Budget 2023: क्या है iGOT Karmayogi पोर्टल, किसे मिलेगा इसका फायदा?
आम बजट में वित्त मंत्री ने लाखों सरकारी कर्मचारियों को उनका कौशल बढ़ाने और जन केन्द्रित सुविधाएं उपलब्ध कराने योग्य बनाने के लिए एक एकीकृत ऑनलाइन प्रशिक्षण मंच 'आई-गोट कर्मयोगी' (iGOT Karmayogi) के शुभारंभ की घोषणा की.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने बुधवार को संसद में आम बजट 2023-24 (UNION BUDGET 2023-24) पेश किया. यह आम बजट निर्मला सीतारमण के कार्यकाल का पांचवा बजट और नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) का 11वां बजट था.
आम बजट में वित्त मंत्री ने लाखों सरकारी कर्मचारियों को उनका कौशल बढ़ाने और जन केन्द्रित सुविधाएं उपलब्ध कराने योग्य बनाने के लिए एक एकीकृत ऑनलाइन प्रशिक्षण मंच 'आई-गोट कर्मयोगी' (iGOT Karmayogi) के शुभारंभ की घोषणा की.
क्या है iGOT Karmayogi?
iGOT कर्मयोगी प्लेटफॉर्म के जरिए कर्मचारियों को एक विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके लिए ई-लर्निंग पर फोकस रहेगा. इसी के माध्यम से उन्हें आवश्यक कंटेंट मुहैया किया जाएगा. प्रशिक्षण के पश्चात ही अधिकारियों को तैनाती दी जाएगी. उनके कार्यों का निर्धारण किया जाएगा और खाली पदों के संबंध में अधिसूचना जारी की जाएगी.
यह भारत में दो करोड़ से भी अधिक कार्मिकों की क्षमताओं को बढ़ाने के लिये व्यापक और अत्याधुनिक संरचना सुलभ कराएगा. क्षमता विकास के अलावा, सेवा मामलों जैसे कि परिवीक्षा अवधि के बाद पुष्टीकरण या स्थायीकरण, तैनाती, कार्य निर्धारण और रिक्तियों की अधिसूचना इत्यादि को अंतत: प्रस्तावित दक्षता या योग्यता संरचना के साथ एकीकृत कर दिया जाएगा.
iGOT कर्मयोगी प्लेटफॉर्म को एक विश्व स्तरीय बाजार बनाने का भी प्रयास किया जा रहा है. iGOT कर्मयोगी के माध्यम से कर्मचारी का क्षमता निर्माण ई-लर्निंग कॉन्टेक्ट के माध्यम से किया जायेगा. इसी के साथ ही अन्य सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई जाएगी.
iGOT की वेबसाइट पर उपल्ब्ध डेटा के अनुसार, अब तक 3,14,123 कर्मयोगी इस प्लेटफॉर्म से जुड़ चुके हैं. यहां 341 कोर्स उपल्ब्ध हैं. इस प्लेटफॉर्म पर 795 घंटे का कंटेंट तैयार है.
बैकग्राउंड: मिशन कर्मयोगी योजना
2 सितंबर 2020 को सरकार द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मिशन कर्मयोगी योजना को मंजूरी दे दी गई थी. यह योजना सिविल अधिकारियों की क्षमता बढ़ाने के लिए आरंभ की गई है. मिशन कर्मयोगी योजना को सिविल सेवाओं से जुड़े अधिकारियों, कर्मचारियों के कौशल और योग्यता क्षमता में वृद्धि करने के लिए लॉन्च किया गया है. ताकि अधिकारियों के पास अधिक तर्कशक्ति और सोचने समझने की क्षमता में वृद्धि हो सके और साथ ही सरकार द्वारा कई सुविधाएँ देने के लिए इनमें सुधार करेगी. कर्मचारियों को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जाएगी, ई लर्निंग कंटेंट प्रदान किया जायेगा, जिससे की कर्मक्षमता में वृद्धि हो सके.
इस योजना के लिए सरकार द्वारा 5 साल के लिए कुल 510.86 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है. इस स्कीम के अंतर्गत लगभग 46 लाख सरकारी कर्मचारी आएंगे, और योजना के माध्यम से अधिकारियों की स्किल्स को डेवलप किया जायेगा.
इसमें ऑफ साइट सीखने के कॉन्सेप्ट को बेहतर बनाते हुए ऑन द साइट सीखने के सिस्टम पर भी जोर दिया जायेगा. मिशन कर्मयोगी योजना के अंतर्गत एक स्वामित्व वाली विशेष परियोजन वाहन कंपनी का गठन किया जायेगा जो की कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 8 के अंतर्गत किया जायेगा. ये एक नॉन-प्रॉफ़िट संगठन होगा जो की iGOT कर्मयोगी प्लेटफॉर्म का स्वामित्व और प्रबंधन करेगी.
कर्मयोगी योजना का उद्देश्य भारतीय सिविल सेवकों को अधिक रचनात्मक, कल्पनाशील, सक्रिय, पेशेवर, प्रगतिशील, ऊर्जावान, सक्षम, पारदर्शी और तकनीकी बनाकर उनका परिचय कराना है. ताकि वे अपनी क्षमता के अनुसार अपना काम कर सकें.
मिशन कर्मयोगी के स्तंभ
कैबिनेट ने मिशन कर्मयोगी के 6 स्तंभों पर प्रकाश डाला है जो इसके नींव को मजबूत करने में मदद करेंगे और भविष्य में बेहतर सिविल सेवक तैयार करने में सहायक होंगे.
मिशन कर्मयोगी के 6 स्तंभ निम्नलिखित हैं —
पॉलिसी फ्रेमवर्क: इसका उद्देश्य ऑनलाइन लर्निंग के साथ भौतिक क्षमता निर्माण दृष्टिकोण को पूरा करना है. यह आधुनिक तकनीकी उपकरण जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स आदि को अपनाने के योग्य बनाएगा.
इंस्टीट्यूशनल फ्रेमवर्क: NPCSCB की संस्थागत संरचना जवाबदेही और पारदर्शिता पर आधारित है.
कंपीटेंसी फ्रेमवर्क: यह प्रत्येक मंत्रालय द्वारा सभी पदों के लिए परिभाषित की जाने वाली भूमिकाओं, गतिविधियों और योग्यता का ढांचा है. कार्य आवंटन, कार्य असाइनमेंट को अंततः iGOT कर्मयोगी प्लेटफार्म पर किया जाएगा.
डिजिटल लर्निंग फ्रेमवर्क iGOT-कर्मयोगी: यह लगभग 2.5 करोड़ सिविल सेवकों को सीखने के लिए कहीं भी कभी भी उपलब्ध रहेगा. यह मजबूत ई-लर्निंग सामग्री द्वारा समर्थित होगा.
इलेक्ट्रॉनिक ह्यूमन रिसॉर्स मैनेजमेंट सिस्टम: यह सभी सिविल सेवकों के लिए संघर्ष रहित क्षमता निर्माण प्रदान करने के लिए बनाई गई है.
मॉनिटरिंग एंड एवलुशन फ्रेमवर्क: इसे प्रत्येक व्यक्ति पर नज़र रखने और मूल्यांकन करने के साथ व्यक्ति के कौशल के विकास की निगरानी करने के लिए रखा गया है.
यह योजना सिविल सेवा के अधिकारियों की कार्यक्षमता बढ़ाने और कार्यप्रणाली में सुधार के लिए प्रारंभ की गई है. इसे ह्यूमन रिसॉर्स सेक्टर का अब तक का सबसे बड़ा सुधार माना जा रहा है. इसके माध्यम से सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों का कौशल विकास यानि स्किल डेवलपमेंट किया जाएगा. लगभग 46 लाख सरकारी कर्मचारी इस मिशन कर्मयोगी योजना (NPCSCB) के अंतर्गत आएंगे.