स (DMU) होंगी. यह अधिकारी पॉलिसी के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए IDMO के साथ मिलकर काम करेगा.
ड्राफ्ट में कहा गया है, "राज्य सरकारों को भी राज्य स्तर के डेटा अधिकारियों को नामित/नियुक्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और IDMO इस संबंध में प्रशिक्षण सहित सभी सहायता प्रदान करेगा."
ड्राफ्ट पॉलिसी में कहा गया है कि प्रत्येक सरकारी मंत्रालय/विभाग/संगठन को उपलब्ध डेटासेट की पहचान और वर्गीकरण करना होगा. निजी कंपनियां भी डेटासेट बना सकती हैं और भारत डेटासेट प्रोग्राम में योगदान कर सकती हैं. IDMO इस संबंध में नियम और मानक निर्धारित करेगा.
“IDMO गोपनीयता, सुरक्षा और विश्वास सुनिश्चित करते हुए नॉन-पर्सनल डेटासेट शेयर करने के लिए प्रोटोकॉल अधिसूचित करेगा. IDMO प्राथमिकता/विशेष रूप से भारतीय/भारत स्थित अनुरोध करने वाली संस्थाओं को डेटा प्रदान करने के लिए नियमों को अधिसूचित करेगा," ड्राफ्ट पॉलिसी में यह बात भी कही गयी है. प्रस्तावित नियामक निकाय भी डेटा की वास्तविकता और इसकी वैधता का न्याय करेगा.
ड्राफ्ट पॉलिसी के अनुसार, IDMO डेटासेट एक्सेस प्लेटफॉर्म को डिजाइन और मैनटेन करेगा, जो डेटाबेस तक पहुंच प्रदान करने के लिए जिम्मेदार होगा. इंडिया डेटासेट प्रोग्राम के सभी डेटासेट केवल इस और किसी भी अन्य IDMO-नामित और अधिकृत प्लेटफॉर्म के माध्यम से ही एक्सेस किए जा सकते हैं.
पॉलिसी में IDMO को यह सुनिश्चित करने की शक्ति देकर डेटा अनुरोधों की सीमा भी प्रस्तावित की है कि अनुरोध करने वाली संस्थाओं को उनके उपयोग के मामलों के लिए पूर्ण डेटाबेस या संयोजन तक पहुंच की अनुमति दी जाए या नहीं.
IDMO अंतर-सरकारी डेटा एक्सेस के लिए एक मैकेनिज्म भी तैयार करेगा. इसमें कहा गया है, "सरकार से सरकार तक डेटा पहुंच के लिए सभी सरकारी मंत्रालय/विभाग स्पष्ट मेटाडेटा और डेटा शब्दकोशों के साथ विस्तृत, खोज योग्य डेटा सूची तैयार करेंगे."
ड्राफ्ट पॉलिसी में कहा गया है कि एक निश्चित सीमा से अधिक एकत्र/संग्रहीत/साझा किए गए और एक्सेस किए गए डेटा के लिए प्रकटीकरण मानदंड तैयार किए जाएंगे. इसके अलावा, IDMO सरकारी इकोसिस्टम से परे साझा किए गए डेटा के नैतिक और उचित उपयोग के सिद्धांतों को परिभाषित करने के लिए भी जिम्मेदार होगा.
पॉलिसी में यह भी कहा गया है कि IDMO नागरिकों के लिए डेटासेट का अनुरोध करने, शिकायत दर्ज करने और समयबद्ध तरीके से जवाब देने के लिए IDMO के तहत डेटा मैनेजमेंट यूनिट्स (DMU) की जिम्मेदारी स्थापित करने के लिए एक मैकेनिज्म स्थापित करेगा.
आपको बता दें कि बजट के दौरान, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी घोषणा की कि सरकार उद्योग की मदद से संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के 3 केंद्र स्थापित करेगी.