Budget 2023: क्या खत्म होगी मैनुअल स्कैवेंजिंग? मैनहोल की 100 फीसदी सफाई मशीन से करने का लक्ष्य
साल 2019 में, सुप्रीम कोर्ट ने भारत में मैला ढोने और सीवेज की सफाई के दौरान मरने वाले लोगों पर गंभीर चिंता व्यक्त की थी. अपनी चिंता व्यक्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दुनिया में कहीं भी लोगों को ‘गैस चैंबर’ में मरने के लिए" नहीं भेजा जाता है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज फाइनेंशियल ईयर 2023-23 का आम बजट पेश कर दिया है. वित्त मंत्री द्वारा गिनाई गईं 7 प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना भी शामिल है.
इसके तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को केंद्रीय बजट 2023 पेश करते हुए बताया कि मैनुअल स्कैवेंजिंग यानि हाथ से मैला ढोले को खत्म करने के उद्देश्य से सेप्टिक टैंक और सीवर की 100 फीसदी सफाई मशीनों से करने के लिए सक्षम किया जाएगा. इसके माध्यम से सभी शहरों और कस्बों को मैनहोल से मशीन से सफाई में बदल दिया जाएगा.
साल 2020 में, केंद्र सरकार ने मैला ढोने वालों और उनके पुनर्वास अधिनियम, 2013 में संशोधन किया था. इसका उद्देश्य सीवर और सेप्टिक टैंकों की मशीनीकृत सफाई को अनिवार्य बनाना और "मैनहोल" शब्द को आधिकारिक उपयोग में "मशीन-होल" से बदलना था. इसके साथ ही उल्लंघनों की रिपोर्ट करने के लिए 24x7 राष्ट्रीय हेल्पलाइन की भी व्यवस्था की गई थी.
बता दें कि, दिसंबर 2022 में, सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने लोकसभा को सूचित किया कि 2017 से सीवर और सेप्टिक टैंक की खतरनाक सफाई करते समय 400 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी.
वहीं, वित्त मंत्री सीतारमण ने यह भी कहा कि सूखे और गीले कचरे को अलग करने पर जोर दिया जाएगा. इसके लिए साइंटिफिक मैनेजमेंट पर फोकस किया जाएगा.
बता दें कि, साल 2019 में, सुप्रीम कोर्ट ने भारत में मैला ढोने और सीवेज की सफाई के दौरान मरने वाले लोगों पर गंभीर चिंता व्यक्त की थी. अपनी चिंता व्यक्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दुनिया में कहीं भी लोगों को ‘गैस चैंबर’ में मरने के लिए" नहीं भेजा जाता है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अपना पांचवां केंद्रीय बजट पेश किया. वित्त मंत्री ने बजट 2023-24 की 7 प्रमुख प्राथमिकताएं – समावेशी विकास, अंतिम मील तक पहुंचना, बुनियादी ढांचा और निवेश, क्षमता को उजागर करना, हरित विकास, युवा और वित्तीय क्षेत्र गिनाईं.
Edited by Vishal Jaiswal