साल 2022 में UPI के जरिए 126 लाख करोड़ रुपये के 7,400 करोड़ डिजिटल पेमेंट हुए - निर्मला सीतारमण
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) आज संसद में आम बजट 2023-24 (UNION BUDGET 2023-24) पेश किया. यह आम बजट निर्मला सीतारमण के कार्यकाल का पांचवा बजट और नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) का 11वां बजट था.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट की घोषणा में बताया कि प्रति व्यक्ति आय करीब 9 वर्षों में दोगुनी होकर 1.97 लाख रुपये हो गई है. भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ा है और यह पिछले 9 साल में विश्व की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यस्था बन गई है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में सदस्यों की संख्या दोगुनी से अधिक होकर 27 करोड़ तक पहुंच गई है.
उन्होंने आगे बताया, "वर्ष 2022 में यूपीआई के माध्यम से 126 लाख करोड़ रुपये के 7,400 करोड़ डिजिटल भुगतान किए गए हैं. 47.8 करोड़ प्रधानमंत्री जनधन बैंक खाते खोले गए. पीएम सुरक्षा बीमा योजना और पीएम जीवन ज्योति योजना के अंतर्गत 44.6 करोड़ लोगों को बीमा कवरेज मिला."
वित्त मंत्री ने कहा, "5G सेवाओं पर आधारित एप्लीकेशन विकसित करने के लिए 100 लैब्स स्थापित की जाएंगी, जिनसे नये अवसरों, बिजनेस मॉडलों और रोजगार संबंधी संभावनाओं को तलाशने में सहायता मिलेगी."
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "सरकार ने 2,516 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 63,000 प्राथमिक कृषि ऋण सोसाइटियों (Primary Agricultural Credit Societies - PACS) के कंप्यूटरीकरण कार्य शुरू किया है. लाखों सरकारी कर्मचारियों को उनका कौशल बढ़ाने और जन केन्द्रित सुविधाएं उपलब्ध कराने योग्य बनाने के लिए एक एकीकृत ऑनलाइन प्रशिक्षण मंच 'आई-गोट कर्मयोगी' (iGOT Karmayogi) का शुभारंभ."
आम बजट 2023-24 की स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए अन्य घोषणाएं इस प्रकार हैं:
कारोबारी सुगमता के लिए 39,000 अनुपालनों (compliances) को हटा दिया गया और 3,400 से अधिक कानूनी प्रावधानों को अपराध मुक्त कर दिया गया. सरकार की विश्वसनीयता बढ़ाने की दिशा में 42 केन्द्रीय कानूनों में संशोधन के लिए 'जन विश्वास विधेयक' लाया गया.
स्टार्टअप्स और शिक्षाविदों द्वारा नवाचार और अनुसंधान शुरू करने के लिए 'राष्ट्रीय डाटा शासन नीति' (National Data Governance Policy) लाई जाएगी.
स्टार्टअप द्वारा आयकर लाभ प्राप्त करने हेतु निगमन की तारीख 31.03.23 से बढ़ाकर 31.03.2024 तक करने का प्रस्ताव.
स्टार्टअप की शेयरधारिता में परिवर्तन पर हानियों के अग्रेनयन के लाभ को निगमन के सात वर्ष से 10 वर्ष तक प्रदान करने का प्रस्ताव.
कर रियायतों और छूटों को बेहतर लक्षित करने के लिए धारा 54 और 54एच के तहत आवासीय गृह मे किए गए निवेश पर पूंजीगत लाभों से कटौती की सीमा को 10 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव.
दिनांक 1 अप्रैल, 2023 को या इसके बाद जारी जीवन बीमा पॉलिसियां (यूलिप को छोड़कर) के लिए कुल प्रीमियम अगर 5 लाख रुपये से अधिक है, तो केवल उन पॉलिसियों, जिनका प्रीमियम 5 लाख रुपये तक है, से होने वाली आय पर छूट देने का प्रावधान. बीमित व्यक्ति की मृत्यु पर प्राप्त राशि पर प्रदान की गई कर छूट पर इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा.
आयकर प्राधिकरण बोर्ड और कमीशन जिसकी स्थापना केन्द्र या राज्य सरकार द्वारा हाउसिंग, शहर का विकास, कस्बा और गांव के लिए नियामक और विकास गतिविधियों या कार्यों के लिए की गई हो उन्हें आयकर से बाहर रखने का प्रस्ताव.
व्यक्तियों की पहचान और पते के मिलान और अपडेशन के लिए वन स्टॉप समाधान की व्यवस्था की जाएगी, जिसमें डिजीलॉकर सेवा और आधार का मूलभूत पहचान के रूप में प्रयोग किया जाएगा.
न्याय के प्रशासन में दक्षता लाने के लिए, 7,000 करोड़ रूपये के परिव्यय से ई-न्यायालय परियोजना का चरण-3 शुरू किया जाएगा.
एकीकृत स्किल इंडिया डिजिटल प्लेटफॉर्म की शुरूआत कर कौशलवर्द्धन हेतु मांग आधारित औपचारिक कौशलवर्द्धन सक्षम करने, एमएमएमई सहित नियोक्ताओं के साथ जोड़़ने और उद्यमिता योजनाओं की सुलभता सुगम करने के लिए डिजिटल तंत्र को और विस्तार प्रदान किया जाएगा.
वित्तीय सहायक सूचना की केन्द्रीय भंडार के रूप में काम करने के लिए एक राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री की स्थापना की जाएगी. इसे ऋण का कुशल प्रवाह संभव हो पाएगा, वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा और वित्तीय स्थिरता बढ़ेगी. एक नया विधायी ढांचा इस क्रेडिट पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को भी विनियमित करेगा और इसे आरबीआई के साथ परामर्श करके डिजाइन किया जाएगा.
आम लोगों और विनियमित संस्थाओं से सुझाव प्राप्त करने के साथ वित्तीय क्षेत्र के विनियामकों से मौजूदा विनियमों की व्यापक समीक्षा की जाएगी. विभिन्न विनियमों के अंतर्गत आवेदनों पर निर्णय लेने की समयसीमाएं भी निर्धारित की जाएंगी.
GIFT IFSC में व्यापार गतिविधियों को बढ़ाने के लिए कई उपाय किए गए हैं.
दोहरे विनियम से बचने के लिए SEZ अधिनियम के अंतर्गत IFSCA को शक्तियां प्रदान की जाएंगी.
IFSCA, SEZ प्राधिकारियों, GSTN, RBI, SEBI और IRDAI से पंजीकरण और अनुमोदन के लिए सिंगल विंडो आईटी सिस्टम की स्थापना की जाएगी.
विदेशी बैंकों के IFSC बैंकिंग इकाइयों द्वारा अधिग्रहण वित्त पोषण की अनुमति दी जाएगी.
व्यापार पुनर्वित्त पोषण के लिए एक्जिम बैंक (EXIM Bank) की एक सहायक संस्था की स्थापना की जाएगी.