Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग के लिये TDS दर में कटौती पर विचार करे सरकार: रिपोर्ट

सरकार ने पिछले साल एक अप्रैल से बिटकॉइन, एथेरियम समेत क्रिप्टो करेंसी जैसी ‘वर्चुअल डिजिटल संपत्ति' के अंतरण पर 30 प्रतिशत आयकर के साथ अधिभार और उपकर लगाया था. साथ ही, 10,000 रुपये से अधिक ‘वर्चुअल' डिजिटल मुद्रा के भुगतान पर एक प्रतिशत टीडीएस लगाया गया.

क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग के लिये TDS दर में कटौती पर विचार करे सरकार: रिपोर्ट

Thursday January 26, 2023 , 3 min Read

आगामी 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट 2023-24 पेश करेंगी. ऐसे में, हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को क्रिप्टोकरेंसी कारोबार पर टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) एक प्रतिशत से कम करने पर विचार करना चाहिए. इसका कारण उच्च कर की दर से पूंजी बाहर जा रही है और विदेशी अधिकार क्षेत्र में आने वाले मंचों और अनधिकृत बाजारों से निवेशक निकल रहे हैं.

चेज इंडिया और इंडस लॉ ने ‘वर्चुअल डिजिटल संपत्ति' (वीडीए) पर एक प्रतिशत टीडीएस के प्रभाव' शीर्षक से अपनी संयुक्त रिपोर्ट में कहा कि क्रिप्टो कारोबार की सुविधा देने वाले मंचों/ बाजारों को अपने ग्राहकों की भी जांच-परख करनी चाहिए. इससे भविष्य में अगर कोई जोखिम की आशंका है, उसे सामने लाया जा सकता है.

रिपोर्ट के अनुसार, "व्यापक नियमन के अभाव में क्रिप्टो कारोबार पर मौजूदा एक प्रतिशत टीडीएस से एक तरफ जहां पूंजी बाहर जा रही है, वहीं दूसरी तरफ दूसरे देशों के अधिकार क्षेत्रों में आने वाले कारोबारी मंचों तथा अनधिकृत बाजार से ग्राहक बाहर निकल रहे हैं."

उल्लेखनीय है कि सरकार ने पिछले साल एक अप्रैल से बिटकॉइन, एथेरियम समेत क्रिप्टो करेंसी जैसी ‘वर्चुअल डिजिटल संपत्ति' के अंतरण पर 30 प्रतिशत आयकर के साथ अधिभार और उपकर लगाया था.

साथ ही, 10,000 रुपये से अधिक ‘वर्चुअल' डिजिटल मुद्रा के भुगतान पर एक प्रतिशत टीडीएस लगाया गया.

रिपोर्ट के अनुसार, "टीडीएस लगाने का मकसद क्रिप्टो में लेनदेन का पता लगाना था. यह लक्ष्य स्रोत पर कर कटौती दर कम कर भी हासिल किया जा सकता है. कम दर से टीडीएस से न केवल लेन-देन का पता चल सकेगा बल्कि अगर भारतीय निवेशक केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) युक्त भारतीय मंचों से कारोबार करते रहते हैं, तो कर संग्रह में भी इजाफा होगा."

यह रिपोर्ट बजट से पहले जारी की गई है. इसमें यह भी सुझाव दिया गया है कि सुरक्षा और निगरानी उद्देश्य से, सरकार को आधार नियमों की तरह सभी क्रिप्टो बाजारों/मंचों को निवेशकों/कारोबारियों कर विस्तृत केवाईसी सत्यापन करने को कहना चाहिए.

चेज इंडिया और इंडस लॉ ने रिपोर्ट में यह भी कहा कि कई क्रिप्टो बाजार नियम के दायरे में आने के बावजूद टीडीएस नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. कई मामले में देखा गया है कि गलत तरीके से क्रिप्टो मंच ने छूट प्राप्त की हुई है. इन खामियों को दूर किये जाने की जरूरत है.

बता दें कि CBDT यानी सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज के अनुसार, यदि कोई भी व्यक्ति क्रिप्टोकरेंसी खरीदता है तो उस व्यक्ति का एक्सचेंज सेक्शन 194S के तहत टीडीएस काटा जाएगा.पिछले साल 1 जुलाई से टीडीएस 10 हजार रुपये से ऊपर की ट्रांजैक्शन पर काम करता है. इसका मतलब यह है कि अगर कोई भी भारतीय अपने Ethereum, Bitcoin, BNB, Tether, Solana, Shibu Inu, Dogecoin आदि क्रिप्टो को बेचता है तो उन्हें क्रिप्टो पर मांगी गई राशि का 1 प्रतिशत कटकर मिलेगा.